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एल के अडवाणी के ब्लॉग से : आपातकालीन ज्यातियों पर शाह कमीशन की रिपोर्ट पुनः प्रकाशित

शाह कमीशन की रिपोर्ट पुनः प्रकाशित

एन डी ऐ के सर्वोच्च नेता एल के आडवाणी ने अपने ब्लॉग में कांग्रेस को घेरते हुए कहा है कि आपातकालीन ज्यातियों की जाँच करने वाले शाह कमीशन की रिपोर्टों को इमरजेंसी के बाद पुनः सत्ता में आई श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा जला दिया गया |
इमरजेंसी के बाद मोरारजी देसाई के न्रेत्त्व में जनता पार्टी की सरकार बनी जिसने इमरजेंसी कल की ज्यातियों की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जस्टिस जे सी शाह की न्युक्ति की गई| पूरे देश में हुई ज्यातियों कि जांच करना कोई आसान काम नहीं था फिर भी जस्टिस शाह ने तीसरी और फायनल रिपोर्ट[८/१९७८] सौंप दी|इस रिपोर्ट में इमरजेंसी के दौरान श्रीमति इंदिरा गांधी और उनके पुत्र[अब स्वर्गीय]संजय गांधी और उनके सहयोगियों की कारगुजारियों का उल्लेख किया गया था| |

शाह कमीशन रिपोर्ट लॉस्ट एंड फ़ाउंड[Shah Commission Report: Lost and Regained”] का चेन्नई में लोकार्पण


१९८० में कांग्रेस पुनः सत्ता में आ गई| श्रीमति इंदिरा गाँधी की सरकार ने शाह कमीशन की सभी प्रकाशित रिपोर्टों को नष्ट कराना शुरू कर दिया| इसीके फल स्वरुप अब माना जा रहा है कि शाह कमीशन की कोई भी रिपोर्ट देश में उपलब्ध नहीं है|वास्तव में शाह कमीशन की तीसरी और फायनल रिपोर्ट की एक प्रति किसी तरह से लीक होकर आस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय पुस्तकालय में पहुंच गई |
इसके बाद मेरे [आडवाणी] मित्र और डी एम् के संस्थापक अन्ना दुर्रईके फालोअर आस्ट्रेलिया के वरिष्ठ पार्लियामेंतेरियन एरा सेज्हियं [ Era Sezhiyan] ने स्वयम इस रिपोर्ट को निजी तौर पर पुनः प्रकाशित करवाने का निर्णय लिया|
“ इसके फलस्वरूप उन्हें [आडवाणी]शाह कमीशन रिपोर्ट लॉस्ट एंड फ़ाउंड[Shah Commission Report: Lost and Regained”] का चेन्नई में लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला

अमिताभ बच्चन के जन्म दिन पर नए आए तो बहुत मगर कुछ पुराने अनुपस्थित भी रहे

एक साथ तीन पिडिओं के चहेते अमिताभ बच्चन ने अपना ७० वाँ जन्म दिन मनाया धूम धाम से मनाया सो हमारी तरफ से भी ढेरों बधाईयाँ | ४० साल के फ़िल्मी सफ़र में अमिताभ ने अनेकों बदलावों का सामना किया है| सफलता की अनेक उठती गिरती लहरों में अपना वजूद बनाया है |इस सफ़र में अनेक रिश्ते बने +दोस्त बने तो कई रिश्ते या दोस्त बिगड़ भी गए |जो कभी अमिताभ से खफा थे आज अमिताभ की पार्टी में सपरिवार उपस्थित थे लेकिन जिन लोगों ने कभी अमिताभ को सहयोग दिया सहारा दिया सफलता के लिए सीडी प्रदान की ऐसे लोग पार्टी से नदारद थे अनुपस्थित थे या फिर बुलाये ही नहीं गए थे|
सबसे पहले अमिताभ और गांधी परिवार के रिश्तों की बात की जाये |यह जग जाहिर है कि फिल्मो में करियर शुरू करने और अमिताभ को ऊपर उठाने में कांग्रेस का बहुत बड़ा हाथ रहा है|इमरजेंसी के दौर में तो इनके कहने पर फिल्मो को बैन करके इनकी फिल्मो को रिलीज करवाया जाता था|शोले इसका एक उदहारण हो सकता है|विद्याचरण शुक्ल और संजय गाँधी ने सभी रुकावटों को दर किनार करते हुए अपराध प्रधान मार धाड़ वाली शोले रिलीज करवाई | बाद में यह फिल्म सफलता का इतिहास लिख गई| इसके बाद देश में अपराध प्रधान फिल्मो की लाईन ही लग गई| इनके कांग्रेस से रिश्तों के सम्मोहन में उस समय के सहयोगी कलाकार धर्मेन्द्र+राजेश खन्ना +विनोद खन्ना+शशि कपूर+शत्रुघन सिन्हा+आदि के मुकाबिले इनके रोल्स में जान डाली जाने लगी बड़े बड़े निर्देशक और निर्माता इन पर दावं लगाने लग गए |मल्टी स्टारर फिल्मो की सफलता से लगातार बुलंदियों को छूते चले गए| कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनने का अवसर भी मिला |इलाहाबाद से एच एन बहुगुणा को हरा कर कर राजीव गांधी के हाथ भी मजबूत किये|
लेकिन आश्चर्यजनक रूप से जब राजीव और बाद में उनकी विधवा को सहायता की जरुरत थी तब अमिताभ का कंधा शायद कहीं दिखाई नहीं दिया|बोफोर्स के समय तो अमिताभ स्वयम ही पोलिटिक्स छोड़ कर अलग जा खड़े हुए |राजीव की शहादत के बाद उनकी अंत्येष्टि पर दिखाई जरुर दिए मगर प्रियंका गांधी की शादी के बाद दूरी बड़ती गई आज गांधी परिवार का कोई सदस्य [यदि में गलत नहीं हूँ तो]जन्म दिन के जश्न में शामिल नहीं था|

अमिताभ बच्चन के जन्म दिन पर नए आए तो बहुत मगर कुछ पुराने अनुपस्थित भी रहे


दूसरे नंबर पर ठाकुर अमर सिंह की अनुपस्थिति भी खलने वाली है|विशेष तौर पर जब मुह बौले छोटे भाई अमर सिंह अपने बड़े भाई को उनके जन्म दिन पर उपेक्षित करने का तंज़ मीडिया के माध्यम से उपहारमें दें तब यह चौंकाने वाला बन जाता है|सर्व विदित है कि अमिताभ के जीवन में एक दौर ऐसा आया जब उनकी कम्पनी ऐ बी सी फ्लाप हो गई बुरी तरह से कर्ज़ में डूब गए तब अमर सिंह उनकी डूबती नैय्या के खेवन हार बने और उसे पार लगाया |यह स्वयम अमिताभ ने स्वीकार भी किया है कि यदि अमर सिंह नहीं होते तब महानायक मुम्बई में टैक्सी चला रहा होता|
कल तक शत्रुघन सिन्हा जो पानी पी पी कर अमिताभ के प्रति अपनी भडास निकाला करते थे आज इस जन्म दिन के जश्न में शामिल थे|संभवत अमर सिंह के कारण नज़दीक आये मुलायम सिंह यादव भी परिवार के साथ दिखाई दिए|
वैसे तो युवा पीड़ी के र्हितिक रोशन+सलमान खान+आमिर खान+विवेक ओबेरॉय+बिपाशा आदि भी दिखाई नहीं दिए लेकिन इनके लिए अमिताभ से ज्यादा उनके बच्चो के रिश्ते के विषय में चर्चा की जाने चाहिए|गांधी परिवार तो अमिताभ के लिए राजा था सो रिश्ते बनाने के लिए इन्होने स्वयम को रंक कहा था मगर अमर सिंह के केस में तो ये स्वयम राजा है सो रिश्ते या सम्बन्ध बनाने में इनकी पहल ही देखी जायेगी|