प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह द्विपक्षीय बैठक में भाग लेने के लिए आज अमेरिका रवाना हो गए| वाशिंगटन में डॉ मन मोहन सिंह अमेरिकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा के साथ मुलाक़ात करेंगे जिसके पश्चात संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें अधिवेशन को संबोधित करने के लिए न्यूयार्क जायेंगे | न्यूयार्क यात्रा के दौरान पड़ोसी देशों बांग्लादेश+ नेपाल + पाकिस्तान के नेताओं से द्विपक्षीय मुद्दों पर भी बातचीत करेंगे |अमेरिका के लिए प्रस्थान करने से पूर्व पी एम् ने कहा
“मैं वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों और इस बात पर भी विचार विमर्श करूंगा कि हम आपसी हित को आगे बढ़ाने के लिए कैसे मिलकर काम करें।
संयुक्त राष्ट्र महासभा इस वर्ष रियो डी जेनेरियो में धारणीय विकास पर 2012 में हुए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के परिणामों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जो पृथ्वी सम्मेलन की 20वीं वर्षगांठ भी है।
महासभा 2015 के बाद वैश्विक विकास एजेंडा की रूपरेखा भी तय करेगी, जो 2000 में तय सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों (एमडीजी) के लिए निर्धारित तिथि है। विभिन्न मानदंडो पर सफलताओं के बावजूद विश्व सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों (एमडीजी) को हासिल नहीं कर सकता और यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने प्रयास जारी रखें। मैं 2015 के बाद विकास एजेंडा के मूल में गरीबी उपशमन और समावेशी विकास के महत्व पर जोर दूंगा। रियो+20 के फालोअप के रूप में धारणीय विकास लक्ष्यों की जो रूपरेखा तय होने की उम्मीद है उसके लिए सम्मेलन को धारणीय विकास उद्देश्यों आर्थिक सामाजिक और पर्यावरणीय आयामों के साथ वैश्विक उपयोगिता के लिए संतुलित व्यवहार के बारे में समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करना होगा।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक ऐसे समय हो रही है, जब पश्चिम एशिया में जबरदस्त राजनीतिक उथल-पुथल के साथ वैश्विक आर्थिक मंदी ने उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है। मैं अपने इस दृढ़ विश्वास को व्यक्त करूंगा कि संयुक्त राष्ट्र को केन्द्र में रखकर वैश्विक चुनौतियों का विविध प्रयासों से सामना किया जा सकता है। मैं वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक गवर्नेंस की संस्थाओं खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अति शीघ्र सुधारों की जरूरत पर भी बल दूंगा, जिससे संयुक्त राष्ट्र प्रभावी और विश्वसनीय भूमिका निभा सके। ”
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