मित्रों और शत्रुओं [यदि कोई हो तो] लख लख वधाईयां +मुबारकां+कान्ग्रेचुलेश्नास
आज कल हर फील्ड में आतंकवाद+भ्रष्टाचार+दंगे फसाद के भोंपू ही कण फोड़ते रहते हैं यहाँ तक की संसद में भी शोरशराबा ही ज्यादा सुनाई देता है लड़ाई ज्यादा दिखाई देती है
इसी लिए हे प्रभु + हे त्रिभंगी लाल+ मुरली मनोहर +हे लाल काले कृषण+ हे मनोहर कान्हा अपनी सुरीली मुरली को झाड पौंछ लो अगर कोई सुर बिगड़ गया हो तो उसे ठीक करा लो क्योंकि आज उस देवीय मुरली की शांति +प्रेम+भाई चारे वाली तान की विश्व में बेहद जरुरत है
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