Ad

राष्ट्र सेवा के लिए अपने कौशल का इस्तेमाल करके इंजीनियरिंग को विश्वस्तरीय बनायें:पी एम

[नई दिल्ली]राष्ट्र सेवा के लिए अपने कौशल का इस्तेमाल करके इंजीनियरिंग को विश्वस्तरीय बनायें:पी एम
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एम विश्वेश्वरैया की जयंती के अवसर पर इंजीनियरों से राष्ट्र सेवा के लिए अपने कौशल का इस्तेमाल करने का आह्वाहन किया और इंजीनियरिंग को ‘‘विश्व स्तरीय’’ बनाने को प्रेरित किया ।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया ,‘‘नवोन्मेष, कठिन परिश्रम, बेहतरीन अनुसंधान के जरिए हमारे इंजीनियरों ने हमारे राष्ट्र के निर्माण में मजबूत भूमिका निभाई है ।’’ अभियन्ता दिवस (इंजीनियर्स डे) के रूप में मनाया जाता है।
इसी दिन भारत के महान अभियन्ता एवं भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म दिन है।
विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर तालुक में 15 सितंबर 1860 को हुआ था।शिक्षा काल में धनाभाव के कारण ट्यूशन करनी पढ़ी | विश्वेश्वरैया ने 1881 में बीए की परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त किया। इसके बाद मैसूर सरकार की मदद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पूना के साइंस कॉलेज में दाखिला लिया। 1883 की एलसीई व एफसीई (वर्तमान समय की बीई उपाधि) की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके अपनी योग्यता का परिचय दिया। इसी उपलब्धि के चलते महाराष्ट्र सरकार ने इन्हें नासिक में सहायक इंजीनियर के पद पर नियुक्त किया।