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Tag: छावनी परिषद्

मेरठ में नासूर बनते जा रहे छोटे मोटे गड्डे तक भरने के लिए कोई तैयार नहीं है

मेरठ में नासूर बनते जा रहे छोटे मोटे गड्डे तक भरने के लिए कोई तैयार नहीं है

मेरठ में नासूर बनते जा रहे छोटे मोटे गड्डे तक भरने के लिए कोई तैयार नहीं है

मेरठ एक एतिहासिक शहर है |यहाँ के विकास के लिए बातों की और बड़ी बड़ी बातें करने वालों की कोई कमी नहीं है|एक ढूंढो हज़ार मिल जायेंगे लेकिन यहाँ नासूर बनते जा रहे छोटे मोटे जख्म भरने के लिए कोई तैयार नहीं है|छावनी परिषद् और नगर निगम की तो छोड़ो मिलिट्री इंजीनीयरिंग सेवा की सड़कें भी केवल मार्च महीने का इंतज़ार तो करती हैं मगर उसके बाद फिर अपनी बेनूरी पर रोने को विवश हो जाती हैं|यात्रियों+वाहनों का दुर्घटना आम हो चला है|ऐसा ही कुछ पॉश साकेत में एक गड्डे में फंसा यह ट्रक बयान कर रहा है |दूसरे चित्र में गंगा नगर में नाला बेहाल दिख रहा है|

घातक बीमारी के विषय में चेतावनी तो दी जा रही है मगर जमीन पर काम कुछ नहीं हो रहा

[मेरठ] में भी बिमारियों की आहट सुनाई जा रही है लेकिन यह सब हवा हवाई ही साबित हो रहा है |चित्र में दिखाया गया सोती गंज अपनी दुर्दशा को रो रहा है | बेगम पुल से लगे छावनी जनरल अस्पताल के ठीक सामने स्थित इस गली के प्रवेश द्वार पर कई दिनों से पडा कूडा सफाई व्यवस्था की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है|छेत्र वासियों का कहना है कि यह सड़क दिल्ली रोड है और सड़क को चौड़ा करने के पश्चात यह कूडा यही डाल कर भुला दिया गया है| लोगों का कहना है कि किसी ने कभी किसी सफाई कर्मी का अपमान नहीं किया कभी कोई टैक्स नहीं रोका इसके बावजूद यह कूडा किसी भे व्यवस्थापक का ध्यान आकर्षित नहीं कर पा रहा है|आज कल सब जगह स्वाईन फ़्लू जैसी घातक बीमारी के विषय में चेतावनी तो दी जा रही है मगर जमीन पर काम कुछ नहीं हो रहा| यह सड़क कैंट हॉस्पिटल के सामने है और दिल्ली रोड कहलाती है |मेयर साहब तो अपने पुत्र के विवाह में व्यस्त हैं तो छावनी परिषद् के अधिकारी ऐसे छोटे मोटे कामों में दिलचस्पी नहीं दिखा पाते