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दूसरों को जूता मार कर रोटी कमाने वाले जूता पालिश कि इजाज़त कैसे दे सकते हैं

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
एक पाकिस्तानी बुद्धिजीवी
ओये झल्लेया ये कया हमारे लोग कुफ्र कमाने में लग गए ओये खर्शीद खान हिन्दुस्तान गए थे दोनों देशों में सौहार्द कायम करने |इसके लिए उन्होंने धार्मिक स्थलों पर कार सेवा भी यहाँ तक कि जूते पालिश किये और झूठे बर्तन तक साफ़ किये मगर हमारे यहाँ के कट्टरपंथियों ने खुदा के नेक बन्दे खुर्शीद खान को पेशावर के डिप्टी अटार्नी जनरल के ओहदे से ही बर्खास्त करवा दिया है|ओये अल्लाह तो एक ही है वोही सब जगह है फिर ये बंदिशें क्यूं??
झल्ला
भाई मियाँ कुछ लोगों कि रोज़ी रोटी दूसरों को जूता मारने से चलती है ऐसे लोग जूता पालिश कि इजाज़त कैसे दे सकते हैं|अल्लाह बड़ा कारसाज है वोह सब देख रहा है |नियत और करनी का फल देर या सवेर जरुर मिलेगा| Permalink: http://jamosnews.com/