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संसद में विश्वास प्रस्ताव ला सकती है सरकार

बी जे पी को अविश्वास प्रस्ताव के झांसे में लाने के प्रयास विफल होने पर अब सत्ता पक्ष द्वारा संसद में विश्वास प्रस्ताव लाने की खबरें गर्म हो रही हैं|
बी जे पी के तमाम आरोपों के बावजूद सरकार कोल ब्लॉक आवंटन के मसले पर झुकती हुई नहीं दिख रही|
सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि कोई कोल ब्लॉक आबंटन रद्द नहीं किया जाएगा+ यह भी संकेत दे दिया गया है कि सरकार लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है।
इससे पूर्व लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आरोप लगाया था कि कोयला घोटाले में काग्रेस को मोटा माल मिला है। काग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इसे तत्काल नकार दिया|
गौरतलब है कि काग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि कोल ब्लॉक आवंटन का फैसला बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सहमति से हुआ है। ऐसे में अगर घोटाले का आरोप है तो वह अकेली काग्रेस या यूपीए सरकार पर नहीं लगाया जा सकता। बीजेपी को भी उसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।
बेशक सरकारी छेत्रों से कहा जा रहा है कि मौजूदा सत्र पूरा चलाया जाएगा मगर वर्तमान डेडलाक को देखते हुए इसकी संभावना कम ही दिख रही है|
उधर राजग में कैग रिपोर्ट को लेकर दरार पड़नी शुरू हो गई है। राजग से जुड़े बिहार और पंजाब के घटक दल इस मामले पर बहस होने देना चाहते हैं। इस मामले में अकाली दल ने साफ कहा है कि वह इस गतिरोध को खत्म कर बहस कराना चाहते हैं| अकाली दल भाजपा का सबसे पुराना और विश्वसनीय सहयोगी है|
भाजपा प्रवक्ता महाराष्ट्र कोटे के प्रकाश जावडेकर का कहना है कि जैसे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के बाद ए. राजा का इस्तीफा लिया गया था, वैसे ही प्रधानमंत्री पहले इस्तीफा दें फिर इस मुद्दे पर बहस करें। भाजपा मान रही है कि संसद ठप होने से कांग्रेस की साख गिर रही है यही उनका मकसद भी है|। संख्या बल के जरिए भाजपा अकेले ही संसद ठप कराने में सक्षम है। इसे संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल ने भी माना है। भाजपा का यह मानना है कि 2जी मामला गांवों तक पहुँचना मुश्किल था लेकिन अब कोयला घोटाला ऐसा है कि इसे कोयला पैदा करने वाले राज्यों और दूसरे हिंदी राज्यों में लोगों को समझाना बहुत आसान है।