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एल के आडवानी के ब्लॉग से:पाठ्यक्रम में योगी श्री नारायण गुरु- के प्रेरणादाई संघर्ष को भी जोड़ें

नव वर्ष के स्वागत में एन डी ऐ के सर्वोच्च नेता एल के आडवानी ने अपने ब्लॉग में मौजूदा शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल इतिहास के पन्नो में केरल के सर्वमान्य योगी तथा सिध्द श्री नारायण गुरु- के अस्पृश्यता और जातिवाद के विरुध्द प्रेरणादाई अथक संघर्ष को भी जोड़ कर पाठ्यक्रम में एम पूंजी के साथ मनुष्यों का निर्माण किये जाने पर जोर दिया है|
प्रस्तुत है एल के अडवाणी के ब्लाग से उद्दत उनके विचार

एल के आडवानी के ब्लॉग से:

नव वर्ष की शुरुआत हो चुकी है। मुझे इसकी प्रसन्नता है कि दिसम्बर, 2012 के अंतिम दिन मैं केरल में था और एक महान योगी तथा सिध्द श्री नारायण गुरु-अस्पृश्यता और जातिवाद के विरुध्द जिनके अथक संघर्ष की महात्मा गांधी ने भी प्रशंसा की-की पुण्य स्मृति से जुड़े तीर्थस्थल शिवगिरी जाने का सौभाग्य मिला।
श्री नारायण गुरु का जन्म ऐसे समय पर हुआ जब अस्पृश्यता का अपने घृणित रुप में चलन था। ऐसी भी गलत धारणा प्रचलित थी कि कुछ लोगों की छाया भी अन्यों को अपवित्र कर देती थी। एक समान आराध्य और धर्म को मानने वाले लाखों श्रध्दालुओं में से कुछ को मंदिर में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था।
मुझे स्मरण आता है कि तिरुअनंतपुरम से लगभग 45 किलोमीटर दूर वरकला स्थित शिवगिरी मठ में मुझे 1987 में आमंत्रित किया गया था। सन् 1932 से प्रत्येक वर्ष होने वाले तीन दिवसीय समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में मुझे बुलाया गया था। खराब मौसम के चलते तिरुअनंतपुरम जाने वाली विमान सेवा रद्द हो गई थी और मैं नहीं पहुंच सका। शिवगिरी, वरकला पहाड़ियों में स्थित है जहां गुरु (नारायण) के अनुयायी लाखों की संख्या में उनकी समाधि, और उनके द्वारा स्थापित शारदा (सरस्वती) मंदिर के दर्शन करने पहुंचते हैं। शिवगिरी में सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से पूर्व श्री नारायण गुरु ने अरुविप्पुरम में शिव मंदिर स्थापित किया। अत: अब 1987 में मैं वहां नहीं पहुंच सका तो किसी तरह अगले वर्ष मैं अरुविप्पुरम की यात्रा कर सका। इसलिए इस वर्ष अपने उद्धाटन भाषण की शुरुआत मैंने पीताम्बर वस्त्र धारण किए विशाल संख्या में उपस्थित श्रध्दालुओं से इस क्षमा याचना के साथ की कि मैं इस पवित्र स्थल पर 25 वर्ष बाद पहुंचा हूं।
इस तीन दिवसीय आयोजन की श्री नारायण गुरु ने योजना बनाई थी और 1928 में उनकी मृत्यु से पूर्व इसे घोषित किया गया। यह प्रत्येक वर्ष 30,31 दिसम्बर और 1 जनवरी को आयोजित किया जाता है। 30 दिसम्बर को इस आयोजन की औपचारिक शुरुआत राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा की गई। दूसरे दिन के तीर्थदनम सम्मेलन, के इस वर्ष का उद्धाटन मुझे करने को कहा गया था। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री वायलर रवि ने की। अंतिम दिन अनेक प्रमुख विद्वानों ने श्री नारायण गुरु द्वारा प्रतिपादित आचार संहिता (Code of Ethics) के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
अपने भाषण में मैंने एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चाण्डी द्वारा की गई घोषणा कि 2013 से श्री नारायण गुरु की शिक्षाओं को केरल राज्य में स्कूली पाठयक्रम में जोड़ा जाएगा, का स्वागत किया।
वस्तुत: यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय विद्यालयों में इतिहास की पढ़ाई अधिकांशतया राजाओं, उनके वंश, उनके युध्दों और शोषण पर ही केंद्रित रहती है। हमारे विध्दानों, साधु-संतो के अविस्मरणीय योगदान से सामान्यतया बच्चों को अक्सर इस आधार पर वंचित रखा जाता है कि एक सेकुलर देश में धर्म वर्जित कर्म है। यह एक बेहूदा दृष्टिकोण है। अत: शिवगिरी में अपने भाषण में मैंने केंद्रीय मंत्री वायलर रवि से अनुरोध किया कि केरल द्वारा की गई पहल को केंद्रीय और अन्य राज्यों में भी अपनाया जाए। यदि स्वामी दयानन्द सरस्वती, श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानन्द जैसे संतों की शिक्षाओं को पाठयक्रमों का सामान्य हिस्सा बना दिया जाए तो स्कूली पढ़ाई का स्तर बढ़ेगा।

प्रवासी भारतीय मंत्री श्री रवि ने कहा कि वे इस विषय को प्रधानमंत्री के ध्यान में लाएंगे।

उस दिन के अपने सम्बोधन में मैंने स्मरण किया कि स्कूल में पढ़ते समय हमें पता चला कि किसी विद्यार्थी की प्रतिभा के स्तर का आधार इस से आंका जाता था कि उसका ‘बौध्दिक स्तर‘ (इन्टेलिजेन्स क्वोशन्ट) कितना उपर या नीचे है। बाद में संयोग से एक पुस्तक ‘इ क्यू‘ यानी ‘भावात्मक स्तर‘ (इमोशनल क्वोशन्ट) पढ़ने पर मुझे लगा कि किसी के निजी व्यक्तित्व को परखने के लिए ‘बौध्दिक स्तर‘ (इन्टेलिजेंस क्वोशन्ट) महत्वपूर्ण होगा परन्तु उसका इ क्यू यानी ‘भावात्मक स्तर‘ पर भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। ‘भावात्मक स्तर‘ से तात्पर्य यह है कि कैसे एक व्यक्ति क्रोध, द्वेष इत्यादि जैसे भावों को ग्रहण करता है। उस दिन मैंने कहा कि जो केरल ने किया है और जो मैंने देशभर के शैक्षणिक संस्थानों को करने के लिए अनुरोध किया, कुछ ऐसा है जो हमारे सभी देशवासियों का ‘आध्यात्मिक स्तर‘ (स्पिरिचवल क्वोशन्ट) भी बढ़ाएगा। एस क्यू (स्पिरिचवल क्वोशन्ट) धारणा गढ़ते समय मेरे मन में किसी धर्म या पंथ का विचार नहीं था, मैं तो सिर्फ उन नीतिपरक और नैतिक मूल्यों के बारे में सोच रहा था जो एक विद्यार्थी अपने संस्थान से ग्रहण कर सकता है।

सन् 1902 में अपनी मृत्यु से कुछ समय पूर्व स्वामी विवेकानन्द जी ने टिप्पणी की थी कि देश को एक ऐसी मनुष्य निर्माण मशीन की जरुरत है जो एम पूंजी के साथ मनुष्यों का निर्माण कर सके। उनके दिमाग में ऐसे मनुष्य रहे होंगे जो आइ क्यू, इ क्यू और एस क्यू सम्पन्न हों यानी वे मनुष्य जो अपवाद रुप उच्च चरित्र और असाधारण योग्यता तथा प्रतिभा सम्पन्न हो।
यदि हमारे शैक्षणिक संस्थान स्वामी विवेकानन्द द्वारा विचारित मनुष्य निर्माण मशीनरी को अमल में लाने में सफलता प्राप्त करते हैं तो यह देश के लिए अनुकरणीय सेवा होगी।
***

शिवगिरी की यात्रा की पूर्व संध्या पर, तिरुअनंतपुरम में ही, वर्षों से मेरे पार्टी सहयोगी और श्री वाजपेयी की सरकार में मेरे मंत्रिमण्डलीय सहयोगी श्री ओ. राजागोपालजी के सार्वजनिक जीवन में पचास वर्ष पूरे करने के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। केरल यूनिवर्सिटी के खचाखच भरे सीनेट सभागार में सभी वक्ताओं ने केरल के हमारे नेता की योग्यता, प्रामाणिकता और एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री के रुप में केरल के कल्याण के लिए दिए गए योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की। लेकिन मैं महत्वपूर्ण समझता हूं उस दिन राजगोपालजी का अभिन्न्दन करने आने वाले नेताओं की उपस्थिति को। मंच पर समूचे राजनीतिक और सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में, मैंने सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं से दलगत दायरों से ऊपर एकजुट होकर तथा ईमानदारीपूर्वक भारत को दुनिया में अग्रणी बनाने के लिए काम करने का अनुरोध किया। विपक्ष के नेता वी.एस. अच्युतानन्दन ने मुख्य भाषण देते हुए कहा कि यद्यपि राजनीति में वह और श्री राजगोपाल एक-दूसरे के विरोधी धु्रव पर हैं, परन्तु तब भी वे गहरे मित्र हैं। हालांकि, माकपा और भाजपा ने आपातकाल के विरुध्द संघर्ष की छोटी अवधि में मिलकर काम किया, और इस अवधि के दौरान वह तथा श्री राजगोपाल कारावास में एक साथ बंदी थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता गांधी स्मारक निधि के चेयरमैन पी. गोपीनाथन नायर ने की। उनके अलावा सम्बोधित करने वालों में थे स्वास्थ्य मंत्री वी. एस. शिवाकुमार, भाकपा के राज्य सचिव पानियन रविन्द्रन, कवि ओ.एन.वी. कुरुप, महापौर के. चंद्रिका, भाजपा के वरिष्ठतम सहयोगी परमेश्वरन, राज्य भाजपा के अध्यक्ष वी. मुरलीधरन, केरल कांग्रेस के नेता वी. सुरेन्द्रन पिल्लई, साइरो-मलानकरा कैथोलिक चर्च ऑक्सिलॅरी बिशप सैम्युल मार इरेनियस, स्वामी तत्वारुपानंदा और एन आई एम एस मेडीसिटी के मैंनेजिंग डायरेक्टर एम.एस. फैजल खान-भी थे।

सच्चा प्रेमी प्रिय के वियोग में प्राण तक त्याग देता है

जाल परे जल जात बहि , तजि मीनन को मोह ।
रहिमन मछरी नीर को , तऊ न छाडत छोह ।

Rakesh khurana On Sant Rahim Das Ji

अर्थ : जब मछली पकड़ने के लिए नदी में जाल डाला जाता तब मछली जाल में फंस जाती है , और पानी अपनी सखी मछली का मोह त्याग कर आगे निकल जाता है , परन्तु मछली का जल से इतना प्रेम है कि वह पानी के बिना तड़प – तड़प कर मर जाती है ।
भाव : यहाँ कवि ने स्वार्थ और प्रेम की जल और मछली के रूपक से अच्छी व्याख्या की है कि स्वार्थी व्यक्ति का प्रेम सकारण होता है , किन्तु जिसने सच्चा प्यार किया है वह अपने प्रिय के वियोग में अपने प्राण तक दे देता है ।
मछुआरा मछली पकड़ने के लिए पानी में जाल फैलाता है ।मछली उसमें फंस भी जाती है , किन्तु जल तो अपने भीतर रहने वाली मछली का मोह एकदम से त्याग देता है और जाल से निकल जाता है , किन्तु जल के अभाव में बेचारी मछली दम तोड़ देती है ।
संत रहीम दास जी
प्रस्तुति राकेश खुराना

पीडिता को एक मामूली चादर मुहैय्या करवाने में असफल दिल्ली पोलिस ने अपनी कमिओ पर मखमली कम्बल ओड़ा


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक पीड़ित इलेक्ट्रोनिक्स पत्रकार

ओये झल्लेया दिल्ली पोलिस की मति मारी गई है क्या ?सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता के दोस्त अवींद्र ने जी न्यूज पर पोलिस के साथ जनता के अमानवीय चेहरे को उजागर किया जिसे देख और सुन कर सारे दुनिया के आँखों में आंसू आ गए और कुछ पाजिटिव निर्णय की मांग उठने लग गई है |पोलिस के लिए मानवीय भावनाओं के लिए ट्रेनिंग की आवश्यकता महसूस की जाने लगी हैऔर ये पोलिस वाले अपनी कमियों को कम करने के बजाय+ खुद को सुधारने के बजाय +आरोपों की जांच कराने के बजाय, चश्मदीद पीड़ित अविन्द्र पाण्डेय की भावनाओं का खंडन करने में ही तत्परता दिखा रहे हैं| पोलिस ने पहले तो अविन्द्र की भावनाओ को दिखाने वाले चेनल के खिलाफ ही धारा २२८[ऐ]के अंतर्गत ऍफ़ आई आर दर्ज़ कर ली और फिर आज ऐ सी पी[साउथ ] ने प्रेस के समक्ष पीड़ित युवक की आपबीती को ही गलत बताने में कोई कसर नही छोड़ी|

पीडिता को एक मामूली चादर मुहैय्या करवाने में असफल दिल्ली पोलिस ने अपनी कमिओ पर मखमली कम्बल ओड़ा

झल्ला

ओ बाऊ जी वाकई अविन्द्र पाण्डेय की चेनल पर दी गई गवाही से कई दिशाओं पर प्रश्न चिन्ह लग गए हैं |इसके साथ ही चेनल को नवीन जिंदल प्रकरण में घेरने वाली दिल्ली पोलिस पर अब चेनल वालों ने प्रेशर डाल दिया है|तभी पीडिता को एक मामूली चादर मुहैय्या करवाने में असफल पोलिस ने अपनी कमिओ पर मखमली कम्बल ओड़ लिया है

एन सी पी को छोड़ चुके पी ऐ संगमा ने एन पी पी का गठन करके एन डी ऐ का हाथ थामा

पी ऐ संगमा ने एन पी पी का गठन करके एन डी ऐ का हाथ थामा

कांग्रेस के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से [एन सी पी]से भी नाता तोड़ने वाले पी ए संगमा ने आज नेशनल पीपुल्स पार्टी [:एनपीपी]: का गठन किया और उसके तुरंत बाद इस दल के भाजपा के नेतृत्व वाले राजग[एन डी ऐ] में शामिल होने की घोषणा की। देश के आदिवासी बहुल इलाकों में एन डी ऐ को मजबूत करने के प्रयत्न को गति दी जायेगी|
पिछले साल राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते हुए राकांपा से अलग हुए संगमा ने राष्ट्रीय स्तर पर एनपीपी को आरंभ करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह पार्टी मणिपुर में राज्य स्तर पर मान्यताप्राप्त पार्टी पहले से ही है।संगमा ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते समय राष्टवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। एनपीपी मणिपुर में पहले ही राज्य स्तर का मान्यता प्राप्त दल है ।वहीं राष्ट्रपति चुनाव में संगमा को समर्थन देने के कारण मंत्री पद से हटाए गई उनकी पुत्री अगाथा फिलहाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बनी रहेंगी। संगमा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगाथा अगला चुनाव एनपीपी से ही लड़ेंगी।
पिछले साल राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते हुए राकांपा से अलग हुए संगमा ने राष्ट्रीय स्तर पर एनपीपी को आरंभ करने की घोषणा की थी. संगमा ने कहा कहा था कि यह पार्टी मणिपुर में राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त पार्टी पहले से ही है. राकांपा की सांसद बनी हुई संगमा की बेटी अगाथा के बारे में कोई स्पष्ट रण नीति का खुलासा नही किया गया|गौरतलब है कि एन सी पी ने यूं पी ऐ केउम्मीद वार प्रणव मुखर्जी को सपोर्ट किया था|
पार्टी[एन सी पी] के विरोध के बावजूद राष्ट्रपति चुनाव में अपने पिता का प्रचार करने के लिए अगाथा को राकांपा के निर्देश पर केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. संगमा ने बताया कि उनकी पार्टी का राष्ट्रीय चुनाव चिह्न किताब होगा, क्योंकि हम मानते हैं कि केवल शिक्षा और साक्षरता ही कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण कर सकती है.| मिजोरम ,मेघालय विधानसभा के चुनाव में उनकी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी.
एनपीपी देश के आदिवासी बहुल आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, ओडिशा, उत्तरी बंगाल और पूर्वोत्तर जैसे राज्यों में खास ध्यान देगी.

रिटायर्ड जनरल वी के सिंह के घर सेना की घुसपैंठ :मेजर पकड़ा गया :सेना ने इसे गलतफहमी बता कर माफी मांगी

आर्मी जनरल से एक्टिविस्ट बने रिटायर्ड जनरल वी के सिंह के घर में सेना के ही एक मेजर को बिना पूर्व सूचना के भेजे जाने पर हंगामा हो गया| इस कुप्रयास को चोरी और जासूसी की कोशिश बताया जा रहा है जबकि सेना ने इसे गलतफहमी बता कर माफी मांग ली है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना के मेजर रैंक के एक युनिफार्म्ड ऑफिसर आर विक्रम सिंह को पकड़ लेने के बाद पुलिस को खबर की गई। हालांकि थोड़ी देर बाद ही सेना ने इसे गलतफहमी का मामला बताते हुए जनरल सिंह से माफी मांग ली।पूर्व सेना प्रमुख के राजधानी दिल्‍ली के कैंटोनमेंट एरिया स्थित आवास में चोरी की कोशिश की खबर करीब चार बजे आई। अनधिकृत तौर पर दो-तीन लोग पूर्व सेना प्रमुख के आवास में घुसे थे। आरोप लगाया गया है कि इन्हें चुपके से कुछ दस्तावेज निकालते पाया गया। हालांकि वे कुछ निकाल नहीं पाए, उन्हें पहले ही देख लिया गया। सुरक्षा कर्मियों और परिवार के सदस्यों ने मिलकर उनमें से एक शख्स को पकड़ लिया। यह शख्स थे मेजर आर विक्रम। वह सेना की वर्दी में थे। पुलिस को सूचना दे दी गई।

रिटायर्ड जनरल वी के सिंह के घर सेना की घुसपैंठ

जनरल सिंह के परिवार ने इस घटना के पीछे किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया।
कहा जाता है कि दूध का जला छाज भी फूंक फूंक कर पीता है और यह अब सर्वविदित ही कि सेना में कार्यकाल के दौरान जनरल को उनकी जन्म तिथि को लेकर परेशां किया गया उसके बाद अब उनकी सुरक्षा वापस ली गई और फिर सेना से जुड़े लोग इस तरह घर में बिना किसी सूचने के घुसते पाए गए, उसे देखते हुए परिवार का कहना था कि इस मामले में सरकार की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

सेना का रिएक्शन

सेना ने इस पूरे मामले को गलतफहमी का नतीजा बताते हुए कहा कि जो लोग जनरल वी के सिंह के घर भेजे गए थे, वे सिगनल कोर 1, टीमके थे। यह टेलीफोन एक्सचेंज सेटअप का सामान्य मामला था, मगर जनरल सिंह के घर तैनात सुरक्षाकर्मियों को समय पर सूचना नहीं दी जा सकी। इस वजह से यह विवाद हो गया। सेना ने इस गलतफहमी के लिए अपनी गलती मानते हुए जनरल सिंह से बाकायदा माफी मांग ली। फिर मेजर आर विक्रम को जनरल सिंह के घर से जाने दिया गया। पकड़ा गया

काश्मीर से भ्रमण पर आई छात्राओं का मेरठ में गर्मजोशी से हुआ इस्तकबाल

Brother P K Joseph Welcoming Students From Kashmir

अमन का सन्देश ले कर सद्भावना के मिशन पर पहुंची कश्मीर की छात्राओं का मेरठ में खुले दिल से इस्तकबाल किया गया|३९ आर आर रोमियो फ़ोर्स की २२-२३ कैडेट्स ने छावनी स्थित सैंटमेरी एकेडमी का भ्रमण किया|इस अवसर पर एकादमी के प्रधानाचार्य ब्रदर पी के जोसेफ ने पुंज के चार स्कूलों से आये इन मेहमानों का सबसे परिचय करवाया और मेरठ के एतिहासिक स्थलों की जानकारी दी|इससे पूर्व सब एरिया मुख्यालय में मेजर जनरल व् क यादव[जी ओ सी] और उनकी पत्नी श्री मति पूनम यादव ने इनका खैरमकदम किया |
मेजर अमित अंकित सिंह,मान,लेफ्टी भावना, केप्टन शिखा आदि भी साथ थे|

यु को बैंक के ७१ वे स्थापना दिवस पर उत्क्रष्ट सेवाओं के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया

यु को बैंक ७१ वे स्थापना दिवस

यूनाईटेड कमर्शियल बैंक [यूं को] का ७१ वा स्थापना दिवस आज समारोह पूर्वक मनाया गया|मेरठ के गंगा नगर स्थित बैंक के अंचल कार्यालय में अंचल प्रबंधक नवीन कुमार दाश ने समारोह का उद्घाटन करते हुए बैंक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला| उप अंचल प्रमुख श्रीमति अरुणा गुप्ता ने उत्क्रष्ट सेवाओं के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को दोहराया|इस अवसर पर आयोजित एक गोष्ठी में स्टाफ सदस्यों ने समर्पित भाव से ग्राहक सेवा प्रदान करने के लिए विभागीय संकल्प को दोहराया| श्री कुलश्रेष्ठ और पी डी शर्मा आदि ने भी विचार व्यक्त किये इस अवसर पर कार्यालय परिसर में पौधे भी रोंपे गए|

अजमेर में भ्रष्टाचार के आरोप में सुप्रिडेंट आफ पोलिस और सहायक गिरफ्तार

अजमेर में भी पोलिस वर्दी पर भ्रष्टाचार के भद्दे दाग लगाने शुरू हो गए हैं |यहाँ कंधों पर टांगे मोटे स्टार वाले सुप्रिडेंट आफ पोलिस और उनके सहायक को पकड़ा गया है| जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय शारदा ने थानों से मासिक बंधी[हफ्ता वसूली] लेने के आरोप में गिरफ्तार एवं निलंबित अजमेर के पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा को १५ दिन के लिये न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया तथा उनके लिए थानों से वसूली करने वाले रामदेव

अजमेर में भ्रष्टाचार

को तीन दिन की पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिये हैं। एक अन्य आवेदन पर न्यायालय ने पुलिस को राजेश मीणा के आवास से सरकारी दस्तावेज लेने की अनुमति भी दी।एसपी के सहयोगीराम देव सिंह को तीन दिन के रिमांड पर भेजा गया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अजमेर के पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा को कथित तौर पर थानों से अवैध राशि वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और उनके कब्जे से लाखों रुपयों की नकद राशि जब्त की गई है। थानेदारों से मासिक वसूली के आरोप में पकड़े जाने के बाद निलंबित एसपी राजेश मीणा को शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अजमेर कोर्ट में पेश किया।घर में मारे गए छापे में एस पी और सहयोगी के सामने रखी टेबिल पर दो लाख रुपयों की नकदी मिली जिसका कोई जवाब नहीं दिया जा सका | पता चला है की एक एसिस्टेंट सुप्रिडेंट आफ पोलिस की भी इसी मामले में तलाश जारी है

किंग फ़िशर एयर लाइन्स को बैंकों ने नहीं दिया अनापत्ति प्रमाण पत्र: Banks Said No To K F A L

लेन दार बैंकों ने किंग फ़िशर एयर लाईन्स को अनापत्ति प्रमाण पत्र [एन ओ सी] देकर डी जी सी ऐ की एक शर्त को पूरा करने से मना कर दिया है| अब भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ और किंग फ़िशर एयर लाइन्स में १८ जनवरी को दोबारा वार्ता होगी| नागरिक उड्डयन मंत्रालय और बैंकों ने बेशक कम्पनी को सपोर्ट नही किया मगर आश्चर्यजनक रूप से अपनी लेन दारी वसूलने के लिए कोई यौजना को भी उजागर नही किया |
भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ ने बंगलौर में

किंग फ़िशर एयर लाइन्स को बैंकों ने नहीं दिया अनापत्ति प्रमाण पत्र: Banks Said No To K F A L

दारू किंग विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस की उड़ान को फिर से शुरू करने की अधूरी योजना का विरोध किया है। एयरलाइन को अपनी पुनरोद्धार योजना के लिए बेहतर प्रतिबद्धता जतानी होगी |कर्ज देने वाले बैंकों ने एयरलाइंस को नो ऑब्जेशन सर्टिफिकेट देने से साफ इनकार कर दिया हैप्राप्त जानकारी के अनुसार बैंकरों ने किंगफिशर की पुनरोद्धार योजना को ‘अप्रभावी’ बताया।
गौरतलब है कि कम्पनी ने अगले 12 महीनों में यूबी समूह से 650 करोड़ रुपये मुहैया करवाने के संकेत दिए थे लेकिन इसका विवरण नहीं दिया गया|| कर्जदाता और डीजीसीए ने इसकी तुलना में ठोस कार्य योजना की मांग की थी। लाइसेंस रद्द होने के बाद भी भारतीय नियमों के तहत विमानन कंपनी को दो साल के भीतर या इस अवधि की समाप्ति तक लाइसेंस के नवीकरण के लिए आवेदन का अधिकार है। अरबों रुपयों के कर्ज़ में डूबी किंग फ़िशर एयर लाईन्स को उबारने के लिए विदेशी निवेशक भी सामने नहीं आ रहे हैं इसीलिए कम्पनी के उभरने में तमाम रुकावटें आ रही हैं|

पोलिस शस्त्रागार में पड़े शस्त्र जंग खा रहे हैं तो बेचारे बावर्दी पोलिस कर्मी भी पिट रहे हैं

[मेरठ]

I P S K Satyanarayan Promoted as D I G

एक जमाना था जब पोलिस के आने की आहट से ही अपराधियों के क्या आम जनता के भी पसीने छूटने लगते थे और अब ये आलम है कि बावर्दी बेचारे बने हुए हैं और रोजाना पिट रहे हैं | उनके अपने शस्त्रागार उपेक्षित पड़े जंग खा रहे हैं| अपराध , जनाक्रोश का सामना करने के लिए पोलिस को सक्षम बनाने के तमाम दावे ४ जनवरी को उस समय धराशाई होगये जब बावर्दी पोलिस कर्मी के रसूख और शस्त्रागार की दो अलग अलग घटनाओं में पोल खुली |
पुलिस लाइन में एसएसपी से डी आई जी बने आई पी एस के. सत्यनारायण ने औचक निरीक्षण किया और पाया कि वज्र वाहन में जंग लग चुका है+ सुरक्षा हेलमेट + शस्त्रागार में आंसू गैस के गोले नाकाबिलेइस्तेमाल मिले
एक छोटी गाड़ी में जंग लगा मिला। सिपाहियों को दिए हेलमेट लापरवाही के साथ पवन मोबाइल में पड़े मिले। हेलमेट को जब्त कर संबंधित पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। गारद से सलामी लेने के बाद कप्तान शस्त्रागार में पहुंचे और हथियारों की जांच-पड़ताल की तो पाया कि आंसू गैस का गोला तीन साल पहले एक्सपायर हो चुका है। दरअसल यह बात कप्तान को तब पता चली जब उन्होंने एक गोले को चलाने की बात कही लेकिन वह लगातार दूसरी बार मिस हो गया। कप्तान ने जांच पड़ताल की तो वह एक्सपायर हो चुका था।

४ जनवरी को सिपाही अशोक उपाध्याय बेचारे सरे बाज़ार पिट गए |

अशोक उपाध्याय वर्तमान में हापुड़ रोड स्थित पीएसी 44वीं वाहिनी में तैनात बताया गया है| शुक्रवार दोपहर वह खंदक बाजार में खरीदारी करने आया था। इसी दौरान कुछ अन्य व्यापारियों ने उसे पकड़ लिया और उगाही करने का आरोप लगाते हुए पीटना शुरू कर दिया। व्यापारियों ने बताया कि पांच दिन पूर्व अशोक बाजार में कई दुकानों पर पहुंचा था। अशोक ने बताया कि वह पीएसी में दरोगा है और वर्तमान में उसकी ड्यूटी कोतवाली में है। आरोप है कि अशोक ने बाजार की दुकानों से कई चादरें और अन्य सामान डरा-धमकाकर मुफ्त में ले लिया। बाद में थाने में पता करने पर ज्ञात हुआ कि अशोक नाम का कोई दरोगा पीएसी से यहां नहीं आया है। शुक्रवार को जब अशोक दोबारा खंदक बाजार पहुंचा तो व्यापारियों ने उसे पकड़ लिया और पास की दुकान में बंधक बनाकर पिटाई की। सूचना मिलने पर फैंटम पुलिस मौके पर पहुंची और सिपाही को बचाने का प्रयास किया तो व्यापारी भड़क गए और सिपाहियों से धक्कामुक्की कर दी। करीब एक घंटे बाद थाना पुलिस की जीप मौके पर पहुंची और अशोक उपाध्याय को थाने ले आई। बाद में सीओ की मौजूदगी में थाने में व्यापारियों की बैठक हुई। मालूम हुआ है कि समझौता करा दिया गया यानि कोई रिपोर्ट नहीं लिखी गई |
इन दोनों घटनाओ के परिपेक्ष्य में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि [१]बेशक शहर में अमन की ब्यार बह रहे है इसीलिए शस्त्रों कि आवश्यकता नहीं हुई मगर शस्त्रागार में रखे गए शस्त्रों की तो समय समय पर जांच किये जाने के नियम हैं और एक्सपायर होने पर उनकी रिपोर्ट तत्काल ऊपर के कार्यालय में भेजी जानी जरुरी है लेकिन तीन सालसे उपेक्षित पड़े एक्सपायर्ड पड़े आंसू गैस के गोले जवाब देही तो मंगाते ही हैं [२]और उधर खन्दक में उगाही अगर की जा रही थी तो उसकी सज़ा दोषी को तत्काल मिल ही गई मगर इन व्यापारियों से कोई ये तो पूछे कि भई तुमने किस दबाब या डर में उगाही देदी और फिर वर्दी पर हाथ उठाया फिर रिपोर्ट भी नही लिखी गई अर्थार्त कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है