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सचिन तेंदुलकर क्रिकेट रैंकिंग में फिसले मगर राज्य सभा की सदस्यता के लिए उजले:PIL Against Sachin Dismissed By High court

सचिन तेंदुलकर बेशक क्रिकेट करियर के खराब दौर से गुजरते हुए आई सी सी टेस्ट रैंकिंग में २५ से २२वे स्थान पर फिसल गए हैं मगर राजनीती में एक पायदान ऊपर चढ़ गए हैं| दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर के राज्यसभा में नामांकन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है|

सचिन तेंदुलकर

ने दिल्ली के एक पूर्व विधायक रामगोपाल सिंह सिसौदिया की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमे कहा गया था कि तेंडुलकर के पास ‘विशेष ज्ञान और व्यवहारिक अनुभव’ नहीं है, एडिशनल सोलिसिटर जनरल राजीव मेहरा ने संविधान के 80वें अनुच्छेद के मुताबिक इस तरह के नामांकन के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है|
.सरकार के हलफनामे के मुताबिक, ‘केवल चार श्रेणियों (साहित्य, विज्ञान, कला व सामाजिक सेवा) में ही ‘विशेष ज्ञान व व्यवहारिक अनुभव’ का होना जरूरी नहीं है, इसमें खेल, शिक्षा, कानून, इतिहास, अकादमिक उपलब्धियों, अर्थशास्त्र, पत्रकारिता, संसदीय प्रक्रियाओं, लोक प्रशासन, कृषि, खेल (कुश्ती) या मानव उद्यम के ऐसे ही अन्य क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है.’सरकार ने 26 अप्रैल को तेंडुलकर ,अभिनेत्री रेखा और उद्योगपति अनु आगा को राज्यसभा के लिए नामांकित किया था| संविधान की धारा 80 के तहत विज्ञान, कला, साहित्य और समाजसेवा ही नहीं बल्कि खेल, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी मनोनीत किया जा सकता है.अदालत ने 21 नवंबर को दिल्ली के पूर्व विधायक रामगोपाल सिंह सिसोदिया की जनहित याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया था. सिसोदिया ने एक पी आई एल दायर करके सचिन के नामांकन को यह कहकर चुनौती दी थी कि संविधान की धारा 80 के लिये वह राज्यसभा नामांकन की अहर्ताओं पर खरे नहीं उतरते|अब कोर्ट के आदेश के बाद यह चुनौती समाप्त हो गई है|