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Tag: डाक्टर मन मोहन सिंह

बराक हुसैन ओबामा बैंगलोर और बफलो में से किसको चुनेंगे

अमेरिका में डेमोक्रेट्स के लिए आज जश्न मनाने के लिए सुअवसर मिल गया है| डेमोक्रेट उम्मीदवार बराक हुसैन ओबामा नई चमक के साथ दोबारा राष्ट्रपति चुन लिए गए। ओबामा लगातार दूसरी बार जीतने वाले तीसरे राष्ट्रपति बन गए हैं। अपने प्रतिद्वंदी मिट रॉमनी को उन्होंने 206 के मुकाबले 303 वोटों से हराया है।इस जीत के लिए महिलाओं+शहरी+अफ्रीकन अमेरिकन्स+ और युवाओं का मुख्य सहयोग रहा| बेशक भारतीय मूल के अमेरिकन्स ने बड़ी संख्या में ओबामा को सहयोग दिया है और इकोनोमी को प्राथमिकता दी जायेगी मगर बेंगलोर के मुकाबिले बफलो को प्रत्मिकता देने वाले बराक ओबामा का रुख भारत के साथ कैसा होगा इस पर चिंता की जानी चाहिए|
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को उनकी दूसरी बार जीत पर बधाई दी है। ओबामा को भेजे अपने बधाई संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा है, आपको मिले जनादेश ने अमेरिकी जनता और दुनियाभर में शांति और तरक्की के लिए काम करने का फिर मौका दिया है। पिछले 4 साल में भारत और अमेरिका दोनों ही लोकतंत्र ने लगातार विकास किया है। हमने न केवल द्विपक्षीय संबंधों में सहयोग बढ़ाया, बल्कि दुनिया में शांति और स्थायित्व के लिए भी एक दूसरे का साथ दिया। मैं आगे भी इन संबंधों के विकास की उम्मीद करता हूं। मुझे लगता है कि हम मिलकर दोनों देशों की भागीदारी बढ़ाने के लिए काम कर सकते हैं। आर्थिक संभावनाएं बढ़ा सकते हैं और विज्ञान-तकनीकी, उच्चशिक्षा के क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।

बराक हुसैन ओबामा


भारतीय उद्योग जगत ने भी ओबामा की जीत का स्वागत करते हुए इसे देश के हित में बताया है। हालांकि आईटी क्षेत्र में आउटसोर्सिंग के कारोबारियों को कुछ कुछ अंदेशा भी है। जानकार ये भी मानते हैं कि ओबामा की जीत भारत को कूटनीतिक और सामरिक मोर्चे पर मजबूत करेगी।
उद्योगपति आदि गोदरेज ने उम्मीद जताई है कि ओबामा का दूसरा कार्यकाल भारत के लिए अच्छा साबित होगा।
दरअसल, मंदी और बेरोज़गारी को लेकर ओबामा की आर्थिक नीतियां ज्यादा आक्रामक हैं। ओबामा चाहते हैं कि भारत में आर्थिक सुधारों का पहिया तेजी से घूमे ताकि अमेरिकी कंपनियों को खासकर रिटेल क्षेत्र में फायदा मिल सके।
हालांकि ये भी एक सच्चाई है कि ओबामा ने भारत में नौकरियों की आउटसोर्सिंग को बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार ठहराया था। वे कंपनियों को स्थानीय लोगों को रोजगार देने की सलाह दे रहे थे। ऐसे में भारत के आईटी क्षेत्र में कुछ चिंताएं भी हैं। आईगेट के सीईओ फणीश मूर्ति ने कहा है कि
ओबामा का फिर चुना जाना आईटी आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर नहीं है। देखना है कि चुनाव के दौरान हुई भाषणबाजी 2013 की नीतियों पर कितना असर डालती है।
आर्थिक क्षेत्र में भले ही कुछ शंकाएं हों, लेकिन कूटनीतिक मोर्चे पर ओबामा भारत के सहयोगी साबित हुए हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कश्मीर मुद्दों पर ओबामा का रुख भारत को राहत देने वाला रहा है। अमेरिका और भारत, आतंकवाद से लड़ाई, परमाणु अप्रसार, साइबर सुरक्षा और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर सहयोगी बने हैं।

सोणे मनमोहने पी एम् को जन्म दिन की लख लख वधाइयां

भारत के १७वे और लगातार दूसरी बार पी एम् बनने वाले [संभवत पूरा करने वाले]डाक्टर मन मोहन सिंह का आज ८०वा जन्म दिन है|जमोस न्यूज डट काम की टीम डाक्टर मन मोहन सिंह जी को ढेरो शुभ कामनाये देती है| मनमोहन सिंह साल 2004 से ही प्रधानमंत्री के पद पर बने हुए हैं।

जीवन परिचय

मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में पंजाब प्रांत के गाह बेगल गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान में पड़ता है। देश विभाजन के बाद उनका परिवार [अमृतसर]भारत आ गया। जन्मतिथि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बीते वर्ष बताया था कि मेरी जन्मतिथि 26 सितम्बर इसलिए मानी जाती है कि स्कूल के रिकार्ड में यही तिथि दर्ज है।
गौर तलब है कि डाक्टर मनमोहन सिंह बतौर पी एम् अपने चार जन्मदिन विदेश यात्रा के दौरान विमान में ही मना चुके हैं। पिछले 8 सालों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का रिकॉर्ड रहा है, वे अपना जन्मदिन अक्सर प्लेन पर ही मनाते चले आ रहे हैं। अब इस बार देखना होगा कि प्रधानमंत्री अपना जन्मदिन कहाँ मनाते हैं| प्रधानमंत्री अपनी सादगी के लिए भी जाने जाते हैं इसीलिए इनके जन्मदिन पर ज्यादा पार्टी और दिखावे का प्रदर्शन नहीं होता|

शिक्षा

डाक्टर मन मोहन सिंह को उनकी सादगी के अलावा उनकी उच्च शिक्षा के लिए भी सम्मानित स्थान प्राप्त है| बचपन से ही उनका पढ़ाई की ओर विशेष रुझान था| श्री सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में बी.ए (आनर्स) की पढ़ाई पूरी की| इसके बाद वर्ष 1954 में यहीं से एम.ए (इकोनॉमिक्स) में भी उन्होंने पहला स्थान प्राप्त किया| पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त करने के लिए वह कैंब्रिज विश्वविद्यालय गए जहां उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राइट्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया| ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नेफिल्ड कॉलेज से मनमोहन सिंह ने डी. फिल की परीक्षा उत्तीर्ण की| मनमोहन सिंह पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में व्याख्याता के पद पर नियुक्त होने के बाद जल्द ही प्रोफेसर के पद पर पहुंच गए| मनमोहन सिंह ने दो वर्ष तक दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में भी अध्यापन कार्य किया| अज इन्हें दुनिया एक कुशल अर्थशास्त्री के रूप में जानती है|

राजनैतिक जीवन-

श्री सिंह को 1985 में राजीव गांधी के शासन काल में भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने निरन्तर पाँच वर्षों तक कार्य किया, जबकि 1990 में उनको प्रधानमंत्री का आर्थिक सलाहकार बनाया गया| जब पी वी नरसिंहराव प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने मनमोहन सिंह को 1991 में अपने मंत्रिमंडल में सम्मिलित करते हुए वित्त मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंप दिया। वर्ष 1991 से लेकर 1996 तक वह भारत के वित्त मंत्री रहे| अप्रैल 2004 में 72 वर्ष की आयु में वह प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए. पुनः दूसरी बार उन्हें वर्ष 2009 में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पद के लिए उन्ही पर भरोसा किया| 2009 के लोकसभा चुनावों में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनको पांच वर्षों का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला है| बतौर प्रधानमंत्री उनका दूसरा कार्यकाल 2014 में पूरा हो रहा है|यह सम्मान सबसे शक्तिशाली पी एम् इंदिरा गांधी जी के खाते में भी नहीं है|
विपक्ष के लगातार हो रहे सरकार पर हमलों के उपरांत भी उनके राजनीतिक विरोधी तक उनकी इमानदारी की आज भी कद्र करते हैं| आज जबकि विश्व आर्थिक मंदी का शिकार है इन्होने भारत को इस वैश्विक मंदी से बचाए रखा है| एक रिफ्यूजी के तौर पर आये और आकर विश्व के सबसे बड़े लोक तंत्र के दो बार पी एम् बनने का यह पहला प्रेरणादाई उदहारण है| इनसे पूर्व आई के गुजराल भी पी एम् बने थे मगर उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो पाया था|सो एक बार फिर सेल्फ मेड डाक्टर मन मोहन सिंह को बधाई

Happy Birth Day To Doctor MAN MOHAN SINGH THE P M