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रक्षा लेखा पेंशनरों को कैंटीन सुविधा के लिए सांसद राजेंद्र अग्रवाल संसद में आवाज उठाएंगे

रक्षा लेखा पेंशनरों की सी एस डी कैंटीन सम्बन्धी समस्या को उठाने के लिए सांसद राजेंद्र अग्रवाल आगे आये हैं| श्री अग्रवाल ने रक्षा मंत्रालय को पात्र लिखने और मामले को संसद में उठाने की घोषणा की है|
भाजपा के मेरठ से सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा है के रिटायरमेंट के पश्चात एक वर्ग विशेष को कैंटन सुविधाओं से वंचित किया जाना सर्वथा निंदनीय है|और इसे संसद में उठाएंगे| उन्होंने रक्षा मंत्रालय से इस विषय को लेकर पत्राचार करने की बात भी कही |
गौरतलब है के १ अप्रैल २०१३ से रक्षा लेखा पेंशनरों के लिए सी एस डी कैंटीन सुविधा को प्रतिबंधित कर दिया गया है| इससे वरिष्ठ नागरिकों में बेहद असंतोष है|इस मुद्दे को जमोस न्यूज डाट काम द्वारा उठाया गया है| फेस बुक पर इसका लिंक भी दिया गया थाजिस पर समर्थकों की संख्या में निरंतर बढोत्तरी हो रही है|
एक तरफ तो सरकार आम आदमी के हितों की रक्षार्थ समर्पित होने के तमाम दावे कर रही है लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ विपरीत ही दिखती है|अब रक्षा लेखा विभाग के पेंशनरों के लिए सी एस डी कैंटीन की सुविधा को १ अप्रैल से समाप्त कर दिया गया है|इससे रक्षा पेंशनर्स रिटायर्मेंट के बाद भी ठगे से महसूस कर रहे है|
मेरठ में ही रक्षा लेखा विभाग की तीन कैंटीन हैं [सी डी ऐ [१]आर्मी+[२]पेंशन संवितरण और[३] फंड्स|इन तीनो कैंटीनों में पेंशनर्स के लिए सुविधा मना कर दी गई है| बताया जा रहा है के सी एस डी कैंटीन डिपार्टमेंट द्वारा आदेश जारी किया गया है के कैंटीन के लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड बनवा कर ही कैंटीन की सुविधा डी जानी चाहिए| आउट सोर्सिंग से स्मार्ट कार्ड बनवाए जाते हैं| इस कार्ड में भरे जाने वाले कालम में एक जगह सेवानिवृति का भी कालम है उस तिथि के पश्चात कार्ड स्वत कैंसिल हो जाता है|
३१ मार्च तक सी डी ऐ की इन तीनो कैंटीनो में बिना स्मार्ट कार्ड के ही उनके परिचय पत्र के आधार पर सुविधा दी जा रहे थी|लेकिन अब स्मार्ट कार्ड को जरुरी किये जाने के कारण रिटायर्ड कर्मियों के कार्ड बनाने के कोई आदेश नहीं है| ऐसा कह कर रिटायर्ड कर्मियों का पत्ता काट दिया गया है|इससे लोगों में बेहद रोष है|
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्मियों की एसोसिएशन [जे सी एम् ]ने दिल्ली के उलन बटार स्थित मुख्यालय में इस वर्ष की शुरुआत में आयोजित एक मीटिंग में उठाया था तब यह कह कर आश्वासन दिया गया था के मामला संज्ञान में हैं और विचार किया जा रहा है|डी ओ पी टी की मीटिंग में भी रखा गया था लेकिन मंत्री नारायम सामी द्वारा यह कह कर पल्ला झड लिया गया के यह मामला रक्षा मंत्रालय से जुडा है इसीलिए वहीँ से निर्णय आयेगा| इसके अलावा जबल पुर की एक अदालत ने भी डिफेंस मिनिस्ट्री के लिए छोड़ दिया गया है|