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रतन टाटा ने अपनी सेवा निवृति से पहले सरकार की व्यापारिक नीति के नीचे के अँधेरे से अवगत कराया

Ratan Tata & Building Of Financial Times

भारतीय अर्थव्यवस्था के दीपक में विदेशी निवेशकों के धन तेल के भरोसे विकास की रौशनी दिखाने वाली यूं पी ऐ सरकार को अपने ही दीपक के नीचे के अँधेरे से अवगत कराते हुए दश के सर्वोच्च उद्योगपति रतन टाटा ने देश में उद्योगों की उपेक्षा का आरोप लगाया है| निकट भविष्य[इसी माह] में सेवा निवृत होने जा रहे रतन टाटा का यह आरोप बहेड महत्वपूर्ण माना जा रहा है|
बीते दिन रतन टाटा ने केंद्र सरकार की खिंचाई करते हुए कहा के केंद्र सरकर की दोषी नीतियों के कारण देश में व्यापारिक माहौल नहीं बन पाया|सुविधाएं चीन में दी जा रही है इसीलिए वहां तरक्की हो रही है मगर हमारे देश में उद्योगों को किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जा रही|इसीलिए हम दूसरे देशों के साथ कम्पटीशन में पीछे रह जाते हैं| गौरतलब है की टाटा ग्रुप ने देश में नमक से लेकर अति आधुनिक साफ्ट वयरतक बना कर विदेशों में भी देश की शान बडाई है और विकसित देशों में अपनी सेवायें देकर बाह्र्तीय युवाओं के लिए वहां नौकरियों के द्वार खोले हैं| सौ अरब डालर के इस वैश्विक व्यापारी ने छोटी जनता कार नैनो सड़क पर लाकर पूरे विश्व को अचम्भित किया है|
लन्दन से प्रकाशित फायनेंशियल टाईम्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने सरकार की महत्वपूर्ण ऍफ़ डी आई यौजना की हवा निकालते हुए कहा की देश की बेलगाम नौकर शाही के डर से व्यापारी भारत में आने से कतराता है|इसीलिए टाटा ने भी चीन में एक फेक्ट्री लगाई है| उन्होंने संदेह व्यक्त किया की सरकार की असहयोगी नीतियों के कारण आज उद्योगपति भारत के बजे चीन में जाना पसंद करने लगा है|