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Tag: DrHarshvardhan

Suffering From”Mirage” “AAP”Remembers Janlokpal+Swaraj+Governance On Mobile

[New Delhi]Suffering From”Mirage” “AAP”Remembers Janlokpal+Swaraj+Governance On Mobile AAP Party Supremo Sh Arvind Kejriwal Has fallen in a trap of bondage of own karmas. Like a Thirsty Deer He Sees the Shiny False Water and Tries to Quench his Thirst by it. He Runs for a Short Distance to Drink Water Till a Point the Water Disappears
Upanishadas,+Rishis have given a metaphor “Mrigtrishna”For This Situation Which Is Translated As “Mirage”
. BJP Being Hindu Minded Party So Shifting The Mirage From Dr Harshvardhan To Jagdish Mukhi To Satish Upadhyay &Now To Dr Kiran Bedi
As a Result Of Which He Is Suffering From Delhiite Dizziness+ Giddiness
AAP Party Has Reversed To Their Birth Cause Delhi Janlok Bill
Aam Aadmi Party Has Declared That They Will Pass Delhi Jan Lokpal Bill after Coming to Power.
All Public Officials (including the Chief Minister, Ministers and MLAs) of the Delhi Government Shall fall Within the Purview of the Investigation. Public Officials of Delhi will be Required to Furnish an Annual Declaration of Assets.
Any Undeclared Assets will be Liable for Confiscation.
. The Delhi Lokpal will have the Power to Initiate Investigations and Prosecution against those Charged with Corruption. Citizens’ Charter would be Introduced in all Government Offices in Delhi.
Whistle Blowers will be Provided Protection and Awarded for their Contribution towards Creating a just System.
Apart From This Swaraj Bill Has Been Promised
After Coming To Power For 49 Days Important Phones Of Party Leaders+Ministers Were Either Changed Or Put Off Or Attended By Another Persons Now It Is Promised That Delhi Govt Will Be On Mobile Phones

भारत को एलईडी[Light-Emitting Diode]से कम खर्च में चमकाने के लिए आज से हुई शुरुआत

The Prime Minister, launching the National Programme for LED Street Lighting and LED Home Lighting, in New Delhi on January 05, 2015.

The Prime Minister, launching the National Programme for LED Street Lighting and LED Home Lighting, in New Delhi on January 05, 2015.

[नई दिल्ली]भारत को एलईडी[Light-Emitting Diode]से ,कम खर्च में, चमकाने की आज से हुई शुरुआत |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में घरेलू बिजली बचत योजना और राष्ट्रीय स्तर पर घरों और सड़कों पर एलईडी [light-emitting diode]बल्ब लगाए जाने संबंधी योजनाओं की शुरूआत की|
पीएम ने प्रोडक्ट की गुणवत्ता और मार्च, 2016 तक100 शहरों में घरों +सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने की परियोजना पूरी करने के लिए इसके प्रचार प्रसार पर विशेष जोर दिया| दिल्ली में घरेलू उपभोक्ताओं को एलईडी बल्ब 10 रुपए के शुरूआती भुगतान पर दिए जाएंगे और 12 महीने तक प्रति बल्ब 10 रुपए उनके बिजली के बिल में वसूले जाएंगे। इस प्रकार एलईडी बल्ब, बाजार कीमत 350 से 600 रूपए प्रति बल्ब की तुलना में इस योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति बल्ब 130 रुपए की कीमत पर दिए जाएंगे। दिल्ली के घरों में एक एलईडी बल्ब लगाने से लगभग 162 रुपए की वार्षिक बचत का अनुमान है। एलईडी बल्बों की तीन साल की वारंटी होगी।
श्री मोदी ने आज साऊथ ब्लॉक में एक बल्ब के स्थान पर एलईडी बल्ब लगा कर दिल्ली में घरेलू बिजली बचत और घरों तथा सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने संबंधी राष्ट्रीय योजना की शुरूआत की।बताया गया है के केवल साऊथ ब्लॉक में ही इस प्रयोग से प्रति माह 7000 यूनिट बिजली बचेगी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एलईडी बल्ब के जरिए बिजली बचाने के काम को जन-अभियान बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिजली पैदा करने से बिजली बचाना कहीं अधिक सस्ता है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिजली पैदा करने से बिजली बचाना इसलिए कठिन है, क्योंकि जहां एक उत्पादन इकाई भारी मात्रा में बिजली पैदा करती है, वहीं बिजली बचाने के लिए करोड़ों लोगों की सक्रिय भागीदारी का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए और प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित नागरिकों को एलईडी बल्ब लगाए जाने के अभियानों से जोड़े जाने की भी जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों की शुरूआत बल्ब निर्माताओं के लिए एक चुनौती है कि वे गुणवत्ता से समझौता किए बिना बेहतरीन एलईडी बल्ब का उत्पादन करें।
जागरूकता पैदा करने के अभिनव तरीकों और बिजली बचाने के संदेश को दूर-दूर तक पहुंचाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नये वर्ष में डायरियों और कैलेंडरों जैसे उपहारों के स्थान पर एलईडी बल्बों को उपहार स्वरूप देना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि कंपनियां लाभांश देते समय एलईडी बल्बों का वितरण भी कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर लक्ष्य बनाया जाना चाहिए और एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इस योजना को प्रमुखता देनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उद्यमियों, प्रतिष्ठित नागरिकों और आम लोगों की भागीदारी राष्ट्र प्रेम का कार्य है, क्योंकि इससे आयात बिलों में कमी आएगी, यह एक प्रकार की समाज सेवा है और इससे पर्यावरण सुरक्षित होगा।
यह पहल देश भर में बिजली बचाने के संदेश के प्रसार के लिए सरकार का प्रयास है। एलईडी बल्ब साधारण बल्ब की तुलना में 50 गुना अधिक समय तक चलता है। इसके अलावा सीएफएल की तुलना में एलईडी बल्ब 8 से 10 गुना अधिक टिकाऊ होता है और इसीलिए इससे बिजली और पैसे दोनों की बचत होती है।
प्रधानमंत्री ने घरेलू बिजली बचत योजना (डीईएलपी) के तहत दिल्ली के उपभोक्ताओं द्वारा एलईडी बल्ब प्राप्त करने के आवेदनों के पंजीकरण के लिए एक वेब-आधारित प्रणाली की शुरूआत की। श्री मोदी ने सबसे पहले पंजीकरण कराने वाले दिल्ली के एक आम नागरिक को दो एलईडी बल्ब प्रदान किए।
मार्च, 2015 से एलईडी बल्बों को चरणबद्ध तरीके से वितरित किया जाएगा। लक्ष्य रखा गया है कि मार्च, 2016 तक 100 शहरों में घरों और सड़कों पर एलईडी बल्ब लगाए जाने की परियोजना पूरी कर ली जाए।
इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल श्री नजीब जंग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिजली मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल सहित दिल्ली के सांसद भी उपस्थित थे।

समय-पूर्व जन्‍म रोकने के लिए ह्यूमन पैप्‍पीलोमा टीका खतरनाक और भारत में विवदास्पद है:डॉ हर्षवर्धन

समय-पूर्व जन्‍म रोकने के लिए ह्यूमन पैप्‍पीलोमा टीका [HPV] तकनीक अपनाना खतरनाक और भारत में विवदास्पद है : डॉ. हर्षवर्धन
केन्‍द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने समय-पूर्व होने वाले जन्‍मों की समस्‍या को रोकने के लिए अनुसंधान की आवश्‍यकता पर बल दिया है ताकि भारत इस बारे में अचूक उपचार विकसित कर सके और यह माताओं के लिए भी सुरक्षित होना चाहिए |
कानपुर के प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में भारतीय बाल चिकित्‍सा अकादमी – 35वें वार्षिक सम्‍मेलन को सम्‍बोधित करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ”हम एक अनुसंधान परियोजना पर काम कर रहे हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि समय पूर्व जन्‍म की अभी तक अज्ञात धारणा के पीछे क्‍या करण है। उन्‍होंने आशा प्रकट की कि इस समस्‍या के उपचार में भारत आधुनिक चिकित्‍सा विज्ञान को एक उपहार प्रदान करेगा”। समय-पूर्व जन्‍म के बारे में जैव प्रौद्योगिकी विभाग का अनुसंधान एमएनसी के प्रभाव से मुक्‍त है
डॉ. हर्षवर्धन ने इस बात पर खेद व्‍यक्‍त कि कुछ बहुराष्‍ट्रीय दवा कंपनियां समय-पूर्व जन्‍म रोकने के लिए एचपीवी तकनीक (ह्यूमन पैप्‍पीलोमा टीकों के इस्‍तेमाल) के इस्‍तेमाल का समर्थन कर रही है। उन्‍होंने कहा यह तकनीक भारत में विवादास्‍पद सिद्ध हुई है। इस मामले पर उच्‍चतम न्‍यायालय विचार कर रहा है।
मंत्री ne कहा कि हमारा मातृ एवं शिशु कार्यक्रम अधिक सुरक्षित है और हम खुशहाल परिवारों से भरे समाज के निर्माण के प्रति संकल्‍पबद्ध हैं, जिसमें किसी भी बच्‍चे को विकास के अधिकतम अवसर मिलते हैं और वे भविष्‍य में समाज में अपना योगदान करता है।

मोदी भापे,आयुर्वेद और”योग”के मिश्रण से महंगे असाध्य रोग भी”सस्ते”में दूर हो सकते हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये हसाडे सोणे नरेंद्र भाई दामोदर मोदी जी ने आयुर्वेद कांग्रेस में सबको खरी खरी सुनाते हुए आयुर्वेद पर भरोसा करने की नसीहत दे डाली है|पीएम ने कह डाला है कि आयुर्वेद को सबसे बड़ी चुनौती उन लोगों से मिल रही है जिन्‍होंने अपना जीवन इसे समर्पित कर दिया है।मोदी जी ने इन्हें आईना दिखाते हुए निशुल्क सलाह दी है कि इन्हें महज एक पेशे के तौर पर नहीं, बल्‍कि मानव जाति की सेवा के लिए आयुर्वेद के प्रति स‍मर्पित होना चाहिए

झल्ला

ओ मोदी देयो ,आँखें खोलो एलोपैथी के ,एनसीआर में ही ,अधिकाँश प्रैक्टीशनर्स बिना रसीद दिए एक हजार रुपये तक की फीस वसूल रहे हैं|
शायद इसीलिए आयुर्वेद को बढ़ावा देनेकी महज बात करने वाले दिल्ली के डॉ हर्षवर्धन से स्वास्थ्य मंत्रालय छीन लिया गया है अब हरियाणा में उत्साही अनिल विज का नंबर लगवाओगे |ओ मेरे चतुर सुजान !जी मोदी भापे ने यूंएन में अंतराष्ट्रीय स्तर पर “योग” दिवस मनाये जाने की मांग उठाई थी जिसे पड़ोसी मुल्कों ने समर्थन भी दे दिया है |इसीलिए इस दिशा में अपने देश में या फिर भाजपा शासित प्रदेशों में ही “योगदिवस” शुरू करवा लो क्योंकि झल्लेविचारनुसार आयुर्वेद और योग के मिश्रण से महंगे असाध्य रोग भी सस्ते में दूर हो सकते हैं|

Dr Harsh Vardhan Desires “Silent Diwali” Noise Pollution Free And Eco Friendly Diwali

Dr Harsh Vardhan ,Minister of Health and Family Welfare,Desires “Silent Diwali”Eco Friendly Diwali He Says ” cultural sentiments should not cause suffering of people,
Union Minister Writes to Delhi L-G to implement cracker ban+ sensitise people
Dr Harsh Vardhan, Union Health Minister, has urged Mr Najeeb Jung, Lieutenant-Governor of Delhi, to ensure that the nation’s capital celebrates a “silent Diwali” this year.
The Minister, in an email to the LG, stated that noise-pollution free Diwalis are fast becoming the norm in many parts of the country.
A Supreme Court order of July 2005 had banned the bursting of fire crackers in residential areas, he pointed out.
He wrote, “The implementation of the apex Court’s order has been practically absent in Delhi. Some state governments have been quite successful in ensuring quietness in the revelries.
Dr Harsh Vardhan unequivocally rejected the position of apologists saying, “Many excuses have been offered by administrations of the past for Delhi’s general disregard (of the Supreme Court’s order). The reasons advanced vary from “cultural” to “police insufficiency”. These are all unacceptable.”
The Minister, who has already announced that he is in the process of constituting an expert group to recommend nation-wide measures to prevent noise pollution, recalled progressive governments cannot reconcile cultural sentiments with the suffering of people, especially children and old people.
He pointed out to the L-G, “Firecrackers which sell under a variety of names lead to noise pollution which causes many physical diseases for people of all age groups. Small children and senior children are traumatized the most during the Diwali season because of the tendency to burst loud crackers is most manifested during the night. Many psychological disorders are also caused.”
Dr Harsh Vardhan recalled from his three decades of experience as a practising ENT surgeon in Delhi, how cases of traumatic perforation of the ear drums tended to show a distinct increase in the aftermath of Diwali. Apart from that there are many burn cases and eye injuries, he noted.

मोदी भापे!तुगलकी”हराकीरी”करने वाले हताश नेताओं की ट्रेनिंग के लिए भी”गेटकीपर”बनवा दो

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया कभी तो हंस भी लिया कर |ओये यारा ये तो हसाडे मुल्क का दुर्भाग्य ही है कि मेडिकल+मैनेजमेंट+इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र+नौजवान प्रोफेशनल और यहां तक कि सरकारी पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं।इसीलिए अब हसाडे हेल्थ मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन ने हताश युवाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति‘ रोकने के लिए “गेटकीपर’” नामक कार्यक्रम पर जोर देना शुरू कर दिया है | इसके अंतर्गत सभी क्षेत्रों के लोगों को आत्महत्या की प्रवृत्ति के बारे में आवश्यक जानकारी देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है|
ओये हुन इस “गेट कीपर” से इस राष्ट्रीय हानि को रोका जा सकेगा

झल्ला

भापा जी मुल्क में अव्यवस्थाओं के चलते आत्महत्या करने वालों में भारत १२ वें स्थान पर आ गया है लेकिन दुर्भाग्य से युवा ज्यादा विषाद के शिकार हो रहे हैं |आप जी के इस प्रयास से हो सकता है कि होने वाली १५-२० लाख आत्म हत्याओं में कुछ कमी हो जाएँ लेकिन झल्लेविचारानुसार १६ वी लोक सभा को हारे हुए हताश कथित केंद्रीय नेता आये दिन अपने तुगलकी अंदाज में सियासी आत्म हत्या करने पे तुले हुए हैं |ऐसे हताश नेताओं के लिए भी कोई “गेटकीपर” बनवा देते तो राष्ट्र का कल्याण ही हो जाता

Floating Clinics,Now ,For Inundated Areas of Srinagar

[New Delhi] Floating Clinics,Now ,For Inundated Areas of Srinagar This May Help To Prevent Diseases.
Floating Clinics,Now ,Will Provide Medical Assistance to the People of the Inundated Areas of Srinagar
Dr Harsh Vardhan has proposed this idea of floating clinics to C M Of J&K
Dr Harsh Vardhan, Union Health Minister, has proposed that boats be mobilised to send medical supplies to the people of the inundated areas of Srinagar who find it impossible to venture out of their homes because of the high flood waters.
Returning after a day’s tour of the flood ravaged areas, Dr Harsh Vardhan said that the Jammu and Kashmir Chief Minister, Mr Omar Abdullah, had received his proposal positively.
“The Chief Minister has directed his officials to mobilise the available boats and start something on an urgent basis. Meanwhile, I am arranging for accelerating the supply side especially in respect of doctors and health workers,” he said.
Mr Narinder Nath Vora, the Governor of Jammu and Kashmir, on whom the Minister made a call, had also agreed to push this idea. People suffering from diabetes, hypertension among the cut-off population need to be urgently rushed their dozes of medicines. Only boats laden with such drugs can access such people.
Photo Caption
The Union Minister for Health and Family Welfare, Dr. Harsh Vardhan visiting Jammu and Poonch to oversee relief operations in the flood affected areas, in Jammu and Kashmir on September 13, 2014.

दिल्ली विधान सभा भंग कराने के लिए अब “आप”पार्टी ने पांच सवाल दागे

[नई दिल्ली]दिल्ली के उपराज्यपाल पर दबाब नीति के अंतर्गत”आप”पार्टी ने पांच सवाल दागे |
दिल्ली की विधानसभा भंग कराने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल पर दबाब बनाने के लिए “आप” पार्टी द्वारा पांच सवाल दागे गए हैं
उपराज्यपाल श्री नजीब जंग ने 4 सितंबर को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा को न्यौता देने की अनुमति मांगी है जिसका कांग्रेस और “आप” विरोध करती आ रही हैं |
“आप” पार्टी का कहना है कि उपराज्यपाल का राष्ट्रपति को पत्र लिखना बहुत ही गंभीर घटना है और उपराज्यपाल के इस कदम की संवैधानिक वैद्यता पर कई जटिल सवाल उठ खड़े होते हैं। इस पूरी कवायद में नैतिकता की कमी भी दिखती है।राष्ट्रपति को लिखे पत्र पर उपराज्यपाल के चुप्पी साधने और दिल्ली में संविधान का हनन करने की कोशिशों पर केंद्र सरकार द्वारा अपनी आंखे बंद करने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताजा हालात के मद्देनजर उपराज्यपाल से अपेक्षित कुछ जटिल सवालों को सार्वजनिक करने का फैसला किया है।
विधायकों को रिश्वत देने के बीजेपी के प्रयासों के तमाम सबूत संबंधित अधिकारियों को सौंपे जाने के उपरान्त आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल से पांच सवाल पूछे हैं
[1]माननीय उपराज्यपाल महोदय, क्या यह एक महज संयोग है कि आप दिल्ली में हर कीमत पर बीजेपी की सरकार बनवाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि 12 दिसंबर को भाजपा विधायक दल के नेता डा. हर्षवर्धन लिखित में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बहुमत न होने के कारण वो विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे, तो क्या अब भाजपा अपने स्टैंड से पलट गई है?
[2] आप बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करने से क्यों छूट दे रहे हैं
[3] पिछले वर्ष दिसंबर में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बननी थी तो आपने समर्थन पत्र पर जोर दिया था। आम आदमी पार्टी द्वारा 36 विधायकों का समर्थन पत्र दिए जाने के बाद ही आपने सरकार बनाने की अनुमति दी थी। वही मानदंड आज बीजेपी के लिए क्यों नही?
[4]इस वर्ष फऱवरी में जब अरविंद केजरीवाल ने सरकार से इस्तीफा दिया था तब भी बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी थी। तब आपने बीजेपी को न्योता क्यों नहीं दिया ?
[5] संवैधानिक पद पर आसीन होते हुए आप कैसे असंवैधानिक तरीके से सरकार गठन की अनुमति दे सकते हैं जबकि इस मामले में हम आपको अहम सबूत पहले ही सौंप चुके हैं ?

डॉ हर्षवर्धन का डॉक्टरों से गांवों+पहाड़ी इलाकों में छुट्टियां मनाने और मरीजों की सेवा का आह्वाहन

[नई दिल्ली ]डॉ हर्षवर्धन ने डॉक्टरों से लीक से हटकर गांवों+पहाड़ी इलाकों में मरीजों की सेवा करने का आह्वाहन किया केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हषर्वर्धन ने देश की स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों से ‘लीक से हटकर सोचने’ को कहा और अपील की कि वह कम से कम एक छोटी समयावधि देश के गांवों एवं पहाड़ी इलाकों में मरीजों की सेवा में बिताएं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने चिकित्‍सकों से ‘अवकाश के दिन काम’ करने की मार्मिक अपील की
डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने सिमुलेशन को चिकित्‍सा की पढ़ाई में साधन के तौर पर अपनाने को कहा
केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मेडिकल कॉलेजों के प्राध्‍यापकों से सिमुलेशन को प्रशिक्षण के एक साधन के तौर पर अपनाने की अपील की है। व्‍याख्‍यान और प्रयोगों के जरिए चिकित्‍सा शिक्षा और समस्‍या आधारित पढ़ाई के बीच पुल के तौर पर इसके महत्‍व को पूरी दुनिया में स्‍वीकार किया जा रहा है।
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने आज यहां सोसायटी ऑफ कार्डिएक-अनेस्थिसियोलॉजी के पांचवें वार्षिक सम्‍मेलन का उदघाटन करते हुए कहा, ‘हम पुराने पड़ चुके चिकित्‍सा पाठ्यक्रम नहीं चाहते हैं।
हमारे चिकित्‍सकों ने 20वीं शताब्‍दी के दौरान दुनियाभर में अपना लोहा मनवाया है। इस प्रतिष्‍ठा को बनाए रखने के लिए हमारे चिकित्‍सा शिक्षा नियोजकों को समय के साथ बदल जाना चाहिए।
उन्‍होंने यह स्‍वीकार किया कि ‘वयस्‍क’ सिमुलेशन उपकरण काफी मंहगे हो सकते है इसलिए कुछ ही संस्‍थान इन्‍हें खरीद सकते है। वैसे, बच्‍चों के लिए इस प्रकार के उपकरण विकसित किये जा रहे है। सिमुलेशन मैनिक्‍वीन (पुतला) जैसे कम कीमत के विकल्‍प भी हैं। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए सरकार सहायक योजनाओं के जरिए चरणबद्ध तरीके से कदम बढ़ा सकती है।
मंत्री ने अपने संबोधन में देश में एनेस्‍टेसटीक विशेषज्ञों की भारी कमी के बारे में भी बताया। उन्‍होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इसके कारण शि‍शु और मातृ मृत्‍यु दर अधिक है। उन्‍होंने कहा कि प्रशिक्षित एनेस्‍थीस्ट की अनुपस्थिति में सिजेरियन तरीके से बच्‍चों का जन्‍म असंभव है। उनका मानना है कि चिकित्‍सक परंपरागत तरीकों को छोड़कर महत्‍वपूर्ण उपाय सुझाएं। डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने कहा कि इतने बड़े स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र की समस्‍याओं के लिए असाधारण समाधान की जरूरत है।
इस संदर्भ में उन्‍होंने देश के पहाड़ी राज्‍यों की समस्‍या के बारे में बताया जहां राज्‍य सरकारों को लोगों के लिए दूसरी और चौथी स्‍तर की देखभाल उपलब्‍ध करवाने में परेशानियों का सामना करना पडता है। उन्‍होंने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्‍सकों द्वारा अवकाश के दिन काम करने से इस समस्‍या से निपटा जा सकता है।
डॉक्‍टर हर्षवर्धन ने बताया कि उनकी हाल की मसूरी यात्रा के दौरान उन्‍हें पहाड़ी क्षेत्रों में सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली में खामियों के बारे में पता चला। हालांकि मसूरी उत्‍तरी भारत के सबसे महत्‍वपूर्ण पर्यटक स्‍थलों में से एक है, इसके बावजूद स्‍थानीय लोगों के लिए यहां केवल दो छोटे सरकारी अस्‍पताल हैं जहां कुछ ही प्रशिक्षि‍त चिकित्‍सक हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्‍सकों के अभाव में कई लोगों की मृत्‍यु हो जाती है। इस समस्‍या के समाधान के लिए परंपरागत तरीकों को छोड़कर नए उपाय करने चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने विशेषज्ञ चिकित्‍सकों से आग्रह किया कि वे राज्‍य सरकार के मेहमान के तौर पर पहाड़ों का दौरा करें। विश्राम करने के साथ-साथ वे हृदय रोग, स्‍त्री रोग, स्‍नायु विशेषज्ञ के तौर पर स्‍थानीय लोगों को अपनी सेवाएं दे सकते हैं और अपने परिवार के साथ राज्‍य सरकार की मेहमाननवाजी का मजा भी ले सकते हैं। उन्‍हें इसे अपनी सेवा में विस्‍तार के रूप में देखना चाहिए।
मंत्री महोदय ने कहा कि वे जल्‍द ही इस बारे में राज्‍य सरकारों को सुझाव देगें। उन्‍होंने कहा कि एक अस्‍पताल खोलने से बड़ी चुनौती जरूरत के समय उन अस्‍पतालों में लोगों का पहुंचना है।
इस सम्‍मेलन में देश-विदेश के चिकित्‍सा क्षेत्र के जाने-माने व्‍यक्ति उपस्थित थे। इनमें मेडिसन और कार्डियो वास्‍कूलर रोग के प्रोफेसर डॉक्‍टर नवीन सी नंदा, एनेस्‍थीसियोलाजी के प्रोफेसर, मिनेसोटा विश्‍वविद्यालय यूएसए के डॉक्‍टर कुमार बेलानी, फोर्टिस हेल्‍थ केयर के डॉक्‍टर बिष्‍नु पाणीग्रही, कार्डियोला‍जिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष, डॉक्‍टर एचके चोपड़ा, सीमेलेशन सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर यतिन मेहता, सम्‍मेलन की आयोजन सचिव डॉक्‍टर पूनम मल्‍होत्रा और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान के निदेशक डॉक्‍टर एम सी मिश्रा शामिल हों।
फाइल फोटो

मोदी भापे CGHS को पैसे देने वाले लाभार्थियों के वयस्क हो चुके आश्रितों की भी सोचो

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां !ओये हसाडे सोणे हेल्थ मिनिस्टर डॉ हर्षवर्धन ने तो खाली हथेली पर सरसों उगा के दिखा दी ओये अब दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को निशुल्क चिकित्सीय परामर्श दिए जायेंगे |इसके लिए दिल्ली में सी जी एच एस के २० वेलनेस सेंटर खोले जायेंगे |ओये तुझेकुछ पता भी है? दिल्ली में चिकत्सीय परामर्श के लिए भी १०००/= तक की फीस देनी पड़ती है |अब बुजुर्गों को फ्री में यह सुविधा मिलेगी
इसे कहते हैं जहाँ चाह वहां राह |एक तरफ तो सी जी एच एस को क्लोज डोर नीति के आरोपों से छुटकारा मिल जायेगा दुसरे दिल्ली वासियों को बढ़ी राहत मिलजाएगी

झल्ला

भापा जी CGHS को पैसे देने वाले लाभार्थियों के वयस्क हो चुके आश्रितों की भी सोचो
ऐ [A]से लेकर टी [T] तक अल्फाबेट्स वाले शहरों में ये सी जी एच एस है और दिल्ली में भी इस के लाभार्थियों के आश्रित हैं लेकिन उनकी आयु बढ़ते ही उन्हें सुविधा से वंचित कर दिया जाता है जबकि केंद्रीय सरकार के कर्मी हर महीने मोटी कटौती करवाते हैं |यहाँ तक के रिटायरमेंट के बाद भी पूरे जीवन भर के लिए एक मुश्त रकम जाम करवाई जाती है उसके बावजूद आप के द्वारा पायलट प्रोजेक्ट की आड़ में ओनली दिल्ली में यह सुविधा लागू की गई है जाहिर हैं इसे दिल्ली में सरकार बनाने के लिए पर्याप्त आधार के लिए तैयारी ही कहा जाएगा |अर्थार्त पैसा केंद्रीय सरकार के कर्मियों की जेब से और मशहूरी आपकी कंपनी की