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महेश भूपति माफी मांगते हैं तो निलंबन पर पुनर्विचार संभव:ऐ आई टी ऐ

अखिल भारतीय टेनिस संघ[एआईटीए] की कार्यकारी समिति के वरिष्ठ सदस्य हिरणमय चटर्जी टेनिस संघ [ एआईटीए] के बचाव में आगे आ गए हैं|संघ को अदालत में खींचने की धमकी देने के लिये महेश भूपति को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि वह[भूपति] कानूनी कार्रवाई करने के लिये स्वतंत्र हैं| श्री चटर्जी ने कहा कि श्री भूपति को इस खेल संस्था के संविधान के नियमों के अनुसार जून 2014 तक देश के लिये खेलने से प्रतिबंधित किया गया है| एआईटीए संविधान के नियम 36 ए (2) के तहत यदि खिलाड़ी बिना किसी कारण के देश या राज्य की तरफ से खेलने से इनकार करता है तो उसे अनुशासनात्मक आधार पर निलंबित किया जा सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘हम अपने फैसले पर कायम है. वह [भूपति]जो कार्रवाई करना चाहता है| कर सकता है| हमने प्रतिबंध शब्द का उपयोग नहीं किया है. हम जून 2014 तक चयन के लिये उसके नाम पर विचार नहीं करेंगे. रोहन बोपन्ना को भी यही सज़ा दी गई है|
श्री चटर्जी ने हालांकि कहा कि यदि वे आकर माफी मांगते हैं तो एआईटीए के दरवाजे उनके लिये खुले हुए है. चटर्जी ने भूपति पर आरोप लगाया कि वह एक ही समय में खिलाड़ी, चयनकर्ता और प्रशासक की भूमिका अदा करना चाहता है.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय क्रिकेट टीम में . यदि कल गौतम गंभीर कहता है कि उन्हें वीरेंद्र सहवाग के साथ पारी का आगाज करने की अनुमति नहीं मिलती है तो वह भारत की तरफ से नहीं खेलेंगे तब क्या होगा?