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कैलाश मानसरोवर की दुर्गम यात्रा के माध्यम से चीन के साथ सम्बन्ध प्रगाढ़ बनाये जा सकते हैं

पवित्र कैलाश मानसरोवर की दुर्गम यात्रा के माध्यम से चीन के साथ सम्बन्ध प्रगाढ़ बनाये जा सकते हैं| यह विचार आज विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्‍वराज ने व्यक्त किये ,अवसर था कैलाश मानसरोवर 2014 यात्रा के पहले जत्‍थे को रवाना करने का|
विदेश मामलों और प्रवासी भारतीय मामलों की मंत्री श्रीमती सुषमा स्‍वराज ने रवानगी की औपचारिकता के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा 2014 पर जाने वाले यात्रियों के पहले जत्‍थे को झंडी दिखा कर रवाना किया|इस अवसर पर श्रीमती सुषमा स्वराज ने अपने सम्बोधन में यह घोषण भी की कि आगामी वर्ष से चीन के हिस्से वाला मार्ग खुलवाने के लिए चीन की सरकार से बात की जाएगी|उन्होंने बताया कि कैलाश मानसरोवर की यह पवित्र यात्रा सबसे दुर्गमं यात्रा है यहां सड़क भी नहीं हैं|बच्चे बूढ़ों और जवान सभी को ट्रैकिंग करके जाना पड़ता है लेकिन चीन के हिस्से वाले नथुला पास के आगे मोटर के आवागमन के लायक सड़क बनी हुई है| यदि यह मार्ग इस यात्रा के लिए खुल जाता है तो यात्रियों को सुविधा मिलेगी |चूँकि इस यात्रा में चीन की सरकार की सहायता भी जरुरी होती है| इसीलिए भारत सरकार ने यात्रा की व्यवस्था को अपने हाथों में लिया है | आगामी वर्ष तक इस दुर्गम यात्रा को सुगम बनाने के लिए चीन के साथ बातचीत का प्रयास किया जाएगा|
इससे ना केवल यात्रियों को सुविधा होगी वरन चीन के साथ हमारे सम्बन्ध भी सुधरेंगे
फोटो कैप्शन
Smt. Sushma Swaraj the Union Minister for External Affairs,