Ad

ब्रिटिश यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों की कमी

ब्रिटेन की आप्रवासन या इमिग्रेशन की नीति के कारण भारतीय छात्रों के दाखिले में ३०% तक कमी आई है|इससे वहां के शिक्षा उद्योग को इस नए संकट का सामना करना पड़ रहा है|
ब्रिटिश यूनिवर्सिटी में भ्र्र्तीय छात्रों के पसंदीदा विषय विज्ञान, तकनीक, इंजीनियर और गणित रहे हैं| अब भरतीय छात्रों की कमी के चलते इन विषयों की पदाई वहां अब या तो बेहद महंगी होगी या फिर ठप्प हो सकती है|
यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार इस महीने के अंत से शुरू होने वाले आगामी अकादमिक सत्र में भारतीय छात्रों की संख्या में 20 से 30 फीसदी की कमी आई है.
शिक्षा छेत्र के जानकारों की राय के अनुसार इस समस्या से जूझने के लिए भारत और यूरोपीय संघ के बाहर से आने वाले छात्रों को आप्रवासन या इमिग्रेशन की सूची से निकाल देना चाहिए क्योंकि इनमें से ज्यादार पढ़ाई करने के बाद वापस चले जाते हैं.हालांकि इन सिफारिशों को सरकार ने खारिज कर दिया क्योंकि वो यूरोपीय संघ के बाहर से आने वालों की संख्या में कटौती करना चाहती है.