बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के साथ लोक तंत्र की लड़ाई लड़ने से मना कर चुके पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह देश की युवा सेना की कमान संभालने को तैयार हो गए हैं|
इसके लिए उन्होंने युवा शक्ति देश को आगे बढ़ने का जज्बा दिखाने को उत्साहित किया है|वाराणसी में उन्होंने बीते दिन डीएवी कालेज में संगोष्ठी के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में कहा कि युवाओं में देश की तकदीर बदलने का माद्दा है सिर्फ उनके आगे बढ़ने की देर है।
गौरतलब है कि जनरल सिंह बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के मंचों पर जा चुके हैं और डाक्टर बी एम् सिंह के साथ किसानों के हक़ के लिए आवाज़ उठा चुके हैं|
पूर्व थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि देश जब आजाद हुआ था उस समय युवाओं को जो अवसर नहीं मिला वह अब दिया जा रहा है।
उन पर किसी तरह का दबाव नहीं है। वे राष्ट्रहित में निर्णय करने में सक्षम हैं। । इस समय नई सोच विकसित करने की जरूरत है। इसके लिए युवाओं को पूरा मौका दिया जाना चाहिए।
एक प्रश्न के उत्तर में जनरल सिंह ने कहा कि न तो मैं अन्ना के साथ हूं और न ही बाबा रामदेव के। इन दोनों लोगों के पास मुद्दे बहुत अच्छे हैं और मैं उन मुद्दों के साथ हूं। उन्होंने कई प्रश्नों के उत्तर कुशल राजनीतिज्ञ की भांति दिए। यह पूछने पर कि बार-बार कहा जाता है कि अच्छे लोग राजनीति में आएं तो फिर आप चुनाव क्यों नहीं लड़ते? इस पर उन्होंने उल्टा सवाल किया कि आप लोग क्यों नहीं चुनाव लड़ते।
घोटालों और राजनीतिक सवालों पर कहा कि इसका सही जवाब इससे जुड़े लोग ही दे सकते हैं। प्रधानमंत्री के इस बयान पर कि मेरी खामोशी बयानों से अच्छी है के बारे में पूछने पर वे मुस्कुराते हुए अगले कार्यक्रम में जाने की बात कहते हुए खामोशी से बाहर निकल गए।
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