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श्वेत क्रान्ति के सूत्रधार कुरियन की मृत्यु अपूरणीय क्षति =पी एम्

भारत को दुग्ध उत्पादन में विश्व में अग्रणी स्थान पर लाने वाले डाक्टर वर्गीज कुरियन का मुम्बई में देहांत हो गया| प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने शोक संतप्त परिवार को एक पत्र के माध्यम से संवेदनाएं भेजी हैं|
पी एम् ने अपने संदेश में डाक्टर वर्गीज के साथ अपने संबंधों का स्मरण करते हुए उन्हें देश में सहकारिता आन्दोलन और दुग्ध क्रांति का सन्देश वाहक बताया | डाक्टर सिंह ने बताया कि मिडल मेन को हटा कर ग्रामीणों को सीधे उनके उत्पादन का लाभ पहुंचाने में डाक्टर कुरियन का अतुलनीय योगदान रहा है|डाक्टर कुरियन मूलत केरल के थे | इनका कार्य छेत्र महाराष्ट्रा रहा है|पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे|इस वयोवृद्ध क्रांतिकारी का इलाज़ मुम्बई में चल रहा था| डाक्टर कुरियन के सहकारिता नियमों पर आधारित आनद माडल के डेयरी विकास से देश में श्वेत क्रान्ति आई है| इससे मिडल मेन के बजाय ग्रामीणों को सीधे लाभ पहुंचा है|
|1973 में गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की स्थापना और 34 साल तक अध्यक्षता की | [१] यह संस्था अमूल नाम से डेयरी प्रॉडक्ट बनाती है
।[२] 11 हजार से अधिक गांवों के
[३] 20 लाख से अधिक किसानों की सदस्यता वाली सीएमएमएफ ने सहकारिता के क्षेत्र में दूध और उसके अन्य प्रॉडक्टों के लिए एक इतिहास रचा है।
श्री कुरियन को भारत सरकार ने पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा गया था। 1965 में उन्हें रेमन मैगसायसाय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
डाक्टर मन मोहन सिंह ने श्री कुरियन की मृत्यु को अपूरणीय क्षति बताया और उनकी आत्मा की शांति की कामना की

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