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Tag: जयललिता

कमल हासन ने मुस्लिमो को मनाया तो हाई कोर्ट ने विश्वरूपम के प्रदर्शन पर रोक का हथौड़ा चला दिया

निर्माता-निर्देशक-अभिनेता कमल हासन की फिल्म ‘विश्वरूपम’ चारों तरफ से घिर गई है|बीते दिन अगर एक अदालत ने फिल्म की रिलीज को ओ के कर दिया तो आज मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में फिल्म की रिलीज पर अगले आदेश तक बैन के लिए न्यायिक हथौड़ा चला दिया गया है| मुस्लिमों के कुछ प्रतिनिधियों के साथ आज मीटिंग करके अनेकों सीन और डायलाग्स हटाने पर राजी नामा हो गया तो इस फैसले के खिलाफ कमल हासन ने सुप्रीम कोर्ट जाने को मजबूर होना पड़ रहा है |
२९ जनवरी को हाईकोर्ट की एक सदस्यीय बेंच ने विश्वरूपम पर से बैन हटा लिया था और तमिलनाडु में इसके प्रदर्शन की इजाजत दे दी थी। लेकिन कमल ने न्यायिक प्रक्रिया का पालन करते हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं मिलने तक फिल्म का प्रदर्शन नहीं किया। अब डबल बेंच ने इसपर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई सोमवार को तय की है।
आश्चर्यजनक रूप से इस फिल्म के टाईटल [विश्वरूपम] को लेकर पहले हिंदूवादी संगठन हिंदू मक्कल काची और अब फिल्म में पाक कुरान की कुछ आयातों के कारण तमिलनाडु में मुस्लिम मुनेत्र कडगम और केरल में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया नामक मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं|
शीर्षक को लेकर विरोध शांत हुआ तो फिल्म में पवित्र कुरान से संबंधित कुछ दृश्योंपर बवाल हो गया |अब टी वी चैनलों पर आ कर बताया जा रहा है कि कमल हासन का इस मामले में विरोध कर रहे मुस्मिल संगठनों के साथ समझौता हो गया है। फिल्म से विवादित डॉयलाग भी हटाने के लिए कमल ने माथा टेक दिया है
इस सारे घटना क्रम से व्यथित कमल हासन का कहना है कि उनके विरुद्ध राजनीतिक खेल खेला जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिर जयललिता सरकार की उनसे क्या दुश्मनी है? क्या उनकी फिल्म को किसी साजिश का शिकार बनाया गया है?अब श्रीलंका और मलेशिया ने भी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है|

कमल हासन विश्वरूपम


आज भी कई शहरों में फिल्म का विरोध-प्रदर्शन जारी रहा अपनी फिल्म ‘विश्वरूपम’ के प्रदर्शन पर रोक को लेकर अभिनेता-निर्माता कमल हासन ने भावुक होते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार नहीं चाहती कि वह राज्य में रहें और वह रहने के लिए देश या विदेश में किसी ‘धर्मनिरपेक्ष’ स्थान की तलाश कर सकते हैं। मुझे तमिलनाडु को छोड़कर कश्मीर से लेकर केरल तक धर्मनिरपेक्ष राज्य की तलाश करनी होगी। तमिलनाडु सरकार मुझे यहां नहीं देखना चाहती है।इसके पीछे मुख्य मंत्री जयललिता के धुर्र विरोधी वित्त मंत्री पी चिदम्बरम से कमल हासन के नजदीकी रिश्तों को भी देखा जा रहा है|
इस ९५ करोड़ की इस फिल्म के साथ इस प्रकार के खेल से कई सवाल उठ खड़े हुए है सबसे पहले सेंसर बोर्ड की विश्वसनीयताऔर उपयोगिता पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है|जब सेंसर बोर्ड ने एक बार रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी कर दिया तब राज्य सरकार या ही कोर्ट की तरफ से रूकावट क्या जायज हो सकती है |वोह भी तब जब सुप्रीम कोर्ट एक अलग केस में यह निर्णय दे चुकी है कि सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट के बाद रुकावट नहीं होनी चाहिए | इसके साथ ही राज्य और केंद्र के रिश्तों में आई कटुता पर भी चर्चा की जानी चाहिए क्योंकि यह केवल एक फिल्म का नहीं वरन देशकी अर्थ व्यवस्था और फिल्म उद्योग से जुड़े एक बड़े समाज के अस्तित्व की भी है|