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लिटिल फ्लावर के बच्चों ने सजाये दिए और थालियाँ

लिटिल फ्लावर की लोहिया नगर शाखा में आज दीया सज्जा थाली +सजावट+मोमबत्ती सजावट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया |इस अवसर पर हर्ष चौहान+अंजिला+वंशिका+वृतिका+सचिन+मो. ओवेश+कार्तिकेय+आदि की प्रस्तुती सराहनीय रही| इन वस्तुओं की प्रदर्शनी भी लगाईं गई|

लिटिल फ्लावर के बच्चों ने सजाये दिए और थालियाँ

श्रीमति पूजा खरबंदा निदेशक अमित खरबंदा और शिक्षिकाओं ने आयोजन को सफल बनाने में योगदान दिया|

तेरी सौं जितने शीशे भी देखे उन सब में तेरे बजाये मुझे अपना ही चेहरा दिखाई दिया


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

झल्ली

लो जी कर लो बात| हैं जी घर से निकलते समय मैंने आपजी को याद कराया था की मुझे अपना चेहरा अच्छी तरह से देखने में दिक्कत होती है इसीलिए बाज़ार से एक अच्छा सा सुन्दर सा शीशा [आईना] लेते आना |मैंने उसके लिए पैसे भी दिए थे और अप हो के खाली हाथ ही आ गए |क्या सोच के आये हो की मै बहुत खुश हो जाउंगी शाबाशी दूंगी क्यूं?

तेरी सौं जितने शीशे भी देखे उन सब में तेरे बजाये मुझे अपना ही चेहरा दिखाई दिया

झल्ला

ओये भलीलोके तेरे शीशे के चक्कर में तो मैंने मेरठ के सदर बाज़ार से लेकर घंटाघर तक की खाक छान डाली मगर तेरी सौं जितने शीशे भी देखे उन सब में तेरे बजाये मुझे अपना ही चेहरा दिखाई दिया | इसीलिए इस गम को भुलाने के लिए में एक छोटा सा पौव्वा जेब में डाल कर ले आया

एल के आडवाणी के ब्लॉग से”इतिहास को दबाना नहीं चाहिए”

एन डी ऐ के वरिष्ठ नेता एल के अडवाणी ने अपने ब्लॉग में १९७५ के आपातकालीन नाज़ी शासन की तुलना वर्तमान दमनकारी नीतिओं से करते हुए आपातकाल पर आधारित फिल्मो के निर्माण को जरूरी बताया| वरिष्ठ पत्रकार आडवाणी ने बुरे इतिहास से भी सबक लेकर वर्तमान सुधारने के लिए इतिहास को नहीं दबाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया है|अपने इस कथन के समर्थन में वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के बेटे की सम्पत्ती की तुलना राबर्ट वढेरा से करने पर एक युवक की गिरफ्तारी का उदहारण भी दिया गया है|इसके साथ ही अपने इस आरोप के माध्यम से जहाँ उन्होंने यूं पी ऐ सरकार को कठघरे में लाने का प्रयास किया है तो इसके साथ ही आई ऐ सी को भी पुचकारने का प्रयास किया है|
प्रस्तुत है आडवानी का ब्लॉग” इतिहास को दबाना नहीं चाहिए”

एल के आडवाणी के ब्लॉग से””


मेरे पूर्व प्रकाशित ब्लॉग में से एक का शीर्षक है: 25 जून, 1975: भारत के लिए एक न भूलने वाला दिन। एक अन्य ब्लॉग का शीर्षक था: 1975 का आपातकाल नाजी शासन जैसा।
मेरे संस्मरणों को प्रकाशित करने वाली ‘रूपा एण्ड कम्पनी‘ ने अस्सी से अधिक मेरे ब्लॉगों को संग्रहित कर ‘एज़ आय सी इट‘ (AS I SEE IT) शीर्षक से पुस्तक प्रकाशित की है।
इनमें से अनेक ब्लॉग जून 1975 में देश पर थोपे गए कठोर आपातकाल और 21 मास बाद जब मार्च 1977 में लोक सभा चुनाव हुए जिनमें श्रीमती इंदिरा गांधी की सरकार को उखाड़ फेंका गया और नई दिल्ली में श्री मोरारजीभाई देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी सरकार बनी – से सम्बन्धित हैं। स्वतंत्रता के बाद यह पहला मौका था जब केन्द्र में एक गैर-कांग्रेसी सरकार बनी।
1975 के आपातकाल के दौरान 1,10,806 लोगों को जेलों में बंदी बना दिया गया। इनमें प्राय: सभी प्रमुख विपक्षी नेता, बड़ी संख्या में सांसद, विधायक और पत्रकार शामिल थे।
जेल में रहते हुए मेरे द्वारा लिखे गए अनेक पैम्फलेटों में से एक था ‘ए टेल ऑफ टू इमरजेंसीज‘ जिसे आपातकाल के विरूध्द हमारे भूमिगत पार्टी कार्यकर्ताओं ने काफी मात्रा में वितरित किया था, इसमें 1975 के श्रीमती इंदिरा गांधी के आपातकाल और 1933 में एडोल्फ हिटलर के आपातकाल का आश्चर्यजनक तुलनात्मक अध्ययन वर्णित किया गया था।
पिछले सप्ताह जब एक सुप्रसिध्द फिल्म निर्माता मेरे घर पर आए तो मैंने उन्हें अपनी जेल डायरी ‘ए प्रिजनर्स स्क्रेप बुक‘ (A Prisoner’s Scrap Book) के साथ साथ ब्लॉग वाली अपनी पुस्तक भेंट की। मैंने विशेष रूप से उनका ध्यान एक ब्लॉग की ओर आकृष्ट किया जिसका शीर्षक है ”अब आपातकाल पर भी फिल्म बने।”
फिल्म निर्माता ने इस विषय में काफी रूचि दिखाई; वह मुझसे सहमत थे कि स्वतंत्र भारत के इतिहास के इस भयावह चरण की देश के फिल्म निर्माताओं ने पूरी तरह उपेक्षा की है लेकिन इस पर जोर दिया कि यह उपेक्षा इस कारण्ा से है कि जो लोग सत्तारूढ़ हैं, वे वास्तव में इसके सही और ईमानदार चित्रण को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। यहां तक कि ब्रिटिशराज के दौरान भी देश में इतना दमन नहीं हुआ था और न ही मीडिया पर इतनी कड़ी सेंसरशिप लागू की गई थी।
गत् सप्ताह घटित एक छोटी सी घटना ने फिल्म उद्योग के इस डर की पुष्टि की। पुड्डुचेरी के 46 वर्षीय एक लघु व्यवसायी एस. रवि ने 19 अक्तूबर 2012 को एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा था कि ‘वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम के बेटे कार्ति के पास राबर्ट वाड्रा से ज्यादा सम्पत्ति है।‘
रवि, जो पुड्डुचेरी से ‘इण्डिया एगेंस्ट करप्शन‘ की गतिविधियों में सक्रिय हैं, को पुलिस ने इस ट्वीट के आधार पर बुलाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश डेविड अन्नोसामी ने रेखांकित किया कि जो आधार पुलिस ने रवि के केस में माना है, उस आधार पर अनेक ट्वीट करने वाले गिरफ्तार किए जा सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को किसी ट्वीट से शिकायत है तो निश्चित रूप से वह ट्वीट करने वाले व्यक्ति के विरूध्द मानहानि का केस दायर कर सकता है। सिर्फ न्यायालय द्वारा दोषी पाए जाने पर ही उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।

इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम की घोषणा

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट टीम की घोषणा हो गई है। युवराज सिंह की टेस्‍ट टीम में वापसी हुई है। जहीर खान और हरभजन सिंह भी टीम में होंगे।[इनकी फिटनेस पर प्रश्न चिन्ह लगाये जा रहे हैं] दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट 15 नवंबर से खेला जाना है। हालांकि बीसीसीआई पहले टेस्‍ट की पूर्वसंध्‍या पर एक बार फिर युवराज और जहीर की फिटनेस पर विचार करेगी और मैच के लिए टीम में शामिल करने पर फैसला करेगी।
चयन समिति के प्रमुख बने संदीप पाटिल द्वारा पहली बार चुनी गई टीम इस प्रकार है।

इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम की घोषणा


महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान), सचिन तेंदुलकर, पुजारा, युवराज सिंह, मुरली विजय, वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली, गौतम गंभीर, जहीर खान, अश्विन, उमेश यादव, प्रज्ञान ओझा, हरभजन, ए. रहाणे, ईशांत शर्मा।
सुरेश रैना टीम से बाहर रखे गए हैं|

यातायात पखवाड़े में पोलिस का खेल , सपा का झंडा लगा है ,रिपोर्ट नहीं लिखेंगे

एक होंडा सिटी सवार ने बाईक सवार दो लोगों को रौंद दिया|होंडा सिटी सत्ता रूड सपा के एक नेता की बताई जा रही है
सदर मेरठ के सोतीगंज छेत्र में देर रात एक होंडा सिटी, [जिसमे चार पुरुष और एक महिला थे,]ते रफ़्तार में जा रही थी| गाड़ी पर सपा पार्टी का झंडा भी लगा है|[फोटो में भी दिखाया गया है] जुनैद पुत्र आफताब और साकिबपुत्र मोहम्मद शहजाद बाईक पर आ रहे थे| होंडा सिटी ने बाईक में टक्कर मार कर दोनों को घायल कर दिया| होंडा सिटी स्वर सभी भाग गए मगर छेत्र वासियों ने गाड़ी पर अपना गुस्सा उतारा| सुबह तहरीर देने पर भी ऍफ़ आई आर दर्ज़ नहीं हुई है|

यातायात पखवाड़े में पोलिस का खेल , सपा का झंडा लगा है ,रिपोर्ट नहीं लिखेंगे

मेरठ में यातायात सुचारू करने के लिए यातायात पखवाड़ा मनाया जा रहा है मगर सड़क दुर्घटनाएं है की कम होने का नाम नहीं ले रही इसके अलावा पोलिस भी खेल करने में कोई कमी नहीं छोड़ रही इसीलिए गैरकानूनी ढंग से ड्राईविंग करने वाले हतोत्साहित होने के बजाये और उत्साह ग्रहण कर रहे हैं|

क्‍या कांग्रेस बताएगी कि महा रैली के लिए किसको और कितने पैसे दिए :केजरीवाल

आईएसी नेता अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर कांग्रेस पर सवाल दाग दिया है|. इस बार रविवार को हुई कांग्रेस की महारैली को निशाना बनाया गया है| केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस जनता को अपनी इस महारैली का हिसाब दें.
रविवार को रामलीला मैदान में हुई कांग्रेस की महारैली पर सवाल करते हुए केजरीवाल ने कहा कि, ‘कांग्रेस आरटीआई लाने का क्रेडिट लेना बंद करें.क्‍या कांग्रेस बताएगी कि इस रेली में कितने पैसे खर्च हुए हैं.’ इस रैली में शामिल हुई भीड़ के लिए केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने लोगों को पैसे दिए हैं. कांग्रेस की इस रैली की तैयारी पिछले लंबे समय से चल रही है.केजरीवाल ने ट्विटर पर ट्वीट कर कांग्रेस से पूछा है कि क्या वे रैली के लिए परिवहन, खान-पान, विशेष ट्रेनों आदि पर हुए खर्च की पूरी जानकारी आम जनता के सामने सार्वजनिक कर सकती है या नहीं। क्या इस रैली में आए लोगों को कांग्रेस ने पैसे दिये। क्या कांग्रेस रैली पर हुए खर्चे का हिसाब देगी। केजरीवाल ने कहा है कि कांग्रेस को अपने खाते सार्वजनिक करने चाहिए | गौरतलब है कि रविवार को दिल्ली में हुई कांग्रेस की इस रैली ने ट्रैफिक की समस्या से सबको रुलाया । सभी प्रमुख सड़कों पर जाम लगा रहा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी रैली में शामिल थे |

क्‍या कांग्रेस बताएगी कि महा रैली के लिए किसको और कितने पैसे दिए :केजरीवाल

एफडीआइ के समर्थन में काग्रेस की रैली में शामिल होने अन्य राज्यों से लोगों के आने का सिलसिला सुबह ही शुरू हो गया था। आइएसबीटी-राजघाट रिंग रोड, धौलाकुंआ से ग्यारह मूर्ति आने वाले सरदार पटेल मार्ग, विकास मार्ग, आइटीओ से इंडिया गेट जाने वाली सड़क सहित रामलीला मैदान की ओर जाने वाली सड़कों पर गाड़ियों की कतार से जाम लग गया। जिसे जहा गाड़ी खड़ी करने की जगह मिली, वहीं गाड़ी पार्क कर रैली में शिरकत करने के लिए पैदल निकल पड़ा। राजघाट, इंडिया गेट, पुराना किला, माता सुंदरी रोड, निजामुद्दीन ब्रिज, नीला गुंबद, वजीराबाद टी प्वाइट पर निर्धारित पार्किग स्थल जहा जगह मिली वहीं गाड़िया खड़ी कर रैली में हिस्सा लेने आए लोगों की हिम्मत ट्रैफिक जाम के आगे जवाब दे गई।ट्रैफिक पुलिस ने रैली के लिए दिल्ली की सीमा में कम से कम एक हजार बस तथा तीन हजार अन्य निजी गाड़ियों से लोगों के आने का अनुमान किया था। लेकिन शनिवार देर रात से ही जो जन सैलाब उमड़ना शुरू हुआ तो सभी अनुमान धरे रह गए |
गौरतलब है की पूर्व में कांग्रेसी नेताओं ने आई ऐ सी के खर्चे का हिसाब मांगा था और रैली में भी इन्हें निशाना बनाया गया था संभवत केजरीवाल ने कांग्रेसी सिक्के में ही आरोपों को लौटा दिया है|

मायावती के खिलाफ ताज कोरिडोर मामले पर नहीं बनता कोई मुकद्दमा: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

बसपा सुप्रीमो मायावती को बड़ी राहत प्रदान करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को ताज कॉरिडोर मामले में उनके खिलाफ याचिकाएं खारिज कर दीं।
अदालत की लखनऊ पीठ ने उनके कैबिनेट सहयोगी नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ भी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
अदालत द्वारा 74 पन्नों का फैसला दिए जाने के बाद वरिष्ठ वकील सतीश चन्द्र मिश्र ने कहा कि कोर्ट ने मैरिट पर इस केस को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए फैसलों की भी जानकारी ली और इसके बाद यह फैसला सुनाया है। उन्होंने इस फैसले को मायावती के लिए बड़ी राहत बताया।मिश्र ने बताया कि गवर्नर द्वारा पूर्व में ही इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ मामला चलाए जाने की अनुमति नहीं दी गई थी यह इस बात का प्रमाण था कि इस मामले में उनका कोई कसूर नहीं है। इस मामले से जुड़ी फाइलों को कभी भी मायावती के सामने स्वीकृति के लिए लाया ही नहीं गया था, क्योंकि यह एक रुटिन मैटर था जिसको मुख्यमंत्री की स्वीकृति की जरुरत महसूस नहीं की गई।

Wah Maya Wah Taj

उन्होंने कहा कि मिशन मैनेजमेंट बोर्ड ने बीजेपी की सरकार में ताज कॉरिडोर के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उस वक्त प्रदेश में राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे। लिहाजा इस मामले में यदि कोई आरोपी बनता है तो वह उस वक्त के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई की स्थानीय विशेष अदालत ने मायावती तथा नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ तत्कालीन राज्यपाल द्वारा मुकदमा चलाने की स्वीकृति नहीं दिए जाने के कारण अभियोजन की कार्यवाही समाप्त कर दी थी। इसके खिलाफ वर्ष 2009 में छह जनहित याचिकाएं दायर कर इस फैसले को चुनौती दी गई थी। इन सभी छह याचिकाओं पर सुनवाई 12 सितंबर को सुनवाई की गई थी, जिसके बाद आज इस मामले में मायावती को बड़ी राहत प्रदान कर दी गई है । 12 सितम्बर को लखनऊ खंड पीठ ने मायावती एवं नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर आपराधिक मामले की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने हेतु दायर जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच में न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति अनी कुमार सिंह की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार 11 सितंबर को इस मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से उच्चतम न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल ने बहस की थी वहीं, मायावती तथा अन्य पक्षकारों की तरफ से वरिष्ठ वकील सतीश चन्द्र मिश्र अधिवक्ताओं की टीम के साथ पेश हुए। न्यायाधीश इम्तियाज मुर्तजा और अश्विनी कुमार सिंह की इस पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि याचिकाओं में कोई दम नहीं है और इसीलिए उन्हें खारिज किया जाता हैं।

केस हिस्टरी

बताते चलें कि
साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने ताज की खूबसूरती बढ़ाने के नाम पर 175 करोड़ रुपए की परियोजनाएं लॉन्‍च कर दी. आरोप लगा कि पर्यावरण मंत्रालय से हरी झंडी मिले बगैर ही सरकारी खज़ाने से 17 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गए.2003 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पड़ताल करने के आदेश दिए. 2007 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी.सीबीआई की चार्जशीट में मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगाए गए लेकिन जैसे ही मायावती सत्ता में वापस आईं, तत्कालीन राज्यपाल टीवी राजेश्वर ने इस केस में मुकदमा चलाने की इजाजत देने से मना कर दिया और सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही ठप्प हो गई.|

एल के अडवाणी के ब्लॉग से : आपातकालीन ज्यातियों पर शाह कमीशन की रिपोर्ट पुनः प्रकाशित

शाह कमीशन की रिपोर्ट पुनः प्रकाशित

एन डी ऐ के सर्वोच्च नेता एल के आडवाणी ने अपने ब्लॉग में कांग्रेस को घेरते हुए कहा है कि आपातकालीन ज्यातियों की जाँच करने वाले शाह कमीशन की रिपोर्टों को इमरजेंसी के बाद पुनः सत्ता में आई श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा जला दिया गया |
इमरजेंसी के बाद मोरारजी देसाई के न्रेत्त्व में जनता पार्टी की सरकार बनी जिसने इमरजेंसी कल की ज्यातियों की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जस्टिस जे सी शाह की न्युक्ति की गई| पूरे देश में हुई ज्यातियों कि जांच करना कोई आसान काम नहीं था फिर भी जस्टिस शाह ने तीसरी और फायनल रिपोर्ट[८/१९७८] सौंप दी|इस रिपोर्ट में इमरजेंसी के दौरान श्रीमति इंदिरा गांधी और उनके पुत्र[अब स्वर्गीय]संजय गांधी और उनके सहयोगियों की कारगुजारियों का उल्लेख किया गया था| |

शाह कमीशन रिपोर्ट लॉस्ट एंड फ़ाउंड[Shah Commission Report: Lost and Regained”] का चेन्नई में लोकार्पण


१९८० में कांग्रेस पुनः सत्ता में आ गई| श्रीमति इंदिरा गाँधी की सरकार ने शाह कमीशन की सभी प्रकाशित रिपोर्टों को नष्ट कराना शुरू कर दिया| इसीके फल स्वरुप अब माना जा रहा है कि शाह कमीशन की कोई भी रिपोर्ट देश में उपलब्ध नहीं है|वास्तव में शाह कमीशन की तीसरी और फायनल रिपोर्ट की एक प्रति किसी तरह से लीक होकर आस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय पुस्तकालय में पहुंच गई |
इसके बाद मेरे [आडवाणी] मित्र और डी एम् के संस्थापक अन्ना दुर्रईके फालोअर आस्ट्रेलिया के वरिष्ठ पार्लियामेंतेरियन एरा सेज्हियं [ Era Sezhiyan] ने स्वयम इस रिपोर्ट को निजी तौर पर पुनः प्रकाशित करवाने का निर्णय लिया|
“ इसके फलस्वरूप उन्हें [आडवाणी]शाह कमीशन रिपोर्ट लॉस्ट एंड फ़ाउंड[Shah Commission Report: Lost and Regained”] का चेन्नई में लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को कौन का मच्छर काट गया है ?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई चिन्तक

ओये झल्लेया ये हसाड़ी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को कौन का मच्छर कट गया है की रोजाना कोई न कोई विवाद पैदा करके पार्टी को भ्रष्ट कांग्रेस के सम कक्ष करते जा रहे हैं| देखो ना अब गडकरी जी ने भोपाल में महिलाओं की पत्रिका ओजस्विनी के एक कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद की तुलना दाऊद इब्राहिम से करके एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। गडकरी जी को दोनों का आईक्यू लेवल एक समान दिखाई दे रहा है | बताया गया है की दोनों की जिंदगी की दिशा अलग थी। एक ने इसका इस्तेमाल समाज की बेहतरी के लिए किया तो दूसरे ने गुनाह के लिए किया। भ्रष्टाचार के आरोपों की मार झेल रहे गडकरी जी की यह तुलना पार्टी के लिए नई मुसीबत खड़ी कर सकता है। कांग्रेस को नई उर्जा दे सकती है|

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी को कौन का मच्छर कट गया है

झल्ला

भाई साहब पुराने लोग कह गए हैं कीजब मुश्किलें बढती हैं तो खुद बखुद आसन हो जाती है|अर्थार्त अच्छे बुरे का भेद नहीं रहता |सत्ता सुख और सुख के आगे कुछ नहीं रहता |सत्ता की इस पराकाष्ठ के बाद तो बुद्धि आम जन भावनाओं के[आप की भाषा में ] विपरीत होने लगती है |बोले तो विनाश शुरू हो जाता है यानि विनाश काले विपरीत बुधि|

पैरामाउंट एयर लाइंस को जमीन पर उतारने के लिए 442 करोड़ रुपयों की धोखाधडी के आरोप लगे

पैरामाउंट एयर लाइंस को 442 करोड़ रुपयों की धोखाधडी के आरोप में जमीन पर उतारने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)ने देश की अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है| [१] पैरामाउंट एयरवेज प्राइवेट लि.,[२] ओरियंटल इंश्योरेंस के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तथा चार अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों और एक बीमा कंपनी के साथ 442 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में पैरामाउंट एयरवेज प्राइवेट लि., ओरियंटल इंश्योरेंस के पूर्व चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तथा चार अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। तीस हजारी कोर्ट में सीबीआइ के विशेष जज प्रदीप चढ्डा की अदालत में दायर इस आरोप पत्र में सीबीआइ ने आरोप लगाया है कि आरोपी एयरलाइंस व बीमा कंपनी के अधिकारियों की धोखाधड़ी से सरकारी क्षेत्र के पांच बैंकों व ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को 442 करोड़ की हानि हुई।।

पैरामाउंट एयर लाइंस को जमीन पर उतारने के लिए 442 करोड़ रुपयों की धोखाधडी के आरोप लगे


आरोप है कि आरोपियों ने धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचा। जिससे [१]स्टेट बैंक ऑफ इंडिया,[२] बैंक ऑफ इंडिया,[३] इंडियन बैंक, [४]आंध्र बैंक,[५] आइडीबीआइ व [१]बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को नुकसान हुआ।
चेन्नई स्थित एयरलाइंस ने राज्य की ऑयल कंपनी से लेनदेन के लिए अपनी बैंक गारंटी का ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से क्रेडिट इंश्योरेंस लिया। बाद में एयरलाइंस ने ऑयल कंपनी का पैसा नहीं चुकाया। इस पर ऑयल कंपनी ने बैंक गारंटी का इस्तेमाल किया। बैंकों ने बीमा कंपनी से 442 करोड़ रुपये का क्लेम किया।
बीमा कंपनी के पूर्व मुख्य प्रबंधनिदेशक एम रामादोस के खिलाफ शिकायत मिलने पर सीबीआइ ने जुलाई 2011 में प्राथमिकी दर्ज की