भाई बहन के अमर त्याग भरे प्रेम को सुद्र्ड करने वाला त्यौहार भईया दूज[टिक्का][टीका] आज ब्रहस्पतिवार को हर्षोल्लास से मनाया गया |बहनों ने जहां भाई की आरती उतारी और भाई के माथे पर रौली और केसर का टीका लगा कर भाई की लम्बी उम्र की कामना की तो वहीं भाई ने भी अपनी हैसियत के मुताबिक बहनों को गिफ्ट देकर उन्हें प्रसन्न किया| जेल में बंद कैदियों के माथे पर भी टीका लगाया गया|
त्यौहार पर भाई व बहनों के आवागमन के कारण बसों व ट्रेनों में भारी भीड़ लगी रही। बाजारों में आज भी दिनभर रौनक बनी रही।
त्यौहार की मान्यता
इस दिन की शुरुआत यमराज और उसकी बहन यमुना के द्वारा की गई थी, तब से यह दिन भैया-दूज के रूप में मनाया जाता है।
भैया-दूज पर्व के पीछे धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक मास की द्वितीया को बहन के हाथों से बना भोजन करने से भाई के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसलिए इस दिन बहन अपने हाथों से व्यंजन बनाकर भाई को खिलाती है।
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