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वायुसेना ने कश्मीर में सर्वोच्च बलिदान देने वाले स्‍क्‍वाड्रन लीडर अजय आहूजा को सेल्यूट किया

भारतीय वायु सेना ने कश्मीर के ऑपरेशन विजय में सर्वोच्च बलिदान देने वाले स्‍क्‍वाड्रन लीडर अजय आहूजा को सेल्यूट किया
भारतीय वायु सेना के स्‍क्‍वाड्रन लीडर अजय आहूजा ने कश्‍मीर में एक संघर्ष अभियान में ‘ऑपरेशन विजय’ के दौरान 27 मई 1999 को राष्‍ट्र के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी।
श्री आहूजा के एयरक्राफ्ट को जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल के द्वारा शत्रुओं ने उस वक्‍त निशाना बनाया, जब वे अपनी जान को जोखिम में डाल कर खतरनाक क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्‍त हुए एक पायलट का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे।
भारतीय वायु सेना के साहसिक स्‍क्‍वाड्रन लीडर अजय आहूजा ने अत्‍यंत खतरे के बावजूद अपनी बहादुरी का परिचय दिया, लेकिन दुर्भाग्‍य से उनके विमान को निशाना बनाया गया और यह बुरी तरह क्षतिग्रस्‍त हो गया। इसके बावजूद भी श्री अजय आहूजा ने अपने को विमान से सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन वह शत्रुओं की कैद में शहीद हो गए। श्री अजय आहूजा को उनकी बहादुरी, निस्‍वार्थ सेवा, देश और वायुसेना के अपने साथियों के लिए दी गई प्राणों की आहूति के लिए सदैव याद किया जायेगा।
स्‍क्‍वाड्रन लीडर अजय आहूजा राजस्‍थान के कोटा से थे। वह राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी के एक भूतपूर्व विद्यार्थी थे और एक युद्धक पायलट के तौर पर भारतीय वायुसेना में 14 जून 1985 से सेवा प्रारम्‍भ की थी। अपने 14 वर्षों के कार्यकाल के दौरान उन्‍होंने भारतीय वायुसेना के महत्‍वपूर्ण अभियानों में भाग लिया। उन्‍होंने मिग-21 और मिग-23 युद्धक विमानों का भी संचालन किया।श्री आहूजा अपने पीछे अपनी पत्‍नी अलका आहूजा और पुत्र अंकुश को छोड़ गये हैं।