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संसद का मानसून सत्र बिना बिजनेस फुआरों के समाप्त

संसद का मानसून सत्र बिना बिजनेस फुआरों के समाप्तहो गया सरकार और विपक्ष ने इस बर्बादी के लिए एक दूसरे के सर पर ठीकरा फोड़ा है
| संसद के मानसून सत्र को बिना किसी जनहित बिजनेस के अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया| ८ अगस्त से प्रारम्भ हुए इस सत्र में ६२ घंटे काम नहीं हुआ | इस सत्र की बर्बादी पर प्रत्येक वर्ग ने अपने तरीके से कमेंट्स किये हैं|
राज्यसभा के चेयर मेन मोहम्मद हामिद अंसारी ने इस

सत्र के बेकार चल जाने पर खेद व्यक्त करते हुए अपने समापन भाषण में कहा कि इस सत्र को काम नहीं करने के लिए याद किया जाएगा|

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने बाद में पत्रकारों के सामने दिए सन्देश में इस पर खेद व्यक्त किया और इसके लिए विपक्ष के अड़ियल रवैय्ये को दोषी बताया|इसके साथ ही उन्होंने कैग पर नर्म रुख अपनाते हुए कहा कि कैग गलत नहीं है मगर उसकी रिपोर्ट पर चर्चा जरुरी है
|मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सत्र की बर्बादी को राष्ट्र हित में इन्वेस्टमेंट बताया| श्रीमति सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस सत्र में कुछ करोड़ रुपयों कि बर्बादी हुई है मगर इससे बने दबाब से कोयला खदानों की रीसेल में अरबों रुपयों का राजस्व देश को प्राप्त होगा|इससे पूर्व २ जी में भी ऐसा ही राजस्व मिलाने का मार्ग प्रशस्त हो चुका है|
१५वी लोक सभा के ४थे साल के इस मानसून सत्र में कुल १९ दिनों में से केवल छह कार्यदिवस में ही कार्य बुक किया गया| तीन बिल पास हुए|शेष पीरियड तो सरकार और विपक्ष की जोर आजमाईश में ही चला गया| इससे पूर्व २०१० के विंटर सेशन भी २ जी की भेंट चड़ चुका है| राज्य सभा में ६२ घंटे बर्बाद हो जाने पर श्री अंसारी ने खेद व्यक्त करते हुए बताया कि ३९९ प्रश्नों को राज्य सभा के लिए एनलिस्ट किया गया था जिनमे से केवल ११ प्रश्न ही पूछे गए मगर उत्तर या चर्चा केवल एक प्रश्न पर ही हो सकी|शोर शराबे के कारण लोक सभा कि स्पीकर मीरा कुमार ने पी एम् और लोक सभा के नेता सुशील कुमार शिंदे की मौजूदगी में सत्र को बिना किसी फार्मल स्पीच के ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया|
लोक सभा में कोकराझाड़ और पूर्वोत्तर नागरिकों के पलायन पर चर्चा अवश्य हुई और इन मुद्दों पर संसद एक दिखाई दी मगर भाजपा ने आरोप लगाया है कि सरकार ने पूर्वोत्तर नागरिकों के पलायन कि समस्या को सुओ मोटो जवाब से टालने का ही प्रयास किया |
इस सत्र में काम तो हुआ नहीं उलटे ५ सितम्बर को राज सभा में बहुजन समाज वादी और समाज वादी पार्टियों के सांसदों में हाथापाई जरुर हुई जिससे संसदीय मर्यादा तार तार हुई|सपा के नरेश अग्रवाल और बसपा के अवतार सिंह करीम पुरिया में हाथा पाई हुई शरीर से पतले दुबले अवतार सिंह ने तो भरी भरकम नरेश अग्रवाल को तीन कदम पीछे धकेल दिया|
नौकरियों में प्रोमोशन पर रिजर्वेशन के बिल भी हंगामे के कारण कानून नहीं बन सका|इस बिल के लिए लाबिंग कर रही बसपा प्रमुख मायावती ने सत्र के कार्यकाल को आगे बढाने और आर जे डी के लालू प्रसाद यादव ने विशेष सत्र बुलाये जाने की मांग उछाली |लेकिन सरकार और विपक्षी जे डी यूं ने विरोध किया |
संसद की लड़ाई को अब सडकों पर लाने की बात कही जा रही है |एन डी ऐ ने आज सुबह संसद परिसर में स्थित महात्मा गाँधी कि प्रीतम के सामने खड़े होकर संकल्प लिया और भ्रष्टाचार की इस लड़ाई को सडकों पर ले जाने की बात दोहराई |कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गाँधी पहले ही अपने कांग्रेसियों से हमलावर होने को कह चुकी हैं इसीके फलस्वरूप कल[गुरुवार]को हज़ारों कांग्रेसियों ने उड़ीसा विधान सभा पर हंगामा किया और एक महिला पोलिस पर अत्याचार भी किया\

कल तक ये सांसद सोश्लाईट्स को सड़क के बजाये संसद में आकर लड़ाई लड़ने की दावत दे रहे थे इस दावत को स्वीकार करके सोश्लाईट्स ने तो सड़क छोड़ कर संसद में प्रवेश के लिए कदम बड़ा दिया है मगर ये दावत देने वाले खुद ही संसद छोड़ कर अब सडकों पर उतर रहे हैं |संसद की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर आ रहे हैं|