समय-पूर्व जन्म रोकने के लिए ह्यूमन पैप्पीलोमा टीका [HPV] तकनीक अपनाना खतरनाक और भारत में विवदास्पद है : डॉ. हर्षवर्धन
केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने समय-पूर्व होने वाले जन्मों की समस्या को रोकने के लिए अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि भारत इस बारे में अचूक उपचार विकसित कर सके और यह माताओं के लिए भी सुरक्षित होना चाहिए |
कानपुर के प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी – 35वें वार्षिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ”हम एक अनुसंधान परियोजना पर काम कर रहे हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि समय पूर्व जन्म की अभी तक अज्ञात धारणा के पीछे क्या करण है। उन्होंने आशा प्रकट की कि इस समस्या के उपचार में भारत आधुनिक चिकित्सा विज्ञान को एक उपहार प्रदान करेगा”। समय-पूर्व जन्म के बारे में जैव प्रौद्योगिकी विभाग का अनुसंधान एमएनसी के प्रभाव से मुक्त है
डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर खेद व्यक्त कि कुछ बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियां समय-पूर्व जन्म रोकने के लिए एचपीवी तकनीक (ह्यूमन पैप्पीलोमा टीकों के इस्तेमाल) के इस्तेमाल का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा यह तकनीक भारत में विवादास्पद सिद्ध हुई है। इस मामले पर उच्चतम न्यायालय विचार कर रहा है।
मंत्री ne कहा कि हमारा मातृ एवं शिशु कार्यक्रम अधिक सुरक्षित है और हम खुशहाल परिवारों से भरे समाज के निर्माण के प्रति संकल्पबद्ध हैं, जिसमें किसी भी बच्चे को विकास के अधिकतम अवसर मिलते हैं और वे भविष्य में समाज में अपना योगदान करता है।
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समय-पूर्व जन्म रोकने के लिए ह्यूमन पैप्पीलोमा टीका खतरनाक और भारत में विवदास्पद है:डॉ हर्षवर्धन
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार २०१३ के लिए आठ वैज्ञानिकों की लिस्ट में पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर और उपग्रह विज्ञान में कोई पुरस्कार नही
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2013 की सात विधाओं के लिए घोषित आठ वैज्ञानिकों की लिस्ट में पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर और उपग्रह विज्ञान में कोई पुरस्कार नही|
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2013 की घोषणा कर दी गई है| कुल आठ पुरूस्कार दिए जाने हैं जैव विज्ञान में डॉ. सतीस चुकुरुम्बल राघवन को चुना गया है |पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर और उपग्रह विज्ञान में कोई पुरस्कार नहीं घोषित किया गया है
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डा. समीर कुमार ब्रह्मचारी ने आज वर्ष 2013 के लिए प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा की। पुरस्कारों की घोषणा नई दिल्ली में आयोजित सीएसआईआर के 71 वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान की गयी। वर्ष 2013 के लिए आठ (08) वैज्ञानिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के लिए चुना गया है।
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, 2013 के लिए चयनित वैज्ञानिकों के नामों की सूची इस प्रकार है:-
[1]जैव विज्ञान
डॉ. सतीस चुकुरुम्बल राघवन
जैव रसायन विभाग
भारतीय विज्ञान संस्थान ( आईआईएससी)
बंगलौर 560012
[2]रासायनिक विज्ञान
डॉ. यमुना कृष्णन
राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र
(टीआईएफआर)यूएएस-जीकेवीके, बेल्लारी रोड
बंगलौर 560065
[3]पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर और उपग्रह विज्ञान
कोई पुरस्कार नहीं
[4]इंजीनियरिंग विज्ञान
[अ] डॉ. बिक्रमजीत बसु
पदार्थ अनुसंधान केंद्र
भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी)
बंगलौर 560012
[आ] डॉ. सुमन चक्रबर्ती
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग,
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी)
खड़गपुर, 721302
[५]गणितीय विज्ञान
डॉ. एकनाथ प्रभाकर घाटे
गणितीय विज्ञान विद्यालय
टाटा मौलिक अनुसंधान संस्थान(टीआईएफआर)
होमी भाभा रोड, कोलाबा
मुंबई 400005
[६]चिकित्सा विज्ञान
डॉ. पुष्कर शर्मा
रोगरोधी राष्ट्रीय संस्थान (एनआईआई)
अरुणा आसफ अली मार्ग,
नई दिल्ली 110 067
[७]भौतिक विज्ञान
[अ] डॉ. अमोल दिघे
सैद्धांतिक भौतिकी विभाग
टाटा मौलिक अनुसंधान संस्थान (टीआईएफआर)
होमी भाभा रोड , कोलाबा
मुंबई 400 005
[आ] डॉ. विजय बालकृष्ण शेनॉय
भौतिकी विभाग
भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी)
बंगलौर 560012
*पुरस्कारों का वितरण प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा, जिसकी तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।
शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार भारत में किए गए उनके अनुसंधान और विकास कार्यों के लिए युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पहचान है। पुरस्कार की स्थापना प्रख्यात वैज्ञानिक, संस्थापक निदेशक और सीएसआईआर के प्रमुख वास्तुकार स्वर्गीय डॉ. (सर) शांति स्वरूप भटनागर के सम्मान में 1957 में किया गया था। 450 से अधिक वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को अब तक उनके अनुसंधान एवं विकास योगदान के लिए विज्ञान के विभिन्न विषयों में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार, एक पट्टिका और सेवानिवृत्ति तक एक मानदेय दिया जाता है|
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