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बोल व्रत से जनता ने चाहा तो २०१४ तक मन वांछित लाभ प्राप्त होगा


झल्ले दी झल्लियाँ गलाँ

एक भाजपाई

ओये झाल्लेया ये क्या हो रहा है ? संवैधानिक संस्था कैग ने १.८५ लाख करोड़ रुपये के कोयला घोटाला निकाल कर संसद पटल पर रखवा दिया अब इस पर सकारात्मक कार्यवाही करने के बजाय सरकार कैग की ऐसे की तैसी करने पर तुली है |कैग को ही गलत बताया जा रहा है|आजकल संसद को तो राजीव शुक्ला सरीखे मंत्री स्थगित करवाए जा रहे हैं लेकिन मीडिया में ही चर्चा का बाज़ार गर्म किया जा रहा है|ओये हमें भी कोई उपाय बता कि हम कौन सा अनुष्ठान करें+हवन करे या फिर व्रत करें ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए|

झल्ला

भापा जी आपजी की कुण्डलियाँ बता रहीं हैं कि आप की पोलिटिकल जड़ों में ऐसा कोई ढंग का वक्ता वर्तमान में नहीं है जो मीडिया में छाप छोड़ता हो इसीलिए आप जी के लिए

बोल व्रत धारण करना

ही उपाय कारगर होगा|मीडिया में बोलने वाले इस व्रत को धारण करके ही केमरा के सामने बैठे और एंकर या दूसरी पार्टी के सवालों का जवाब देते समय श्री लाल कृषण आडवानी के शुष्क आकंड़ों के साथ साथ श्री अटल बिहारी वाजपई के भाषाई लच्छों को भी याद करके जाएँ|और बीच बीच में इन्हें छोडते जाएँ जनता ने चाहा तो २०१४ तक मन वांछित लाभ प्राप्त हो ही जाएगा