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रूहानियत के लिए अहिंसा आवश्यक है

रूहानियत के लिए अहिंसा की आवश्यकता
जो लोग रूहानी रास्ते पर चलते हैं , उन्हें कई कारणों से अहिंसा अपनाने की जरुरत होती है । एक कारण है – कर्मों का विधान । इस विधान के अनुसार हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है । जो भी हम करते हैं , वह हमारे कर्मों के खाते में लिख दिया जाता है । यदि हम किसी को चोट पहुंचाते हैं , तो हमें अवश्य ही उसका भुगतान करना होता है , चाहे ऐसा मौजूदा जिंदगी में हो या फिर अगली में । दूसरे किस्म के जीवों के प्रति हिंसा करना भी प्रभु की सृष्टि में दखल अंदाजी करना है । हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि प्रभु हमें रूहानी मंडलों में जाने की अनुमति दे देगा , अगर हम उसकी संतानों से दुर्व्यवहार करेंगे । हम निम्नतर जीवों के प्रति हिंसा करेंगे , उन्हें बेकार का जीव समझेंगे ,प्रभु ने हर जीव को बनाया है । उसके लिए सभी उसके बच्चे हैं । अगर हम अपने बच्चों के लिए प्रेम महसूस करते हैं तो प्रभु कितना अधिक महसूस करता होगा जिसने उन्हें बनाया है । इसलिए हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम उन उच्च आदर्शों का पालन करें जिसके लिए प्रभु ने हमें बनाया है ।
प्रस्तुती राकेश खुराना