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वाल मार्ट की लाबिंग के बादल आज प्रमोशन में रिजर्वेशन के मायावती के ड्रीम बिल पर मंडराए:राज्य सभा स्थगित

Indian Parliament

राज्यसभा की कार्यवाही आज वॉलमार्ट की लॉबिंग और रिजर्वेशन में प्रमोशन की भेंट चढ़ गई। हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही पहले दस मिनट्स उसके बाद डेड घंटे और तीसरी बार सारे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि सदन में आज प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल लाया जाना था। सूत्रों के मुताबिक विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती के समर्थन के बदले और भरोसे सरकार ये बिल ला रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी इस बिल का पूरजोर विरोध कर रही है।
मानसून सत्र में जब इस बिल को पेश किया गया था तो समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल और बीएसपी के सांसद अवतार सिंह करीमपुरी के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई थी।
। विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती ने लोकसभा में वॉक आउट करके सरकार को मदद पहुंचाई थी। वहीं, राज्यसभा में मायावती ने सरकार के पक्ष में वोट डालकर सरकार की नाक बचाई थी। उसी समय मायावती ने साफ कर दिया था कि वो जनहित के बिलों के लिए सरकार का समर्थन कर रही हैं और इसमें प्रमोशन में आरक्षण बिल मायावती के एजेंडे में सबसे ऊपर थालेकिन आज सोमवार को आरक्षण का यह बिल राज्यसभा में वॉलमार्ट की लॉबिंग संबंधी रिपोर्ट पर मचे बवाल के चलते पेश नहीं हो पाया। बहुजन समाज पार्टी इससे नाराज है और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सरकार को जल्द से जल्द बिल पास कराने का अल्टीमेटम दे दिया है। माया ने विपक्षी बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसी के चलते बिल पेश नहीं हो पा रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो इस बिल को राज्यसभा में पारित नहीं होने देगी।गौरतलब है कि सरकार को आज राज्यसभा में प्रमोशन में आरक्षण का बिल पेश करना था। आज सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी ने वॉलमार्ट की उस रिपोर्ट पर सरकार से जवाब मांगा जिसमें इस रिटेल कंपनी ने भारत में एंट्री के लिए करीब 125 करोड़ रुपये लॉबिंग पर खर्च करने का दावा किया था। इस मुद्दे पर सदन में हंगामा होता रहा और सदन की पूरे दिन की कार्यवाही इसकी भेंट चढ़ गई। कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित होने से बीएसपी को झटका लगा और उसकी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर हंगामा किया ताकि प्रमोशन में आरक्षण बिल सदन में पेश न हो पाए।मायावती ने कहा कि वॉलमार्ट की लॉबिंग की जो बात बीजेपी ने राज्यसभा में उठाई उसपर लोकसभा में उसका ध्यान नहीं गया। दरअसल बीजेपी नहीं चाहती कि ये विधेयक पास हो जाए। राज्यसभा में पार्टी का हंगामा पहले से तय था और उसे सोचसमझकर अंजाम दिया गया। मायावती ने कहा कि सरकार चलाना यूपीए की जिम्मेदारी है
बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया ने इस बिल को राष्ट्रीय संकल्प बताया| इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायणसामी ने कहा कि हम इस मुद्दे पर आम सहमति के प्रयास कर रहे हैं। हम इस बिल को पास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।जबकि संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सरकार समाजवादी पार्टी को मना लेगी।वहीं सपा के तेवर साफ बताते हैं कि वो इस मुद्दे पर झुकने को कतई तैयार नहीं है। पार्टी महासचिव रामआसरे कुशवाहा ने कहा कि हम प्रमोशन बिल का लगातार विरोध करते रहे हैं और इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाते रहेंगे। सपा नेता मोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर बसपा को बेवकूफ मना रही है। वो जानती है कि इस बिल को पास करने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत है जो कभी हासिल नहीं होगा।जबकि समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि समाजवादी पार्टी प्रमोशन में आरक्षण बिल का विरोध करेगी। नरेश अग्रवाल के मुताबिक एसपी चाहती है कि संसद चले लेकिन सरकार को भी बिल के लिए जोर नहीं देना चाहिए।
कांग्रेस के नेता पी एल पुनिया ने कहा है कि ऐसा इम्प्रेशन दिया जा रहा है कि प्रमोशन में रिजर्वेशन ख़त्म हो गया है। उसे नए सिरे से लाया जा रहा है। ये गलत है, जनसंख्या से ज्यादा आरक्षण देने का प्रावधान खत्म किया जा रहा है, अनुसूचित जाति जनजाति के अत्याचारों से निजात पाने के लिए ये प्रयास किया जा रहा है। इसका सबको समर्थन देना चाहिए और ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए।
वहीं इस मुद्दे पर जेडीयू ने बिल का समर्थन किया है। जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी के मुताबिक बिहार में पहले से ही प्रमोशन में आरक्षण दिया जा रहा है और उनकी पार्टी वर्तमान बिल पर भी नजर बनाए हुई है

इतिहास

1992 में इंद्रा साहनी फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस फैसले से प्रोन्नति में आरक्षण समाप्त हो गया। सरकार ने 17 जून 1995 को संविधान में 77वां संशोधन कर अनुच्छेद 16 (4ए) जोड़ा और एससी-एसटी को प्रोन्नति में फिर आरक्षण दे दिया। इस संशोधन से कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो गया।
सरकार के गले में अभी भी एक फांस अटकी थी क्योंकि 10 फरवरी 1995 को सुप्रीम कोर्ट ने आरके सब्बरवाल के मामले में कहा कि एससी-एसटी वर्ग को परिणामी ज्येष्ठता का लाभ नहीं मिलेगा। इस फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार ने साल 2001 में संविधान में 85वां संशोधन किया और अनुच्छेद 16 (4ए) में बदलाव करके प्रोन्नति में आरक्षण के साथ परिणामी ज्येष्ठता भी दे दी।
19 अक्टूबर 2006 को एम. नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एससी परिणामी ज्येष्ठता के साथ प्रोन्नति में आरक्षण देने के कानूनी प्रावधान को नकार दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आधार पर ही राजस्थान हाई कोर्ट और उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एससी-एसटी को प्रोन्नति में परिणामी ज्येष्ठता के साथ आरक्षण देने के राज्यों के कानून निरस्त कर दिए।
उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट आई और सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल को यूपी पॉवर कॉरपोरेशन के मामले में एक बार फिर एम नागराज फैसले को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी।

अमेरिकी २५ सीनेटरों ने नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी वीजा पर पतझड़ी एतराज़ उठाया था कहीं ये भी बैकडोर वाल्मार्टी पैरवी तो नहीं


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये हसाड़े सोणे लोक तंत्र को किसी की काली नज़र क्यों लगती जा रही है ? हसाड़े सोणे मुल्क के खुदरा व्यापार में अपनी धाक जमाने के लिए वालमार्ट जैसी बहु राष्ट्रीय धाकड़ निवेशकों ने १२५ करोड़ रुपय्ये लाबिंग [पैरवी ]करने वाले अपने अमेरिकी सीनेटरों में तक्सीम करके यह साबित कर दिया कि हसाड़े जो माननीय संसद में ऍफ़ डीआई लाने के लिए गला फाड़े जा रहे थे उनके पीछे कौन सी उर्जा थी| ओये हुन हसाड़े पूअर +छोटे+व्यापारियों+किसानो +मजदूरों का क्या होगा?

झल्ला

भोले सेठ जी अमेरिका में लाबिंग तो कानूनी जामे में ही है और हसाड़े हरीश रावत+राशिद अल्वी जैसे कांग्रेसी प्रवक्ता आपके सारे आरोपों को नकारते हुए बेसिरपैर का बता रहे हैं |वैसे अगर ये सभी सच बोल रहे हैं तो झल्लेविचारानुसार एक सवाल जरूर उठता है+एक लिंक जरूर उभरता है कि

अमेरिकी २५ सीनेटरों ने नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी वीजा पर एतराज़ उठाया था कहीं ये भी बैकडोर वाल्मार्टी पैरवी तो नहीं

चुनावों के मौसम में अमेरिकी २५ सीनेटरों ने नरेन्द्र मोदी के अमेरिकी वीजा पर पतझड़ी एतराज़ उठाया था कहीं ये भी बेकडोर से वाल्मार्टी पैरवी तो नहीं ?

वॉलमार्ट को देश के किसी भी हिस्से में पैर नहीं रखने देंगे: सांसद बासुदेव आचारी

:Indian Parliament संसद

खुदरा व्यापार में ऍफ़ डी आई के अनुमति पर संसद में आज बुधवार को भी चर्चा जारी है| सांसद बासुदेव अचारी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ऍफ़ डी आई लागू किये जाने पर अगर देश में वालमार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ आई तो उनका सभी जगह विरोध किया जाएगा| उन्होंने कहा कि रीटेल में एफडीआई से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मोनोपोली हो जाएगी।देश के पांच करोड़ खुदरा व्यापारी और उन पर निर्भर २० करोड़ लोगों पर रोज़गार का संकट पैदा हो जाएगा|इसीलिए हम देश में वॉलमार्ट को पैर नहीं रखने देंगे। सरकार अपनी नीति पर फिर से सोचे। क्या वॉलमार्ट भारत में आकर सड़क बनाएगा? एफडीआई रीटेल से न तो किसानों को फायदा होगा और न ही उपभोक्ताओं को।
गौरतलब है कि ऍफ़ डी आई के समर्थन में कल मंगलवार को मंत्री कपिल सिब्बल ने वामपंथियों के गढ़ वेस्ट बंगाल के किसान के हवाले से बताया था कि वहां पेप्सी के कारण किसानों को आलू की कीमत बाज़ार भाव से दोगुनी मिल रही है|इसके जवाब में बासुदेव ने आज देश और विदेश के किसानों की व्यथा सुनाई| उन्होंने कहा कि उनका दल ऍफ़ डी आई को समर्थन देगा अगर इससे रोज़गार+तकनीकी+ उत्पादकता बढेगी |मगर ऐसा नहीं होने जा रहा|वाल मार्ट के कारण देश में बेरोजगारी बढेगी+उत्पादकता गिरेगी और तकनीकी विकास नहीं होगा|