लेन दार बैंकों ने किंग फ़िशर एयर लाईन्स को अनापत्ति प्रमाण पत्र [एन ओ सी] देकर डी जी सी ऐ की एक शर्त को पूरा करने से मना कर दिया है| अब भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ और किंग फ़िशर एयर लाइन्स में १८ जनवरी को दोबारा वार्ता होगी| नागरिक उड्डयन मंत्रालय और बैंकों ने बेशक कम्पनी को सपोर्ट नही किया मगर आश्चर्यजनक रूप से अपनी लेन दारी वसूलने के लिए कोई यौजना को भी उजागर नही किया |
भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ ने बंगलौर में
गौरतलब है कि कम्पनी ने अगले 12 महीनों में यूबी समूह से 650 करोड़ रुपये मुहैया करवाने के संकेत दिए थे लेकिन इसका विवरण नहीं दिया गया|| कर्जदाता और डीजीसीए ने इसकी तुलना में ठोस कार्य योजना की मांग की थी। लाइसेंस रद्द होने के बाद भी भारतीय नियमों के तहत विमानन कंपनी को दो साल के भीतर या इस अवधि की समाप्ति तक लाइसेंस के नवीकरण के लिए आवेदन का अधिकार है। अरबों रुपयों के कर्ज़ में डूबी किंग फ़िशर एयर लाईन्स को उबारने के लिए विदेशी निवेशक भी सामने नहीं आ रहे हैं इसीलिए कम्पनी के उभरने में तमाम रुकावटें आ रही हैं|