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भाजपा ने देश में वर्तमान आर्थिक संकट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया

भाजपा ने वर्तमान आर्थिक संकट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है|राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री मति मीनाक्षी लेखी ने पार्टी के सामान्य ब्रीफिंग में कहा कि एशिया में भारतीय रुपये की हालत ज्यादा खस्ता है|३१ मई के पश्चात ५.३% कमजोर हो गया है
आज यह डॉलर के मुकाबिले ६०/= तक गिर चुका है अब इसके ७०/= तक गिरने की संभावना बनी हुई है|
विक दर ५% के रिकार्ड निचले स्तर पर आ पहुंची है|३१ मार्च को समाप्त वर्ष में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जी.डी पी ४.८% .पर पहुँच गई|इसी कुशासन के कारन मणि शंकर ऐय्यर जैसे मंत्री को में, पंचायत राज के लिए ,नार्वे जैसेदेश के युवराज हाकोन से भिक्षा मांगनी पडी \
करीब दस वर्षों में लगातार बढती कीमतें+मुद्रा स्फूर्ति+भ्रष्टाचार+अराजकता+साम्प्रदाईक नफरत आदि से कांग्रेस का चेहरा देश के सामने आ गया है|कांग्रेस पार्टी की झूठा प्रचार करने की मशीनरी के दिन लद चुके हैं |

एंड प्राण ने मुंबई के लीलावती अस्पताल में अंतिम सांस ली : फ़िल्मी खलनायकी का सुनहरा युग इतिहास बना

सदी के खलनायक और प्राण या एंड प्राण ने मुंबई के लीलावती अस्पताल में अंतिम सांस ले कर फ़िल्मी अदायगी के एक सुनहरे युग को इतिहास बना दिया|
और प्राण या एंड प्राण की हालत अस्वस्थ होने के कारण उन्हें बीते सप्ताह मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया था । और प्राण ने लगभग चार सौ फिल्मों में काम किया है। बेवकूफ+ हलाकू +खानदान+औरत+बड़ी बहन+जिस देश में गंगा बहती है+हाफ टिकट+ शहीद+उपकार+पूरब और पश्चिम’+ गुमनाम+ कश्मीर की कली+एन इवनिंग इन पेरिस+ कब क्यूं और कहाँ+राजा और राना+विक्टोरिया २०३ +साधू और शैतान + ‘डॉन’ + दस लाख+जंजीर’+ बोबी +यमला जट्ट[पंजाबी] आदि प्रमुख है | ९३ साल के एंड प्राण को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया|इससे पूर्व भी कई बार उन्हें तकलीफ हो चुकी थी बीते साल के नवम्बर में तो उनके स्वर्गवास की खबर भी आ गई थी |
उन्होंने खलनायक+कामेडियन या चरित्र रोल में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।

Pran With another Greats [dilip kumar and shammi kapoor

Pran With another Greats [dilip kumar and shammi kapoor

पद्म भूषण से सम्मानित प्राण जैसा खलनायक बॉलीवुड में दूसरा कोई नहीं हुआ। कितने सितारे आये गये लेकिन प्राण का मुकाबला कोई नहीं कर पाया है। दर्जनों फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने वाले फिल्म उपकार से चरित्र किरदार निभाने शुरू किये और उस में भी अपना लोहा मनवाया।इसीलिए पिक्चर की कास्टिंग में एंड प्राण या और प्राण लिखा जाने लगा था जिसकी पुनरावर्ती शशि कपूर के लिए की गई थी| इसके अलावा चांदी की छोटी सी शीशी से शराब की चुस्कियां लेने का अंदाज़ भी पहुत पसंद किया गया| प्रत्येक फिल्म में इनके नए गेटअप भी चर्चा में रहे हैं| उन्होंने एक किताब भी प्रकाशित करवाई जिसका विमोचन अमिताभ बच्चन ने किया था |
अप्रैल में हीरो से विलेन और फिर चरित्र अभिनेता के रूप में हिंदी सिनेमा पर लगातार ५ दशक तक राज करने वाले एंड प्राण को दादा साहेब फाल्के एवार्ड देने स्वयम केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी उनके निवास पर गए |
इससे पूर्व 1998 में फिल्‍मों से रिटायर हो चुके एंड प्राण को 2001 में ‘पद्मभूषण’ से सम्‍मानित किया जा चुका है.
खलनायकी का रोल ऐडा करते करते फ़िल्मी पर्दे पर घृणा पात्र के प्रतीक बन गए| उन्होंने चरित्र अभिनेता के रूप में भी अपनी जबर्दस्त छाप छोड़ी. उपकार में उनके मंगल चाचा के किरदार ने दर्शकों का दिल जीत लिया. इसी तरह जंजीर कठोर लेकिन दयालु पठान के रूप आज भी लोग उन्हें भुला नहीं पाए हैं.

मलाला ने, चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले, महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया

मलाला ने, चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले, महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया

मलाला ने, चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले, महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया

चरमपंथियों की गोलियों के मुकाबिले एक किशोरी कन्या मलाला युसुफ़जई ने महिलाओं को किताब और पेन उठाने का आह्वाहन किया |पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने पर चरमपंथियों की गोलियों की शिकार बनी मलाला ने अपने 16वें जन्मदिन पर संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष सत्र को आज संबोधित भी किया|इस अवसर पर मलाला ने कहा कि वो हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार के लिए बात करने आई हैं.बीते साल अक्टूबर में पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान के हमले के बाद मलाला को इलाज के लिए इंग्लैंड लाया गया था और अब वह बर्मिंघम में रहती हैं
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में युवाओं के एक विशेष सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और दुनिया भर से आए 1000 से ज़्यादा छात्र-छात्राएं मलाला को सुनने के लिए मौजूद थे.
मलाला ने कहा वह बहुत-सी लड़कियों में से एक हैं जिन्होंने उनके लिए आवाज़ उठाई है जो अपनी बात खुद नहीं रख सकते.
मलाला ने सभी बच्चों के लिए मुफ़्त अनिवार्य शिक्षा का आहवान किया और कहा कि सिर्फ़ शिक्षा के माध्यम से ही जीवन स्तर सुधारा जा सकता है.
मलाला ने कहा कि तालिबान के हमले से उनकी ज़िंदगी में कुछ नहीं बदला सिवाय इसके कि “कमज़ोरी, डर और नाउम्मीदी ख़त्म हो गई.”
उन्होंने कहा, चरमपंथी किताब और कलम से डरते थे और अब भी डरते हैं. वह महिलाओं से भी डरते हैं.|
मलाला ने कहा कि वह महिला अधिकारों के लिए इसलिए संघर्ष कर रही हैं क्योंकि “उन्हीं को सबसे ज़्यादा भुगतना पड़ता है.”
उन्होंने कहा, “चलिए हम अपनी किताबें और पेन उठा लेते हैं. यही सबसे ताकतवर हथियार हैं. एक बच्चा, एक शिक्षक, एक पेन और एक किताब दुनिया को बदल सकते हैं. शिक्षा ही एकमात्र हल है.”
पूर्व ब्रितानी प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने सत्र का शुरुआती भाषण दिया| संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून + वुक[Vuk Jeremić ] +अहमद[ Ahmad Alhendawi,]ने भी सत्र को संबोधित किया.इससे १७ जून को पूर्व ब्राउन ने विश्व भर में एक अभियान चलाया था जिसके अनुसार प्रत्येक छात्र की सुरक्षा की मांग की गई थी | सबसे पहले मलाला ने साईन करके इस अभियान को आगे बढाया था|

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर भाजपा ने चिंता व्यक्त की

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के दिनों दिन बिगड़ने पर कांग्रेस के पश्चात अब भाजपा ने भी चिंता व्यक्त की |भाजपा प्रवक्ता, टेक्नोक्रेट, डॉ सुधांशू त्रिवेदी ने पार्टी की सामान्य ब्रीफिंग में समाज वादी पार्टी की यूं पी में सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था की समस्या नैसर्गिक रूप से सपा के साथ जुड़ी रहती है लेकिन इस बार तो सभी उम्मीदें ध्वस्त हो चुकी हैं| गुना और बलिया के विधायक से लेकर मंत्री आज़म खान +शिव पाल यादव+ और यहाँ तक कि पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भी कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा चुके हैं |
डॉ त्रिवेदी ने कहा कि बी एस पी के भ्रष्टाचार से त्रस्त उत्तर प्रदेश की जनता ने सपा को सत्ता सौंपी थी लेकिन मात्र डेड़ वर्षों में ही व्यवस्था बद से बत्तर हो गई है | युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की सरकार से उम्मीदें समाप्त हो गई हैं| उन्होंने आरोप लगाया कि सरकर के छह शक्ति केंद्र बने हुए हैं |शिव पाल यादव कहते हैं कि थानों पर समाज वादियों का कब्जा है|आज़म खान कहते हैं कि उन्होंने ऍफ़ आई आर दर्ज़ कराई और दूसरों ने पैसे देकर उनकी ऍफ़ आई आर को कही रफा दफा करवा लिया|पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह कहते हैं कि यदि में सत्ता में होता तो तत्काल सभी कुछ ठीक कर लेता|
डॉ सुधांशू त्रिवेदी ने कहा कि चूंकि सपा केंद्र में कांग्रेस की सरकर को सहयोग दे रही है ऐसे में प्रदेश में कांग्रेस भी सपा को सपोर्ट करने को बाध्य है ऐसे में इन दोनों पार्टियों से कोई उम्मीद नही है इसीलिए लोक सभा के चुनावों में दोनों को उखाड़ फैंकना जरुरी है |इससे पूर्व कांग्रेस कि नेत्री रीता बहुगुणा जोशी भी यह ओपचारिकता निभा चुकी हैं

एमएसआईपीएस आवेदनों का निपटारा शीघ्र होगा: संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्‍बल

केन्‍द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री श्री कपिल सिब्‍बल ने भारत में इलैक्‍ट्रोनिक सिस्‍टम डिजाईन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में 961 करोड़ रूपए के निवेशों को सरकारी वित्‍तीय मदद के संबंध में निवेश सिफारिशों का नई दिल्‍ली स्थित इलैक्‍ट्रोनिक्‍स निकेतन में 12 जुलाई, 2013 को उद्योग के प्रतिनिधियों, उद्योग संघों, एमएसआईपीएस आवेदकों और मीडिया की उपस्थिति में खुलासा कि‍या। बताय गया है कि नि‍वेश प्रस्‍ताव इस प्रकार होगा|
[१]. नोएडा में स्‍मार्ट फोन बनाने के लिए सैमसंग इंडिया इलैक्‍ट्रोनिक्‍स प्राईवेट लिमिटेड को 406 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्‍ताव है। यह परियोजना अगले छह महीने में शुरू होने की उम्‍मीद है।
[२]. बैंगलोर में इसीयू इंजन सिस्‍टम, इसीयू ब्रेक सिस्‍टम, बॉडी कम्‍प्‍यूटर मॉड्यूल जैसे ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक सामान बनाने के लिए बॉच ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स इंडिया लिमिटेड के लिए 544 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्‍ताव है। यह परियोजना तीन साल में पूरी हो जाएगी।
[३]. लाईटिंग उत्‍पादों में एलईडी बनाने के लिए सहसरा इलैक्‍ट्रोनिक्‍स प्राईवेट लिमिटेड के लिए 11.1 करोड़ रूपए के निवेश का प्रताव है।
इस परियोजना के पांच साल में पूरी होने की उम्‍मीद है।
सैमसंग और बॉच को उनके निवेश का 25 फीसदी सब्सिडी दिया जाएगा कयोंकि दोनों कंपनियां गैर-विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में नहीं है, ज‍बकि सहसरा की इकाई सेज इलाके में होने से उसे 25 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। एमएसआईपीएस के तहत बड़े और छोटे निवेशों पर विशेष आर्थिक प्रोत्‍साहन दिया जाता है। यह आर्थिक प्रोत्‍साहन बिना किसी भेदभाव के बहुराष्‍ट्रीय कंपनियों से लेकर घरेलू कंपनियों को भी दिया जाता है।
इस मौके पर श्री कपिल सिब्‍बल ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है और सरकार रोजगार पैदा करने के लिए विनिर्माण को बढ़ावा देने और घरेलू बाजार एवं निर्यात के लिए देश में नवीन तकनीक लाने की कोशिश में है। एमएसआईपीएस आवेदनों का इतने कम समय में मंजूरी देने से भारत में ईएसडीएम क्षेत्र में और निवेश आकर्षित करने के‍ लिए सही वातावरण का निर्माण हो सकेगा।
एमएसआईपीएस के तहत अब तक 4600 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश संबंधी आवेदन आए हैं। ये सभी आवदेन समीक्षा और मंजूरी के विभिन्‍न चरणों में हैं। इनमें उपभोक्‍ता इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सामानों में 450 करोड़, हाथ से इस्‍तेमाल होने वाले यंत्रों में 410 करोड़, दूरसंचार उत्‍पादों में 1770 करोड़, एलईडी और एलईडी उत्‍पादों में 310 करोड़, इलैक्‍ट्रानिक संघटक में 45 करोड़, ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 10 करोड़, ऊर्जा इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 40 करोड़, स्‍ट्रेटेजिक इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 210 करोड़ और सेमि‍कंडेक्‍टर एटीएमपी में 750 करोड़ रूपए के प्रस्‍ताव शामिल हैं।
एनपीई के आकर्षक प्रावधानों में एक एमएसआईपीएस है, जो जुलाई 2012 में अधिसूचित हुआ था और उसके दिशा-निर्देश जारी हुए थे। तब इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी वि‍भाग द्वारा एमएसआईपीएस योजना के तहत आवेदन मंगाए गए थे। योजना के अनुसार सरकार नई विनिर्माण इकाई की स्‍थापना करने और मौजूदा विनिर्माण इकाईयों में विस्‍तार के लिए 25 फीसदी की सब्सिडी उपलब्‍ध करा रही है।
ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों की स्‍थापना का काम भी जोर पकड़ रहा है। अब तक लगभग 2100 करोड़ रूपए के निवेश के आठ आवेदन प्राप्‍त हुए हैं और ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के लिए 1805.29 एकड़ जमीन मंजूर हुई है। ग्रीनफील्‍ड इकाइयां हैदराबाद, बैंगलोर के पास होसुर, भिवाड़ी, भोपाल आदी जगहों पर स्‍थापित की जाएगी। ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के पहले तीन प्रस्‍ताव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी वि‍भाग के सचि‍व की अध्‍यक्ष्‍ाता वाली संचालन समिति के पास सैद्धांतिक मंजूरी के लिए भेजी जा रही है जिससे आवेदक इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण इकाई की स्‍थापना करने का अगला कदम उठा सकेंगे। ये तीनों प्रस्‍ताव इस प्रकार हैं:-
[१]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निगम द्वारा हैदराबाद में 602.37 एकड़ जमीन पर 580 करोड़ रूपए के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।
[२]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निगम द्वारा आंध्र प्रदेश के महेश्‍वरम में 310 एकड़ जमीन पर 360 करोड रूपए के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।
[३]. जीएमआर इंफ्रा द्वारा तमिलनाडु के होसुर में 527.1 एकड़ जमीन पर 606 करोड़ के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।

विदेशी पर्यटकों के , जून 2013 में, भारत आगमन पर , 23 % वीजा की वृद्धि

विदेशी पर्यटकों के आगमन पर वीजा योजना लोकप्रिय, हो रही है जिसके फलस्वरूप जून 2013 में 23 % की वीजा वृद्धि हुई है|
विदेशी पर्यटकों में सरकार की आगमन पर वीजा योजना की लोकप्रियता बढ़ रही है। जून 2012 की तुलना में जून 2013 में आगमन पर वीजा में 22.9 % की वृद्धि दर्ज की गयी। जून 2013 में 1062 आगमन पर वीजा जारी किया गया जबकि 2012 के जून में यह संख्‍या 864 थी।
जून 2013 के दौरान आगमन पर मंत्रालय द्वारा जारी वीजा की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं –
[१]. जनवरी से जून 2013 के दौरान 9328 वीजा जारी किए गए जबकि 2012 की इसी अवधि में 6721 वीजा जारी किए गए। इस तरह जनवरी से जून 2013 में आगमन पर वीजा में 38.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
[2] जून 2013 में विभिन्‍न देशों के लिए आगमन पर वीजा की संख्‍या इस प्रकार है – जापान (275), इंडोनेशिया (208), फिलीपींस (171), न्‍यूजीलैंड (171), सिंगापुर (152), फिनलैंड (44), म्‍यांमा (15), वियतनाम (14), लाओस (5), कंबोडिया (4) और लग्‍जमबर्ग (3)।3. जनवरी से जून 2013 के दौरान जारी वीजा की संख्‍या इस तरह है – जापान (3285), न्‍यूजीलैंड (1657), इंडोनेशिया (1281), फिलीपींस (1231), सिंगापुर (1014), फिनलैंड (559), म्‍यांमा (57), वियतनाम (96), लाओस (10), कंबोडिया (67) और लग्‍जमबर्ग (71)।4. जनवरी से जून 2013 में सबसे अधिक 5362 वीजा दिल्‍ली हवाई अड्डे पर जारी किए गए जबकि मुम्‍बई हवाई अड्डे से 1970, चेन्‍नई हवाई अड्डे से 1369 और 627 कोलकाता हवाई अड्डे से जारी किए गए।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आज़ाद ने आज पोषण को खूबसूरती के लिए पहली जरूरत बताया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री गुलाम नबी आज़ाद ने आज पोषण को खूबसूरती के लिए पहली जरूरत बताया
श्री आज़ाद ने आज नई दिल्ली में कहा कि पोषण खूबसूरती के लिए पहली जरूरत है। हमारे देश में एलोपैथी के साथ आयुर्वेद, योग, सिद्ध और सोवा-ऋग्पा का भी शांतिपूर्ण अस्तित्व है।
वीएलसीसी खूबसूरती एवं पोषण संस्थान के 12वें दीक्षांत समारोह में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे यहां अनेक प्रकार की स्वास्थ पद्धतियां हैं जहां सरकार एकीकृत एवं समग्र स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मान्यता प्राप्त प्रत्येक स्वास्थ्य पद्धति को विकसित होने और उसे अमल में लाने के सभी अवसर उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि हम जनता के हित के लिए प्रयोग में लाई जा रही और सिद्ध चिकित्सा पद्धतियों का खुले दिल से स्वागत करते हैं। इसीलिए प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति भी भारत में मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य पद्धति है।
गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसी राज्य सरकारों ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को मान्यता दे रखी है। मंत्री महोदय ने कहा कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे पांच राज्यों ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों के पंजीकरण के लिए प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति विकास बोर्ड स्थापित किए हैं।
बताया गया कि इस समय देश में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के छह सरकारी अस्पताल हैं। इनमें से दो केरल+ दो कर्नाटक,+एक आंध्र प्रदेश +एक तमिलनाडु में है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत विभिन्न राज्यों में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के 100 से अधिक डॉक्टर हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के 100 से अधिक बिस्तर वाले 20 अस्पताल तथा 50-100 बिस्तर वाले 100 से अधिक अस्पताल हैं।
श्री आज़ाद ने कहा कि 1960 के दशक से सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को भी जगह दी गई जब केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत आयुष अस्पताल बनाए गए। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत इस पर अधिक बल दिया गया जहां पारंपरिक एवं आधुनिक सभी चिकित्सा पद्धतियों को एकसाथ फलने-फूलने का अवसर दिया गया।
मंत्री महोदय ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत आयुष को मुख्यधारा में लाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 550 करोड़ रुपये से अधिक का सहायता अनुदान जारी किया गया है। यह धन 803 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 113 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 24 जिला अस्पतालों में नई आयुष सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा 379 मौजूदा आयुष अस्पतालों और 415 औषधालयों के उन्नयन के लिए दिया गया।
इस समय देश में 504 आयुष शिक्षा संस्थान हैं जिनमें 11 स्नातकोत्तर महाविद्यालय शामिल हैं। इनमें 27,000 विद्यार्थी हर साल दाखिला लेते हैं। इनमें प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति एवं योग में डिग्री स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराने वाले 16 महाविद्यालय शामिल हैं। दुनिया में पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के सबसे अधिक शिक्षण संस्थान भारत में हैं।
photoThe Union Minister for Health and Family Welfare, Shri Ghulam Nabi Azad lighting the inaugural lamp of the 12th Convocation of VLCC Institute of Beauty and Nutrition, in New Delhi on July 12, 2013.

निर्वाचन आयोग ने चुनाव से छह महीने पहले सामान्‍य चुनाव चिन्‍ह आवंटित करने का फैसला लिया: चिन्ह आवंटन की सुविधा केवल एक बार

निर्वाचन आयोग ने पंजीकृत गैर मान्‍यता प्राप्‍त राजनीतिक दलों को चुनाव से छह महीने पहले सामान्‍य चुनाव चिन्‍ह आवंटित करने का फैसला किया है |
अभी तक किसी राज्‍य में न्‍यूनतम 10 % सीटों के लिए आम चुनाव (लोकसभा या विधानसभा) लड़ रहे पंजीकृत गैर मान्‍यता प्राप्‍त राजनीतिक दलों को चुनाव की अधिसूचना की तारीख के निकट सामान्‍य चुनाव चिन्‍ह आवंटित करने का प्रावधान था। अब संशोधित प्रावधान के अनुसार कोई राजनीतिक दल सम्‍बद्ध सदन की अवधि समाप्‍त होने की तारीख से छह महीने पहले किसी भी समय सामान्‍य चुनाव चिन्‍ह के लिए आवेदन कर सकता है।
[१]यदि कोई सदन अवधि समाप्‍त होने से पहले भंग कर दिया जाता है, तो सामान्‍य चुनाव चिन्‍ह के लिए आवेदन सदन भंग होने की तारीख से किया जा सकता है। [२]चुनाव चिन्‍ह का आवंटन सभी प्रकार से परिपूर्ण आवेदन प्राप्‍त होने के बाद किया जाएगा और यह आवंटन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा।
[३]यदि दो राजनीतिक दलों के आवेदन एक ही दिन प्राप्‍त होते हैं, और दोनों ने समान चिन्‍ह के लिए आवेदन किया हो, तो मामले का निपटारा ड्रा के द्वारा किया जाएगा। किंतु ऐसे मामलों में यदि किसी एक पार्टी के किसी वर्तमान सांसद या विधायक ने उसी चुनाव चिन्‍ह से चुनाव लड़ा होगा तो चिन्‍ह आवंटित करने में अन्‍य पार्टी की तुलना में उसकी पार्टी को वरीयता दी जाएगी।
[४]आवेदन करते समय सम्‍बद्ध राजनीतिक दल को यह शपथ पत्र देना होगा कि वह राज्‍य के 10 % निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ेगा।
[५]किसी राज्‍य में विधान सभा की 40 सीटें या उससे कम होने की स्थिति में राजनीतिक दल को न्‍यूनतम पांच सीटों पर चुनाव लड़ना होगा। लोकसभा चुनाव के मामले में यदि किसी राज्‍य में लोकसभा की सीटें 20 से कम होंगी तो पार्टी को कम से कम दो सीटों पर चुनाव लड़ना होगा। ऐसे दल को उन निर्वाचन क्षेत्रों की सूची आयोग को देनी होगी जिनसे वह चुनाव लड़ रहा है।
[६]यदि कोई राजनीतिक दल सदन की अवधि समाप्‍त होने से तीन महीने पहले अथवा सदन भंग होने की स्थिति में एक महीने के भीतर चुनाव चिन्‍ह के लिए आवेदन करता है तो पार्टी को चुनाव चिन्‍ह के लिए प्रस्‍ताव करने का विकल्‍प होगा। ऐसे मामले में पार्टी को चुनाव चिन्‍ह का डिजाइन और ड्राइंग आयोग की मंजूरी के लिए प्रस्‍तुत करना होगा।
[७]प्रस्‍तावित प्रतीक किसी आरक्षित या मुक्‍त प्रतीक से मिलता जुलता नहीं होना चाहिए अथवा किसी धार्मिक या सांप्रदायिक अर्थ वाला नहीं होना चाहिए अथवा किसी पक्षी या पशु को दर्शाने वाला नहीं होना चाहिए।
[८]अन्‍य मामलों में प्रतीक का विकल्‍प केवल मुक्‍त प्रतीकों की अधिसूचित सूची में से चुनना होगा।
सभी राजनीतिक दलों को सामान्‍य चुनाव चिन्‍ह के आवंटन की सुविधा केवल एक बार ही दी जाएगी। यह पार्टियों को तय करना होगा कि वे इस सुविधा का लाभ किस चुनाव में उठाना चाहती हैं। नए प्रावधान 15 जुलाई, 2013 से लागू होंगे।

कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू को तकनीकी विकास की मुख्य धारा से जोड़ा

कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू को तकनीकी विकास की मुख्य धारा से जोड़ा
श्री कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू और इसके भाषियों को तकनीकी+ शिक्षा +विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पहल की
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने आज यहां विभिन्न माध्यमों के लिए ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी किए। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के भारतीय भाषाएं कार्यक्रम के लिए प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान के तहत विकसित यह फान्ट एवं कीबोर्ड ड्राइवर जनता के इस्तेमाल के लिए निशुल्क उपलब्ध होंगे। डिजिटल माध्यम पर भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी विभाग पर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मुख्य बल दे रहा है।
किसी भाषा की वृद्धि के लिए सामग्री रचना और उपभोग महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है तथा इसी को ध्यान में रखते हुए जनता के लिए निम्नलिखित उर्दू फान्ट एवं कीबोर्ड ड्राइवर जारी किए जा रहे हैं:
1]. नक्श लिपि के लिए यूनिकोड सक्षम ओपन फान्ट फार्मेट – 12
2]. नसतालिक लिपि के लिए यूनिकोड सक्षम ओपन फान्ट फार्मेट – 1
3]. बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट, फोनेटिक और विंडो 32/64 बिट आप्रेटिंग सिस्टम के लिए अनुकूल उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
4.] एंड्रॉयड प्लेटफार्म के लिए बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट वाले कीबोर्ड के साथ उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
मंत्रालय द्वारा जारी विवरण के अनुसार उूर्दू फान्ट वह पहला संपर्क है जो यूजर अपनी स्क्रीन पर एप्लिकेशन के साथ करता है तथा मोटेतौर पर यह फान्ट की पसंद और आकर्षण है जो एप्लिकेशन को दृश्यात्मक रूप से आकर्षक बनाता है। सीडैक और जिस्ट ने फान्ट विकसित करते समय इन तथ्यों को हमेशा ध्यान में रखा है।

The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal launching the Urdu Fonts and Keyboard Managers, at a function, in New Delhi on July 12, 2013.

The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal launching the Urdu Fonts and Keyboard Managers, at a function, in New Delhi on July 12, 2013.


कुल 12 नक्श और 1 यूनिकोड 6.2 के अनुकूल फान्ट जनता के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट पर आधारित उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
उर्दू के लिए जनवरी 2007 में जारी कीबोर्ड ड्राइवर इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट पर आधारित था जिसे अब इनस्क्रिप्ट स्टैंडर्ड को बढाकर आधुनिक यूनिकोड स्टैंडर्ड 6.2 के अनुकूल बनाया गया है। नया उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट पर आधारित है जो इस्तेमाल करने वाले को यूनिकोड साफ्टवेयर में टाइप करने, ईमेल लिखने, उर्दू में चैट करने की सुविधा देता है। यह सीधे दाई तरफ से बाई तरफ लिखने के लिए अनुकूल है तथा नोटपैड, एमएस वर्ड, इत्यादि जैसी विंडो में भी काम करता है।
एंड्रॉयड प्लेटफार्म के लिए बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट वाला कीबोर्ड
एंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए ऑनस्क्रीन कीबोर्ड ड्राइवर, 3 लेयर्ड – अंग्रेजी क्वेरटी लेयर, अंग्रेजी को सपोर्ट करने के लिए उपलब्ध कराइ्र गई है। यह एंड्रॉयड वर्जन 4.1 और उससे अधिक को सपोर्ट करता है।

पी चिदम्बरम ने अमेरिका में भारतीय टेक्नोक्रेट्स के भविष्य सम्बन्धी लाये जा रहे आव्रजन नीति को भी उठाया

भारत सरकार के वित्‍त मंत्री पी.चिदंबरम ने अमेरीका कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा के सदस्‍यों से मुलाकात में भारत-अमेरीका संबंधों के विभिन्‍न आयामों पर चर्चा करते हुए अमेरिका में भारतीय टेक्नोक्रेट्स के भविष्य पर लगाई जा रही अटकलों को भी उठाया|
केंद्रीय वित्‍त मंत्री श्री पी.चिदंबरम ने वाशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान कल अमेरिकी कांग्रेस की प्रतिनिधि सभा के सदस्‍यों से मुलाकात की। इस बैठक में अमेरिका में भारत की राजदूत सुश्री निरूपमा राव, वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव डॉ. अरविंद मायाराम भी उपस्थित थे।
बैठक में भारत और अमेरिका के संबंधों के विभिन्‍न आयामों पर चर्चा हुई। अनिवार्य लाइसेंसिंग+ पेटेंट सुरक्षा+ अमेरिकी कांग्रेस में आव्रजन विधेयक तथा रक्षा + वित्‍तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने जैसे मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा हुई।

The Union Finance Minister, Shri P. Chidambaram with the Members of US Congress, the Co-Chair of House India Caucus Congressman, Mr. Joe Crowley from New York, the Congressman, Mr. Ami Bera from California and the Congressman, Mr. Erik Paulsen from Minnesota, during a meeting, in Washington DC on July 11, 2013.

The Union Finance Minister, Shri P. Chidambaram with the Members of US Congress, the Co-Chair of House India Caucus Congressman, Mr. Joe Crowley from New York, the Congressman, Mr. Ami Bera from California and the Congressman, Mr. Erik Paulsen from Minnesota, during a meeting, in Washington DC on July 11, 2013.


वित्‍त मंत्री ने फिर कहा कि सुरक्षा और रक्षा आदि जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच काफी अच्‍छा सहयोग है तथा दोनों देशों के बीच असैन्‍य परमाणु समझौता एक ऐतिहासिक समझौता था। उन्‍होंने यह भी बताया कि भारतीय कानून बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का समर्थन करता है और अनिवार्य लाइसेंस तथा पेटेंट रजिस्‍ट्रेशन प्रदान करने की प्रक्रिया डब्‍ल्‍यूटीओ के अनुसार होती है तथा यह न्‍यायिक समीक्षा के अधीन है। वित्‍त मंत्र श्री पी.चिदंबरम ने अपनी घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने तथा वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को फिर से संतुलित करने के लिए भारत के विनिर्माण केंद्र बनने के महत्‍व पर भी ज़ोर दिया। आव्रजन के मुद्दे पर वित्‍त मंत्री ने भारत की चिंता भी जाहिर की क्‍योंकि बौद्धिक कामगारों के अस्‍थायी स्‍थानांतरण के मुद्दा को (जो कि किसी भी परिभाषा में ‘आव्रजन नहीं हैं’) आव्रजन के एक बड़े मुद्दे से जोड़ा गया है।
कांग्रेस के सदस्‍यों ने भारत और अमेरिका के संबंधों को बढ़ाने और दोनों देशों के बीच आपसी लाभप्रद सहयोग को आगे बढ़ाने में अपनी दिलचस्‍पी जाहिर की। वालमार्ट के प्रतिनिधियों ने भी वित्‍त मंत्री से मुलाकात की।
फोटो कर्टसी पी आई बी