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Tag: स्वामी शिव दयाल सिंह जी महाराज

इस मानव चोले से सचखंड में पहुंचा दीजिये: चौबीसों घंटे आपके चरणों पर वारी जाऊँगी

अब मैं कौन कुमति उरझानी । देश पराया भई हूँ बिगानी ।
अब की बार मोहिं लेव सुधारी । मैं चरनन पर निस दिन वारी

भाव : इस शब्द में स्वामी जी महाराज आत्मा की प्रार्थना परमात्मा तक पहुंचा रहे हैं । आत्मा पुकार रही है कि इस समय मैं किस अज्ञान में उलझ गई हूँ ? इस वक्त मैं ऐसी अवस्था में हूँ कि अपनी उलझन सुलझा नहीं सकती । यह देश मेरा है ही नहीं , यह तो पराया देश है और मैं इसमें एक परदेसी हूँ , एक अनाथ की तरह हूँ । इस बार आप मुझे सुधार दीजिये । इस बार आपने मुझे जो योनि दी है अर्थात जो ये मानव चोला दिया है , इस जिंदगी में ही मुझे इस जेलखाने से अलग कर दीजिये , इससे मुझे हटाकर सचखंड तक पहुंचा दीजिये । मैं आपका उपकार नहीं भूलूंगी । चौबीसों घंटे आपके चरणों पर वारी जाऊँगी , न्यौछावर रहूंगी ।
स्वामी शिव दयाल सिंह जी महाराज
प्रस्तुती राकेश खुराना