[नई दिल्ली]दिल्ली की सभी अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का निर्णय आज केबिनेट की मीटिंग में लिया गया|
भाजपा शासित केंद्र सरकार ने दिल्ली प्रदेश में भी सियासी पैर ज़माने के लिए एक और लोक लुभावन कार्ड खेल दिया है |इससे पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने केंद्र सरकार की सीजीएचएस डिस्पेंसरियों में वरिष्ठ नागरिकों को ओपीडी की निशुल्क सेवा दी जा चुकी हैं|सात महीने की सरकार का दिल्ली में यह तीसरा मास्टर स्ट्रोक है |
इससे पूर्व १९८४ के कत्लेआम के पीड़ितों को पांच लाख रुपयों का मुआवजा दिए जाने पर भी विपक्ष द्वारा प्रश्न चिन्ह लगाये गए थे|
दावा किया जा रहा है कि इससे लगभग १७०० अनधिकृत कलिनियों के ६० लाख लोगों को फायदा होगा |अब इसका श्रेय लेने के लिए कांग्रेस कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी दावा ठोक दिया है |पूर्व सीएम के अनुसारइसकी स्वीकृति उनके शासन काल में दी गई थी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 01 जून 2014 तक बसी हुईं सभी अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने संबंधी वर्तमान दिशा-निर्देशों में संशोधन को मंजूरी दे दी गई ।
कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कट-ऑफ तिथि 31 मार्च 2002 से 01 जून 2014 है|दावा किया जा रहा है कि इससे लगभग १७०० अनधिकृत कलिनियों के ६० लाख लोगों को फायदा होगा |
31 मार्च, 2014 और 01 जून, 2014 के बीच अस्तित्व में आईं अनाधिकृत कॉलोनियों में बड़ी संख्या में लोगों को लाभ होगा।
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