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Tag: जावेद अख्तर

चलती बस में हुए घिनौने बलात्कार पर राज्य सभा में क्या केवल ओपचारिक बहस हुई ?

Indian Parliament

दिल्ली की सड़को पर चलती बस में हुए घिनौने बलात्कार पर राज्य सभा में क्या एक बार फिर केवल ओपचारिक ही बहस हुई यह एक यक्ष प्रश्न के रूप में उभर रहा है ? राज्य सभा में जिस प्रकार सदस्यों को बात शुरू करते ही समय की कमी की दुहाई देते हुए बैठने को कहा जाता रहाइससे विषय के प्रति गंभीरता उजागर होती है|राजधानी दिल्ली में एक बस में हुए गैंगरेप के विरुद्ध आज सड़क से लेकर संसद में आक्रोश की सुनामी आई राज्यसभा और लोकसभा में सभी ने विशेषकर महिला सदस्यों ने पार्टी लाईन से ऊपर उठ कर बलात्कार की रोकथाम के लिए सख्त कानून बनाये जाने की पैरवी की |भाजपा की सुषमा स्वराज ने तो बलात्कारी के लिए मृत्यु दंड की मांग की |गिरिजा व्यास,मोह्सीना किदवई,रेणुका चौधरी,आदि ने व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग कीलेकिन दुर्भाग्य से इस घिनौने अपराध की रोक थाम के लिए आयोजित चर्चा में विशेष कर राज्य सभा में अधिकाँश सीटें खाली ही नजर आई|
रेखा और सचिन सरीखे सजावटी सांसद तो थे नहीं और जो थे उन्हें बुलवाने की ओपचारिकता पूरी कराने के लिए थोड़ा थोड़ा समय दिया गया|इस पर ज्या बच्चन और जावेद अख्तर जैसे चिंतकों ने नाराज़गी भी जाहिर की| ज्या बच्चन और जावेद अख्तर जैसे चिन्तको को बोलने का पर्याप्त अवसर तक नहीं दिया गया|| जावेद अख्तर ने तो कहा की वोह कभे कभी बोलते हैं इसीलिए इस घ्रणित कृत्य से बेहद आहत है और उन्हें बोलने दिया जाए मगर उप सभापति महोदय ने समय की कमी बता कर उन्हें बैठने को कहा इस पर जावेद बैठ तो गए मगर कह गए कि शायद मुद्दे से ज्यादा समय महत्वपुर्ण हो गया है|
उधर ज्या बच्चन जब बोलने उठी तब उन्हें बात शुरू करते ही समय की कमी की दुहाई देते हुए कन्क्लूड करने को कहा गया|इस पर ज्या रूहान्सी हो गई और प्रोटेस्ट में खडी रही |इस बहस में पोलिस और सरकार पर ढेरों आरोप लगे व्यवस्था की कमियां गिनाई गई मगर इस रोग के इलाज़ के लिए भी कोई कारगर निर्णय ले लिया जाए तो अपराध की पुनरावर्ती की किसी हद तक रोकथाम हो सकेगी