श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा देखे गए महिला सशक्तिकरण के सपनों को साकार करने के लिए आज सार्वभौमिक भारतीय महिला बैंक शुरू किया गया |
भारतीय महिला बैंक के मुम्बई में उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने कहा
“हम सब यहां एक विचित्र नई संस्था की शुरूआत को देखने एकत्रित हुए हैं। भारतीय महिला बैंक का आज उद्घाटन किया जा रहा है। यह बैंक प्रमुख रूप से महिलाओं और महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराएगा। मैं समझता हूं कि अधिक से अधिक संख्या में महिलाएं ही इस बैंक का संचालन करेंगी। मैं अपने मित्र और सहयोगी तथा वित्त मंत्री श्री पी. चिदम्बरम और उनके दल को इस बैंक की स्थापना की परिकल्पना करने और चालू वर्ष के बजट में इसकी घोषणा कर हकीकत रूप देने के लिए सराहना करता हूं। “
पी एम् ने कहा कि भारत ने शताब्दियों में विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, व्यापार, खेल और राजनीति जैसे विविध क्षेत्रों में कई कुशल महिला नेताओं को दिया है। हमारे स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने प्रमुख भूमिका निभाई तथा रानी लक्ष्मी बाई, बेगम हजरत महल और श्रीमती अरुणा आसफ अली जैसी नेताओं ने अग्रिम पंक्ति से देश का नेतृत्व किया। महिला भी हमारे देश की राष्ट्रपति हुई हैं और अभी हमारी लोकसभा की अध्यक्ष महिला हैं। लोकसभा में विरोधी दल की नेता महिला हैं और दो राज्यों की मुख्यमंत्री भी महिला हैं। भारत की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की अध्यक्ष भी सम्मानित महिला नेता हैं जो आज हमारे बीच हैं। हाल के एक वैश्चिक सर्वेक्षण में चुनी गईं 50 महिला व्यापारिक नेताओं में 4 भारतीय महिला हैं। लेकिन यह सब कुछ हमारे देश में महिलाओं की औसत वास्तविकता को नहीं दर्शाता। वास्तविकता यह है कि घर, स्कूल, कार्य स्थल तथा सार्वजनिक स्थानों पर महिलाएं भेदभाव और कठिनाई का सामना करती हैं। उनकी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारिता अभी भी दूर का लक्ष्य बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि शुरूआत में बैंक की 7 शाखाएं होंगी जो मार्च 2014 तक बढ़कर 25 हो जाएंगी और ये शाखाएं ग्रामीण और शहरी इलाकों पर समान रूप से ध्यान देंगी। बैंक महिला उद्यमियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष उत्पाद पेश करेगा। यह उन लोगों के लिए आगे चुनौती भरा कार्य होगा, जिन्हें इस बैंक के संचालन की शुरूआती जिम्मेदारी और प्रारंभिक वर्षों में इसे चलाने की जिम्मेदारी दी गयी है। उनको दिए गए कार्य सार्थक हैं।
बैंक के उद्घाटन समारोह में वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि भारतीय महिला बैंक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों की तरह सभी बैंकिंग सेवाएं और सुविधाएं देकर सार्वभौमिक बैंक बनेगा। पूरे देश में और विदेशों में भी इसकी शाखाएं खोली जाएंगी।
श्री चिदम्बरम ने मुम्बई में भारतीय महिला बैंक के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि” सरकार की ओर से मैंने 28 फरवरी, 2013 को यह बैंक खोलने का वायदा किया था और मुझे खुशी है कि बहुत कम समय में यह बैंक स्थापित हुआ और इसका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के जन्म दिवस के मौके पर हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय महिला बैंक महिलाओं की अधिकारिता का प्रतीक मात्र नहीं बल्कि उनके अधिकारिता का आधार है। देश में केवल 26 % महिलाओं के पास बैंक खाते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए प्रति व्यक्ति ऋण 80 % कम है, इसलिए ऐसे बैंक की जरूरत महसूस की गयी जो मुख्य रूप से महिलाओं/स्वयं सहायता ग्रुप से जुड़ी महिलाओं, व्यापार से जुड़ी महिलाओं और कामकाजी महिलाओं की सेवा करेगा।
उन्होंने बताया कि 2010 से 2030 तक की 20 साल की अवधि में बैंक ऋण 16.5 % की दर से बढ़ेगा। 2010 के ऋण स्तर की तुलना में इसमें 20 गुणा वृद्धि होगी। बैंकों का जमा आधार भी 14.6 % की दर से 20 साल में 14 गुणा बढ़ेगा। इस स्तर पर महिलाओं के लिए ऋण वृद्धि 25 लाख करोड़ की होगी। आशा है कि भारतीय महिला बैंक इस आकार और अवसर का पूरा लाभ उठाएगा।