मेरठ भामाशाह पार्क में रणजी मुकाबले का रोमांच ड्रा की भेंट चढ़ गया। यूपी के एक बल्लेबाज़ की सेंचुअरी पूरी कराने के चक्कर में लिए गए एक अदूरदर्शी निर्णय ने जीत को ड्रा में बदलकर कर्नाटका को तोहफा दे दिया। मैच के तीसरे दिन मंगलवार को यूपी ने 400 रन से ज्यादा बढ़त बनाने के बावजूद मेहमान टीम को बल्लेबाजी के लिए समय रहते आमंत्रित नहीं किया। इस रवैये से यूपी जीत के मुहाने से फिसल गया जिसका खामियाजा आगामी मैचों में भुगतना पड़ सकता है।ग्रुप बी के अहम रणजी मुकाबले में यूपी इस जीत के साथ अपने पूल की अन्य टीमों से बेहतर स्थान हासिल कर सकता था। यूपी टीम के प्रबंधन से वेंकटेश प्रसाद, गोपाल शर्मा आशीष जैदी एवं रिजवान शमशाद जैसे कद्दावर क्रिकेटर जुड़े हैं, लेकिन उन्होंने मैच में प्रोत्साहन के बजाय भुवनेश्वर, मोहम्मद कैफ एवं परविंदर की मेहनत पर पानी फेर दिया।
तीसरे दिन यूपी ने पहली पारी में कर्नाटक पर 102 रनों की लीड के साथ खेलते हुए दिनभर में 445 की भारी भरकम बढ़त बना ली। भुवनेश्वर के शतक के लिए पारी को आगे बढ़ाने का निर्णय एक भूल साबित हुई, जिसके बाद वक्त यूपी के हाथ से निकल गया। भुवनेश्वर उस वक्त आउट हुए, जब यूपी की बढ़त 420 से ज्यादा हो चुकी थी, लेकिन खेल महज 15 मिनट शेष था। क्रिकेट जानकारों का कहना है कि अगर यूपी 400 की लीड पर कर्नाटक को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित कर देती तो भी एक घंटे का खेल शेष मिल जाता, जिसमें रोबिन उथप्पा के आउट आफ फार्म होने का फायदा विकेट झटककर उठाया जा सकता था। ऐसे में यूपी पारी घोषित करने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा सका? सूत्रों के अनुसार टीम प्रबंधन ने तीन अंक की बढ़त के बाद एक सटीक योजना के साथ अतिरिक्त सतर्कता बरती, जिससे मैच ड्रा की ओर झुक गया।
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