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Tag: बी.ज.प.कांग्रेस

झारखंड में भाजपाई अर्जुन मुंडा की सरकार गिरी:सियासी मंच बदलने की तैय्यारी शुरू


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक दुखी भाजपाई

ओये झाल्लेया ये कांग्रेस वालों ने क्या सब तरफ गंद फैला रखा है|देखो न अब अच्छी खासी चल रही हसाडी झारखंडी सरकार को केवल २८ महीने में ही गिरा दिया अर्जुन मुंडा को मुख्य मंत्री बनाने वाले जे एम् एम् की सपोर्ट को अपने नीचे लगा लिया है|लेकिन हसाड़े अर्जुन मुंडा ने मैदान बहादुरी से छोड़ा है| कांग्रेस की खरीद फरोख्त की पुरानी आदत की काट के लिए अपने इस्तीफे के साथ विधानसभा भंग करने की सिफारिश भी कर दी है |

झारखंड में भाजपाई अर्जुन मुंडा की सरकार गिरी:सियासी मंच बदलने की तैय्यारी शुरू

झल्ला

ओ सेठ जी इस झारखण्ड की जमीन के नीचे जितनी सम्पन्नता दबी है उससे ज्यादा वहां की विधान सभा में मारा मारी है| २००० से ही 81 सदस्यों वाली विधानसभा में आया राम गया राम का चलन है|अब ये तो आप भी मानोगे कि आपकी सहयोगी इस जे एम् एम् ने केंद्र में आपकी विरोधी सरकार को बचाया है ऐसे में कांग्रेस का भी तो कुछ फर्ज़ बनता है|इसी लिए राज्य में भी दोनों साथ साथ आ गए हैं|इसके अलावा आर जे डी के [५] के अलावा जे डी यूं के[ २ ] भी इनके साथ जा सकते हैं यानि १८+५ +१३ के साथ निर्दलीय[ ६] भी जे एम् एम् कीइ झोली में जा सकते हैं अर्थार्त आपके अर्जुन[मुंडा]के पुनः राजनीतिक बनवास में जाने का समय आ गया है| श्री मान जी जे एम् एम् ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है और अर्जुन मुंडा ने दोबारा चुनाव[२०१४ से पहले] कराने की सिफारिश कर दी है|अब तो गेंद राजभवन के पाले में है|विपक्ष को फेवर करके विधान सभा भंग होती है या फिर केंद्र के समर्थन में जे एम् एम् को सत्ता सौंपी जाती है| ये अगले कुछ दिनों में देखेंगे हम लोग

आरक्षण विरोधी हड़ताल पर तो आरक्षण समर्थक करेंगे अतिरिक्त चार घंटे काम

Save The National Unity &Integrity

आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है|राज्यसभा में बसपा और सपा में जारी जुबानी जंग जारी है | इस जंग के नतीजे के लिए बड़ी राष्ट्रीय पार्टी भाजपा और कांग्रेस की हरी झंडी की प्रतीक्षा की जारही है |इसी बीच आरक्षण समर्थक और विरोधी भी आमने सामने आ गए हैं| सपा द्वारा कल किये गए राज्य सभा के बहिष्कार के बाद आरक्षण विरोधी कर्मचारियों ने जहां उत्तर प्रदेश में हड़ताल की घोषणा कर दी है वहींआरक्षण बचाओ संघर्ष समिति से जुड़े कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने चार घंटे अधिक ड्यूटी करने का ऐलान किया है।
आरक्षण विरोधी कर्मचारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस को चेतावनी दी है कि अगर 117वें संविधान संशोधन को पारित करने में जल्दबाजी की गई या इसे गलत तरीके से पारित किया गया तो आगामी लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हड़ताल में विभिन्न कर्मचारी संगठन, टीचर्स और अलग-अलग विभागों के सामान्य और ओबीसी कैटेगरी के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं
आरक्षण का विरोध कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि प्रोन्नति में आरक्षण संबंधी विधेयक को वापस लिया जाए। जब तक इसे वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
सर्वजन हिताय संरक्षण समिति के अध्यक्ष इंजीनियर शैलेन्द्र दुबे ने दावा किया है कि स्वास्थ्य, बिजली और परिवहन जैसी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सरकारी विभागों एवं निगमों के 18 लाख कर्मचारियों ने आज शाम से संपूर्ण कार्य बहिष्कार आंदोलन (हड़ताल) शुरू कर दिया है। श्री दुबे का कहना है कि 14 दिसंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों और राजधानी में सभी सरकारी विभागों पर अधिकारी व कर्मचारी विरोध सभाएं करेंगें।

अपवाद

[१] राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि वह आरक्षण के समर्थन व विरोध में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि उनके संगठन में सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। उन्होंने हड़ताल के निर्णय को शैलेंद्र दुबे की निजी राय बताया।
[२] राज्यकर्मचारी महासंघ के महामंत्री अजय सिंह ने कर्मचारियों की हड़ताल पर अनभिज्ञता जताई है।
[३] कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र ने भी हड़ताल में शामिल न होने की बात कही है।

आरक्षण समर्थक

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने चार घंटे अतिरिक्त कार्य करने का एलान किया है। समिति पदाधिकारियों का मानना है कि जब कार्य बहिष्कार का कोई असर नहीं पड़ा तो ऐसे ही हड़ताल का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। फील्ड हास्टल में हुई बैठक में समिति के केबी राम ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के अलावा कोई भी दल अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहा है। उन्होंने हड़ताल के दावे को बेबुनियाद बताया।
वी पी सिंह की सरकार के दौरान भी आरक्षण के मुदे पर ढुल मुल्ता के कारण कई युवाओं ने अपनी जान गवाई थी और सरकार को हार का सामना करना पड़ा था |अब पुनः केवल अपनी राजनीतिक बढत पाने के लिए वोही जिन्न बाहर निकाल दिया गया है|मुख्य राजनीतिक दलों द्वारा भी इतिहास को दोहराया जा रहा हैजिसके फलस्वरूप अब सरकारी कर्मी तक आमने सामने आने शुरू हो गए हैं| कहना अनुचित नहीं होगा कि सरकारी विभागों में इस प्रकार के टकराव को देश की एकता अखंडता के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता इस विषय में यथा शीघ्र विवेक पूर्ण निर्णय जरूरी हो गया है|

अमेरिकी २५ सीनेटरों ने नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी वीजा पर पतझड़ी एतराज़ उठाया था कहीं ये भी बैकडोर वाल्मार्टी पैरवी तो नहीं


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये हसाड़े सोणे लोक तंत्र को किसी की काली नज़र क्यों लगती जा रही है ? हसाड़े सोणे मुल्क के खुदरा व्यापार में अपनी धाक जमाने के लिए वालमार्ट जैसी बहु राष्ट्रीय धाकड़ निवेशकों ने १२५ करोड़ रुपय्ये लाबिंग [पैरवी ]करने वाले अपने अमेरिकी सीनेटरों में तक्सीम करके यह साबित कर दिया कि हसाड़े जो माननीय संसद में ऍफ़ डीआई लाने के लिए गला फाड़े जा रहे थे उनके पीछे कौन सी उर्जा थी| ओये हुन हसाड़े पूअर +छोटे+व्यापारियों+किसानो +मजदूरों का क्या होगा?

झल्ला

भोले सेठ जी अमेरिका में लाबिंग तो कानूनी जामे में ही है और हसाड़े हरीश रावत+राशिद अल्वी जैसे कांग्रेसी प्रवक्ता आपके सारे आरोपों को नकारते हुए बेसिरपैर का बता रहे हैं |वैसे अगर ये सभी सच बोल रहे हैं तो झल्लेविचारानुसार एक सवाल जरूर उठता है+एक लिंक जरूर उभरता है कि

अमेरिकी २५ सीनेटरों ने नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी वीजा पर एतराज़ उठाया था कहीं ये भी बैकडोर वाल्मार्टी पैरवी तो नहीं

चुनावों के मौसम में अमेरिकी २५ सीनेटरों ने नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी वीजा पर पतझड़ी एतराज़ उठाया था कहीं ये भी बेकडोर से वाल्मार्टी पैरवी तो नहीं ?