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रसोई गैस के आठसे दस सिलेंडर ही मिल पाते हैं


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है ?हसाड़ी सोणी सरकार एक तरफ तो डीजल से कुछ कम करने और रसोई गैस सिलेंडरों की लिमिट कुछ बढाने को तैयार हो गई थी मगर ये ममता बेनर्जी ने तो सारा गुड गोबर ही कर दिया|खुले आम इतनी वड्डी सरकार को धमकी दे डाली हैं ऐसा भी होता है कभी|अरे भाई ममता माई को अगर हसाड़ी ऍफ़ डी आई की नीति नहीं भायी तो अपने प्रदेश में उसे लागू न करें इससे तो नहीं होने थी उनकी जग हसाईं|

झल्ला

मेरे चतुर सुजान जी आप लोगों के तरकश में रखे सारे तीरों की मार सबको पता चल चुकी है|इसीलिए अब ज्यादा चालाकी चलने वाली नहीं है|अब ध्यान दे कर सुनो मेरठ में गैस एजेंसियां एक महीने से पहले तो गैस बुक ही नहीं करती और बुकिंग के बाद भी डिलीवरी के लिए हफ्ता दस दिन से लेकर महीना लग जाता है|ऐसे में उपभोक्ता को मुश्किल से ८ से १० सिलेंडर ही मिल पाते हैं|मेरे विचार में यही हाल देश भर में भी होगाअब अगर आप कृपा करके छह से आठ सिलेंडर की डिलीवरी करा भी दोगे तो कौन सा और कहाँ का एहसान कर दोगे|और डीजल +पेट्रोल का इतिहास तो जग जाहिर है पहले बढाओ फिर थोड़ा सा कम कर दो|यानि रिंद के रिंद रहो और जन्नत भी हाथ ही में रहे|