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आगरा और दिल्ली के लाल किला के ऐतिहासिक आकर्षण को लौटा लाने के लिए बगीचों का जीर्णोधार जरूरी है

आगरा की तरह ही दिल्‍ली का लाल किला भी एक महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय धरोहर है इनके पुराने आकर्षण को दोबारा लाने के लिए इनमे बने ऐतिहासिक बगीचों का जीर्णोधार जरूरी है |यह विचार आज केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच ने व्यक्त किये |
भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा लाल किला परिसर के संरक्षण और प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय संस्‍कृति मंत्री श्रीमती चंद्रेश कुमारी कटोच द्वारा कार्यशाला को संबोधित किया।
उन्‍होंने इस कार्यशाला में भाग लेने वालों का स्‍वागत किया और विभिन्‍न ऐतिहासिक स्‍मारकों के संरक्षण में इसे उपयोगी बताया। उन्‍होंने कहा कि आगरा का ताज महल और दिल्‍ली का लाल किला इस परिवेश का हिस्‍सा है और उन्‍हें खुशी है कि विश्‍व की इन दोनों धरोहरों पर विशेष ध्‍यान दिया गया है।
उन्‍होंने कहा कि केंद्र व राज्‍य सरकार के सहयोग से पुरातत्‍व विभाग और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) का यह सहयोगपूर्ण प्रयास एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगा और इस दो दिवसीय आगरा कार्यशाला की सिफारिशें महत्‍वपूर्ण होंगी। आगरा की तरह ही नई दिल्‍ली का लाल किला भी एक महत्‍वपूर्ण राष्‍ट्रीय धरोहर है और अद्भुत भवन निर्माण कला व राष्‍ट्र के इतिहास, दोनों पहलुओं से इसके महत्‍व को देखते हुए यह विशेष सुरक्षा व संरक्षण का हकदार है। पुरातत्‍व विभाग इस संबंध में काफी कुछ कर चुका है पर जब तक हम किले के भीतर खुबसूरती से बने ऐतिहासिक बगीचों का जीर्णोधार नहीं करते, यह अपना पुराना आकर्षण दोबारा प्राप्‍त नहीं कर पायेगा।
उन्‍होंने खुशी जाहिर की कि विशेषज्ञ आज यहां एक ऐसे विचार-विमर्श के लिए एकत्र हुए है जिसमें लाल कि‍ले के भीतर एति‍हासि‍क बगीचों पर भी ध्‍यान दि‍या जाएगा। वैज्ञानि‍क जांच पड़ताल के ज़रि‍‍‍ए पुरातत्‍व वि‍भाग इन बगीचों के वास्‍तवि‍क स्‍तरों और इसके जल वि‍ज्ञान का भी अध्‍ययन करेगा।
उन्‍होंने आशा जताई कि‍ इस कार्यशाला से न केवल ढ़ाचों और बगीचों के लि‍ए वि‍स्‍तार सहि‍त संरक्षण प्रस्‍ताव तैयार करने के लि‍ए एक समय सीमा पर पहुंचा जा सकेगा बल्‍कि‍ इसे वैज्ञानि‍क व समयबद्ध रूप से लागू भी किया जा सकेगा। उन्‍होंने कहा कि वह स्‍वयं और उनका मंत्रालय इस कार्य के लि‍ए पूरी तरह वचनबद्ध हैं और उन्‍होंने इस पहलकदमी को पूरा करने के लिए आवश्‍यक सभी तरह के सहयोग का आश्‍वासन दिया।
अंत में उन्‍होंने इस कार्यशाला के सभी सदस्‍यों को सफल होने की शुभकामनाएं दी और आशा व्‍यक्‍त की कि उन्‍हें सौंपी गई जिम्‍मेदारी को वो पूरा करें