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Tag: Unrest in defence accounts department

265 साल पुराने रक्षा लेखा विभाग के पेंशनर्स कैंटीन की सेवाओं को बंद किये जाने से ठगा महसूस कर रहे हैं

265 साल पुराने रक्षा लेखा विभाग के हज़ारों पेंशनर्स कैंटीन की सेवाओं को बंद किये जाने से स्वयम को ठगा महसूस कर रहे हैं|
रक्षा लेखा विभाग के कर्मचारी भारतीय सेना के तीनो अंगो के साथ ही सेना की सहायक इकाईयों के साथ भी कंधे से कन्धा मिला कर हर कठिन परिस्थिति में देश सेवा को समर्पित है इस पर भी रक्षा लेखा पेंशनरों के लिए सी एस डी कैंटीन की सुविधा को समाप्त कर दिया गया है इससे वरिष्ठ नागरिकों में बेहद रोष है|

265 साल पुराने रक्षा लेखा विभाग के पेंशनर्स कैंटीन की सेवाओं को बंद किये जाने से ठगा महसूस कर रहे हैं

265 साल पुराने रक्षा लेखा विभाग के पेंशनर्स कैंटीन की सेवाओं को बंद किये जाने से ठगा महसूस कर रहे हैं


विभागीय नियम की किताब ओ एम् पार्ट वन के पैरा ६९ के अनुसार रक्षा लेखा कर्मी को सेना के समान ही कही भी ट्रांसफर किया जा सकता है|कारगिल +लेह+बारमेर+जे& के+पोर्ट ब्लेयर+ जैसे दुर्गम और कठिन छेत्रों में पोस्टिंग होती है|वर्तमान में विभाग के ९६० कार्यालय पूरे देश में हैं|इनमे से १०० तो ऐ पी ओस हैं| इनकी सेना की भांति ही कहीं भी कहीं भी पोस्टिंग की जा सकती है |इसके अलावा रक्षा पेंशनरों की समस्यायों को दूर करने के लिए रक्षा लेखा विभाग द्वारा पेंशन अदालत भी लगाई जाती है | यहांतक कि सी एस डी कैंटन के लिए एक अलग से रक्षा लेखा कार्यालय[C D A C S D ] खोला गया है और सी एस डी कैंटीन का आडिट भी किया जाता है| अखिल भारतीय रक्षा लेखा संघ [कोलकत्ता]के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतीन्द्र चौधरी ने अपने विभाग के पेंशनरों से कैंटीन सुविधा छीन लिए जाने को दुर्भाग्य पूर्ण बताया है और उच्च स्तर पर वार्ता का आश्वासन दिया है|एक पेंशनर ने बड़े ही मार्मिक शब्दों में अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा है कि जब कर्मी रिटायर होता है तो उसे सम्मान जनक तरीके से विदा किया जाता है| फूलों को माला पहनाई जाती है+पार्टी दी जाती है और भविष्य में हर दुःख सुख में साथ खडा रहने के वायदे किये जाते हैं लेकिन सरकार और विभाग द्वारा रिटायर्ड कर्मियों को दरकिनार कर दिया गया है कोई उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है|सभी हाथ खड़े करते दिख रहे हैं| रक्षा लेखा विभाग मामले के लिए सी एस डी को जिम्मेदार बताता है तो सी एस डी मामले को रक्षा मंत्रालय पर टाल रही है | मानो रिटायर्ड लोगों का कोई अस्तित्व ही ना हो|
जाहिर हैसरकार कि कथनी और करनी में अंतर है| एक तरफ तो सरकार आम आदमी के हितों की रक्षार्थ समर्पित होने के तमाम दावे कर रही है लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ विपरीत ही दिखती है|अब रक्षा लेखा विभाग के पेंशनरों के लिए सी एस डी कैंटीन की सुविधा को १ अप्रैल से समाप्त कर दिया गया है|इससे रक्षा पेंशनर्स रिटायर्मेंट के बाद भी ठगे से महसूस कर रहे है|
मेरठ में ही रक्षा लेखा विभाग की तीन कैंटीन हैं [सी डी ऐ [१]आर्मी+[२]पेंशन संवितरण और[३] फंड्स|इन तीनो कैंटीनों में पेंशनर्स के लिए सुविधा मना कर दी गई है| बताया जा रहा है के सी एस डी कैंटीन डिपार्टमेंट द्वारा आदेश जारी किया गया है के कैंटीन के लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड बनवा कर ही कैंटीन की सुविधा डी जानी चाहिए| आउट सोर्सिंग से स्मार्ट कार्ड बनवाए जाते हैं| इस कार्ड में भरे जाने वाले कालम में एक जगह सेवानिवृति का भी कालम है उस तिथि के पश्चात कार्ड स्वत कैंसिल हो जाता है|
३१ मार्च तक सी डी ऐ की इन तीनो कैंटीनो में बिना स्मार्ट कार्ड के ही उनके परिचय पत्र के आधार पर सुविधा दी जा रहे थी|लेकिन अब स्मार्ट कार्ड को जरुरी किये जाने के कारण रिटायर्ड कर्मियों के कार्ड बनाने के कोई आदेश नहीं है| ऐसा कह कर रिटायर्ड कर्मियों का पत्ता काट दिया गया है|इससे लोगों में बेहद रोष है|
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्मियों की एसोसिएशन [जे सी एम् ]ने दिल्ली के उलन बटार स्थित मुख्यालय में इस वर्ष की शुरुआत में आयोजित एक मीटिंग में उठाया था तब यह कह कर आश्वासन दिया गया था के मामला संज्ञान में हैं और विचार किया जा रहा है|डी ओ पी टी की मीटिंग में भी रखा गया था लेकिन मंत्री नारायम सामी द्वारा यह कह कर पल्ला झड लिया गया के यह मामला रक्षा मंत्रालय से जुडा है इसीलिए वहीँ से निर्णय आयेगा| इसके अलावा जबल पुर की एक अदालत ने भी डिफेंस मिनिस्ट्री के लिए छोड़ दिया गया है|

रक्षा लेखा पेंशनरों को कैंटीन सुविधा के लिए सांसद राजेंद्र अग्रवाल संसद में आवाज उठाएंगे

रक्षा लेखा पेंशनरों की सी एस डी कैंटीन सम्बन्धी समस्या को उठाने के लिए सांसद राजेंद्र अग्रवाल आगे आये हैं| श्री अग्रवाल ने रक्षा मंत्रालय को पात्र लिखने और मामले को संसद में उठाने की घोषणा की है|
भाजपा के मेरठ से सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा है के रिटायरमेंट के पश्चात एक वर्ग विशेष को कैंटन सुविधाओं से वंचित किया जाना सर्वथा निंदनीय है|और इसे संसद में उठाएंगे| उन्होंने रक्षा मंत्रालय से इस विषय को लेकर पत्राचार करने की बात भी कही |
गौरतलब है के १ अप्रैल २०१३ से रक्षा लेखा पेंशनरों के लिए सी एस डी कैंटीन सुविधा को प्रतिबंधित कर दिया गया है| इससे वरिष्ठ नागरिकों में बेहद असंतोष है|इस मुद्दे को जमोस न्यूज डाट काम द्वारा उठाया गया है| फेस बुक पर इसका लिंक भी दिया गया थाजिस पर समर्थकों की संख्या में निरंतर बढोत्तरी हो रही है|
एक तरफ तो सरकार आम आदमी के हितों की रक्षार्थ समर्पित होने के तमाम दावे कर रही है लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ विपरीत ही दिखती है|अब रक्षा लेखा विभाग के पेंशनरों के लिए सी एस डी कैंटीन की सुविधा को १ अप्रैल से समाप्त कर दिया गया है|इससे रक्षा पेंशनर्स रिटायर्मेंट के बाद भी ठगे से महसूस कर रहे है|
मेरठ में ही रक्षा लेखा विभाग की तीन कैंटीन हैं [सी डी ऐ [१]आर्मी+[२]पेंशन संवितरण और[३] फंड्स|इन तीनो कैंटीनों में पेंशनर्स के लिए सुविधा मना कर दी गई है| बताया जा रहा है के सी एस डी कैंटीन डिपार्टमेंट द्वारा आदेश जारी किया गया है के कैंटीन के लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड बनवा कर ही कैंटीन की सुविधा डी जानी चाहिए| आउट सोर्सिंग से स्मार्ट कार्ड बनवाए जाते हैं| इस कार्ड में भरे जाने वाले कालम में एक जगह सेवानिवृति का भी कालम है उस तिथि के पश्चात कार्ड स्वत कैंसिल हो जाता है|
३१ मार्च तक सी डी ऐ की इन तीनो कैंटीनो में बिना स्मार्ट कार्ड के ही उनके परिचय पत्र के आधार पर सुविधा दी जा रहे थी|लेकिन अब स्मार्ट कार्ड को जरुरी किये जाने के कारण रिटायर्ड कर्मियों के कार्ड बनाने के कोई आदेश नहीं है| ऐसा कह कर रिटायर्ड कर्मियों का पत्ता काट दिया गया है|इससे लोगों में बेहद रोष है|
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्मियों की एसोसिएशन [जे सी एम् ]ने दिल्ली के उलन बटार स्थित मुख्यालय में इस वर्ष की शुरुआत में आयोजित एक मीटिंग में उठाया था तब यह कह कर आश्वासन दिया गया था के मामला संज्ञान में हैं और विचार किया जा रहा है|डी ओ पी टी की मीटिंग में भी रखा गया था लेकिन मंत्री नारायम सामी द्वारा यह कह कर पल्ला झड लिया गया के यह मामला रक्षा मंत्रालय से जुडा है इसीलिए वहीँ से निर्णय आयेगा| इसके अलावा जबल पुर की एक अदालत ने भी डिफेंस मिनिस्ट्री के लिए छोड़ दिया गया है|

रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के दो संघों के आपसी मतभेदों को लेकर रक्षा लेखा विभाग की फजीहत हो रही है

रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के दो संघों के आपसी मतभेदों को लेकर रक्षा लेखा विभाग की फजीहत हो रही है

रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के दो संघों के आपसी मतभेदों को लेकर रक्षा लेखा विभाग की फजीहत हो रही है

रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के दो संघों के आपसी मतभेदों को लेकर रक्षा लेखा विभाग की फजीहत हो रही है|विभाग ने इससे अपने को अलग करते हुए आपस में ही विवाद को सुलझाने को कहा है|
रक्षा लेखा विभाग के कर्मियों के संघ [कोलकत्ता मुख्यालय]ने मुख्यालय पुणे के घटक पर धोखा धडी का आरोप लगाते हुए रक्षा लेखा विभागाद्यक्ष महानियंत्रक[सी जी डी ऐ] से उचित कार्यवाही की मांग की है|
कोलकत्ता मुख्यालय के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतेन्द्र चौधरी ने प्रेम कुमार खन्नाएस ऐ ओ प्रशा] को प्रेषित पत्र में पुणे मुख्यालय की वेबसाइट के हवाले से निम्न तथ्यों को उठाया है;
[१]जे सी एम् थर्ड स्तर के गठन की प्रक्रिया में रक्षा लेखा महानियंत्रक कार्यालय द्वारा कोलकत्ता एसोसिएशन की मदद की है|
[२]दिनक १३ मई २०११ को आयोजित जे सी एम् की बैठक में जो कुछ भी हुआ उसमे मुख्यालय की भूमिका से नकारा नहीं जा सकता
[३] मुख्यालय ने मीटिंग के कार्यवृत में उपयुक्त सूचना नही दी जिससे सदस्यों में गलत सन्देश गया है
इसके अलावा दिनांक ३ अप्रैल २०१२ के पैरा २ में भी भ्रामक तथ्य दिए गए हैं |
उपरोक्त सारी सूचनाएं भ्रामक हैं और स्पष्टीकरण जरुरी है|
श्री यतेन्द्र के इस पत्र के संदर्भ में उलन बटार स्थित रक्षा लेख महानियंत्रक कार्यालय ने २६ मार्च २०१३ को अखिल भारतीय रक्षा लेखा संघ की पुणे घटक के अध्यक्ष सुहास सफाई से स्पष्टीकरण मांगा है| पी के राय ने दोनों घटकों के आपसी मतभेदों में मुख्यालय को शामिल नहीं किया जाय |