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बेचारी छोटी सी मक्खी ने कितनी स्काच पी ली होगी


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

शाम समय के एक घनिष्ठ मितर

ओये झल्ले यारा ये तो गड़बड़ हो गई |देख तो जरा मेरे पेग में मक्खी घुस गई|ये तो स्काच पेग का नुक्सान हो गया

झल्ला

ओये झल्ली देया तेनु लगदा है की चढ़ गई है|ओये एक छोटी से मक्खी ने कितनी स्काच पी ली होगी |फिर भी अपनी तसल्ली के लिए मक्खी को निचोड़ और बेचारी को बाहर फैंक दे