(मेरठ,यूपी)चिकित्सकों की महंगी सलाह का पालन करने के लिए अपने ही घर के बाहर आ रही शनिवासरीय धूप का निशुल्क सेवन करने के लिए प्लास्टिक की हल्की फुल्की कुर्सी डाल कर अंग्रेजों के जमाने की शार्ट स्टोरीज पड़ने लगा।अभी बमुश्किल दस पेज ही पलट पाया था कि दो नवयुवक मुंह पर कोरोना मास्क लगाए घर की तरफ आते दिखाई दिए तभी पेजों में अपना लुटा हुआ कंपनसेशन तलाश रही नजर भी ऊपर उठ गई। देखा दो युवा सामान्य से कम कद काठी वाले हाथों में पॉश बिलिंग मशीन लिए दिखाई दिए।पूर्ण ऊर्जा और अधिकारों से लैस इन युवाओं से आगमन का सबब पूछने पर तपाक से उन्होंने एक साथ ही हाथों की मशीन दिखाते हुए बताया कि मीटर की रीडिंग लेनी है
मेंने चोंक कर पूछा कि भैया किस की रीडिंग लेनी है।क्योंकि अभी बिजली का बिल भरे 24 घण्टे भी नही बीते थे सो याद रहा सो दनदना दिया कि बिजली नही आ रही मगर बिल समय से पहले भर चुके हैं।
जवाब तुरन्त आया कि
आईजीएल गैस की रीडिंग लेनी है।
धूप सेवन का सारा मजा काफूर हो गया।शार्ट स्टोरी की आखरी लाइन मिट गई। सिर बुरी तरह से चकरा गया। और सम्भलते सम्भलते रसोई की और यह देखने लपका की कहीं बीती दोपहर की नीदं में तो कनेक्शन नही लग गया। जाकर देखा तो स्थिति पौराणिक ही थी।
इससे उत्साहित होकर मैंने बाहर आकर आगंतुकों को स्थिति से अवगत कराया तो उनमे से एक, जो कुछ ज्यादा ही घाटे की शारीरिक सम्पदा लिए थे,मुझे बाहर लगे पीले नोटिस बोर्ड को दिखाते हुए बोले एआप यहां फोन कर दीजिये। मैंने बोला भइय्या जी एक साल से फोन ही कर रहा हूँ कंप्लेंट भी दर्ज हो चुकी है।यर्स पड़ौस में कनेक्शन लगते जा रहे है ।तो बोले आपको आफिस जाना होगा।मैं बोला कोरोना है और बूढा भी हूँ।स्पीड में आ रहे बाइक सवार ने टक्कर मार कर एक्टिवा भी तोड़ दी है। तो बौद्धिक संपदा से सम्पन्न उस महानुभाव ने सांत्वना देते हुए कहा ठीक हैं हम आपकी इस वेदना को ऑफिस में पहुंचा देंगे। यह कह कर श्रीमान अगले घर की तरफ निकल गये । मैने भी कुर्सी सम्भाल कर किताब के पन्ने चाटने शुरू कर दिए।एक स्टोरी खत्म करने के साथ ही ख्याल आया कि अंग्रेजों ने अपने समय की गरीबी+भ्र्ष्टाचार+चापलूसी आदि के ढेरों किस्से कलम बद्ध किये लेकिन उनसे तो आज का यह आईजीएल वाला किस्सा व्यवस्था के खिलाफ ज्यादा समसामायिक+प्रेरणादायक+ रोचक+भ्र्ष्टाचार को उजागर करने वाला हो सकता है सो चला दिया माउस। बोले तो एक साल से कनेक्शन तो लगा नही मीटर रीडिंग वाले आ धमके।
आंकड़ों के हिसाब से इस सस्ती नेचुरल गैस की दिसम्बर 2020 तक की बिक्री में 13.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।और आईजीएल शेयर प्राइस में गिरावट जारी है। कोरोनावधि लगभग समाप्त हो चुकी है और जीवन सामान्य गति प्राप्त करता जा रहा है लेकिन सम्भवत इन्ही अव्यवस्थाओं से कम्पनी के शेयर में 19 फरवरी को साढ़े चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।