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सिंहस्थ में भारत के प्रधानमंत्री ने की धर्म के नाम पर हिंसा का विरोध करने की अपील

[निनोरा,मध्यप्रदेश]सिंहस्थ में भारत के प्रधानमंत्री की धर्म के नाम पर हिंसा के विरोध करने की अपील
प्रधानमंत्री के जारी सिंहस्थ घोषणापत्र में धर्म के नाम पर होने वाली हिंसा के विरोध की अपील की गई है |उल्लेखनीय है के केवल भारत में ही 128 करोड़ लोग रहते हैं यहाँ 122 भाषाएं हैं+1800 बोलियों और सात धर्म मौजूद हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सिंहस्थ 2016 का घोषणापत्र जारी किया, जिसमें धर्म को ‘जोड़ने वाली शक्ति’ बताते हुए विश्व भर के सभी धर्मों, पंथों, संप्रदायों और विश्वास पद्धतियों के प्रमुखों से अपील की गयी है कि वे मजहब के नाम पर की जा रही हर तरह की हिंसा का विरोध करें। मोदी ने उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ मेले की पृष्ठभूमि में प्रदेश सरकार के आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय विचार महाकुंभ’ के समापन समारोह में इस घोषणापत्र को जारी किया जिसे ‘सिंहस्थ 2016 के सार्वभौम संदेश’ के शीषर्क से तैयार किया गया है।
इस मौके पर श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना भी मौजूद थे। यह 51 सूत्रीय घोषणापत्र कहता है, ‘धर्म जोड़ने वाली शक्ति है। अत: धर्म के नाम पर की जा रही सभी प्रकार की हिंसा का विरोध विश्व भर के समस्त धमोर्ं, पंथों, संप्रदायों और विश्वास पद्धतियों के प्रमुखों द्वारा किया जाना चाहिये।’ घोषणापत्र में सम्पूर्ण मानव जाति को एक परिवार बताते हुए कहा गया है कि सहयोग और अंतर्निर्भरता के विभिन्न रूपों को अधिकतम प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये।
घोषणापत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि पारिस्थितिकी की रक्षा के लिये अत्यधिक उपभोक्तावाद पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, विश्व में व्याप्त भीषण जल संकट के निदान के लिये जल संवर्धन की तकनीकों और प्रणालियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
फोटो कैप्शन
The Prime Minister, Shri Narendra Modi at the International Convention on Universal Message of Simhastha, in Ujjain on May 14, 2016.
The President of the Democratic Socialist Republic of Sri Lanka, Mr. Maithripala Sirisena, the Union Minister for Mines and Steel, Shri Narendra Singh Tomar and the Chief Minister of Madhya Pradesh, Shri Shivraj Singh Chouhan are also seen.