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अन्ना को शीशे में उतारने में अरविन्द आज असफल हुए

इंडिया अगेंस्ट करप्शन फेम अरविन्द केजरीवाल आज सोशल अन्नाटीम को अन्नापार्टी बनाने के लिए अन्ना हजारे को शीशे में उतारने में असफल रहे |पार्टी बनाने का निर्णय अब १७-१८ सितम्बर को होगा|
पिछले दिनों अन्ना और अरविन्द में राजनीति में उतरने को लेकर मतभेद की खबरें आ रही थी |अहम् सदस्य किरण बेदी ने भी अरविन्द से किनारा कर लिया | इस विवाद का पटाक्षेप करने के लिए अरविन्द रालेगन सिद्धि पहुंचे और अन्ना हजारे को राजनीतिक दल बनाने के लिए अन्ना पर दबाब डाला |अन्ना ने सीधे सीधे पार्टी और पक्ष बनाने से साफ़ इंकार कर दिया|लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जनता की राय लेकर ही पार्टी बनाने का निर्णय लेने की बात भी कही|
उन्होंने कहा की पहले इंटरनेट पर जनता की राय ले ली जाय उसके बाद ही पार्टी बनाने पर निर्णय लिया जाएगा|यह पूछे जाने पर की अगर टीम अन्ना का कोई सदस्य चुनाव लड़ता है तो क्या उसे सपोर्ट करेंगे इस पर अन्ना ने कहा की पहले जनता से राय तो मिल जाये उसके बाद ही सपोर्ट करने पर निर्णय लिया जा सकेगा| अन्ना ने फिर दोहराया की साफ़ सुथरे इमानदार छवि वाले लोग ही चुन कर संसद में जाने चाहिए||
इस पर अरविन्द ने मीडिया के सामने अपना चुनावी मेनिफेस्टो ही पड़ दिया|इसके अनुसार प्रत्याशी को एक एफिडेविट देना होगा जिसमे लिखा होगा की वह लाल बत्ती की गाडी+ निजी सुरक्षा+बड़ा बँगला नहीं लेगा|और तनख्वाह में केवल २५०००/= ही लेगा|सेवानिवर्त होने पर कोई सुविधा नहीं होगी|
गौरतलब है की जंतर मंतर पर पार्टी बनाने की घोषणा की जा चुकी है लेकिन अपनी इस घोषणा से यूं टर्न लेते हुए अन्ना ने जनता से राय लेने का पेंच फंसा दिया है|
इस सब के बावजूद भी अन्ना अंत तक यही कहते रहे की जनता से राय लेकर ही पार्टी बनाने का निर्णय लिया जाएगा|इसीलिए इस विषय में अब १७-१८ सितम्बर को फैसला होगा|