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बीते १५ जनरल इलेक्शनों में कैंडिडेट्स अगर चार गुना बढे तो जमानत जब्त कराने वाले दोगुना हो गए

बीते १५ जनरल इलेक्शनों में कैंडिडेट्स की कुल संख्या अगर चार गुना बढ़ी है तो जमानत जब्त कराने वाले भी दोगुना हो गए चुनाव लड़ने में जमानत का जब्‍त होना बाधक नहीं शायद इसीलिए जहां प्रत्याशियों की संख्या बढ़ रही हैं वहीँ जमानत जब्त कराने वाले प्रतियाशियों का ग्राफ भी ऊपर होता जा रहा है इस दिशा में राष्ट्रीय दलों के अनेकों प्रत्याशियों की भी जमानत जब्त हो रही हैं लेकिन अन्य दलों की सूची वाले दलों की स्थिति कुछ ज्यादा खराब है जमानत के जब्‍त होने को अक्‍सर अपमानजनक समझा जाता है लेकिन हार कर भी अपनी जमानत बचा ले जाने वाले प्रत्याशियों के लिए यह फेस सेविंग भी होती है |
चुनाव में कौन जीतता है और कौन दूसरे नम्‍बर पर रहता है, इस बात के अलावा जो बात लोगों को दिलचस्‍प लगती है वह है कि कितने प्रत्‍याशी अपनी जमानत बचा सके। यदि प्रत्‍याशी अपनी जमानत बचा लेते हैं तो यह भी उनके लिए गर्व की बात मानी जाती है, जबकि जमानत के जब्‍त होने को अक्‍सर अपमानजनक समझा जाता है। भारत के निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार यदि प्रत्‍याशी मतदान के कुल वैध मतों के कम से कम छठे भाग के बराबर मत प्राप्‍त करने में विफल रहता है तो उसकी जमानत की राशि सरकारी खजाने में जमा हो जाती है।इसी को जमानत जब्त होना कहा जाता है
1951-52 के पहले लोकसभा चुनाव में लगभग 40 % अर्थात् 1874 उम्‍मीदवारों में से 745 प्रत्‍याशियों की जमानत जब्‍त हो गई। तब से लगभग सभी लोकसभा चुनावों में जमानत के जब्‍त होने की संख्‍या बढ़ती गई। जमानत जब्‍त होने वालों की संख्‍या 1996 में हुए 11वीं लोकसभा के चुनावों में सबसे अधिक रही। उस समय 13952 प्रत्‍याशियों में से 12688 प्रत्‍याशियों अर्थात् 91 % उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई।
इस चुनाव में लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले उम्‍मीदवारों की संख्‍या भी सबसे अधिक थी। इस संदर्भ में 2009 में हुआ पिछला लोकसभा चुनाव भी प्रत्‍याशियों के लिए अधिक अच्‍छा नहीं रहा। इसमें भी 85 प्रत्‍याशियों की जमानतें जब्‍त हो गईं। प्रतिशत की दृष्टि से जमानत जब्‍त होने के मामलों में 1996 के चुनावों में 91 % और 1991 के चुनावों में 86 % के बाद जमानत जब्‍त होने वालों का यह तीसरा सबसे बड़ा चुनाव था। इससे यह भी पता चलता है कि जमानत का जब्‍त होना चुनाव लड़ने में कभी बाधक नहीं रहा है।
राष्‍ट्रीय दलों का रिकार्ड ,अन्य दलों के मुकाबिले, जमानत बचाने में बेहतर रहा हैं। 1951-52 में हुए पहले चुनावों में राष्‍ट्रीय दलों के 1217 उम्‍मीदवारों में से 344 अर्थात् 28 % प्रत्‍‍याशियों की जमानतें जब्‍त हुई। 1957 में हुए अगले चुनावों में स्थिति में सुधार हुआ। इस समय 919 प्रत्‍याशियों में से केवल 130 प्रत्‍याशियों अर्थात् 14 %उम्मीदवारों की जमानत जब्‍त हुई। 1977 के आम चुनावों में राष्‍ट्रीय दलों का निष्‍पादन सर्वोत्‍तम रहा। इन चुनावों में 1060 प्रत्‍याशियों में से केवल 100 प्रत्‍याशी अर्थात 9 % की जमानत जब्‍त हुई। तुलनात्‍मक दृष्टि से 2009 का आम चुनाव राष्‍ट्रीय पार्टियों के प्रत्‍याशियों के लिए उतने अच्‍छे नहीं रहे क्‍योंकि इसमें लगभग हर दूसरे प्रत्‍याशी की जमानत जब्‍त हो गई। 2009 में राष्‍ट्रीय दलों के 1623 प्रत्‍याशियों में से 779 उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई। राष्‍ट्रीय दलों के प्रत्‍याशियों की स्थिति 11वीं लोकसभा के चुनावों में सबसे अधिक खराब रही। यहां 1817 प्रत्‍याशियों में से 897 अर्थात् 49 % प्रत्‍याशियों की जमानतें जब्‍त हो गईं।
[१] वर्ष1952
प्रत्‍याशी=====जमानत जब्‍त===प्रतिशत======================राष्‍ट्रीय दल अन्‍य
१८७४=======७४५==========४०%===============१२१७======३४४======२८%===========६५७======४०१=======६१%
[२]वर्ष1957
१५१९======४९४===========३३%=================९१९======१३०=======१४%============६००======३६४========६१%
[३]वर्ष
१९६२==
१९८५=====८५६===========४३%=================१२६९=======३६२======२९%============७१६======४९४========६९%
[४]वर्ष1967
२३६९====१२०३===========५१%=================१३४२=======३९०======२९%===========१०२७=======८१३========७९%
[५]वर्ष१९७१
२७८४===१७०७============६१5=================१२२३=======३५९======२९%===========१५६१======१३४८========८६%
[६]वर्ष१९७७==
२४३९===१३५६============५६5================१०६०========१००=======९%============१३७९======१२५६=======९१%
[७]वर्ष1980
४६२९====३४१७=============७४%==================१५४१======४४४=======२९%==========३०८८=======२९७३=======९६%
[८] वर्ष1984-85
५४९२====४३८२=============८०%==================१३०७======३८७=======३०%==========४१८५========३९९५======९५%
[९]वर्ष1989
६१६०====५००३=============८१%=================१३७८=======४२१=======३१%==========४७८२=======४५८२=======९६%
[१०]वर्ष1991-92
८७४९======७५३९=============८६%==================१८५५======८४०=======४५%==========६८९४=======६६९९========९७%
[११]वर्ष1996
१३९५२===१२६८८=============९१%=================१८१७========८९७=======४९%=========१२१३५=======११७९१========९७%
[१२]वर्ष1998
४७५०====३४८६==============७३%================१४९३=========६३७=======४३5=========३२५७========२८४९========८७%
[१३]वर्ष1999
४६४८====३४००==============७३%================१२९९==========४३७=======३४5========३३४९=========२९६३=======८८%
[१४]वर्ष 2004
५४३५====४२१८===============७८%=================१३५१==========५४१=======४०%========४०८४========३६७७=======९०%
[१५]वर्ष 2009
८०७०==६८२९===============८५%==================१६२३========७७९========= ४८% =====६४४७==========६०५०=======९४%=
कर्टसी भारतीय निर्वाचन आयोग

मणिपुर+मेघालय+अरुणाचल प्रदेशकी छह सीटों केलिए ९+१७ अप्रैल को सवाचालीस लाख वोटर्स वोट डालेंगे

मणिपुर[२] +मेघालय[२]+अरुणाचल प्रदेश[२] में १६ वी लोक सभा की ( ६) सीटों के लिए अप्रैल के दो दिनों में [९+१७+ ] सवा चालीस लाख (१७३९००५+७३५१९६+१५५३०२८) मतदाता अपने मताधिकारों का प्रयोग करेंगे |
[1] मणिपुर में [दो] संसदीय चुनाव क्षेत्रों में दो दिन वोट डाले जाएंगे। मतदान के दिन हैं 9 अप्रैल और 17 अप्रैल 2014 । ये मतदान 2,662 केंद्रों पर होगा जो 2,057 स्‍थानों पर हैं। राज्‍य में कुल 17,39,005 मतदाता हैं, जिसमें 15 जनवरी 2014, की तरह 18.86 %18 से 25 वर्ष आयु वर्ग वाले हैं। महिला मतदाताओं की संख्‍या का अंश 50.95 % है। २००९ में हुए आम चुनावों में यहाँ से ७७.१४%वोट डाले गए थे|
[2]अरुणाचल प्रदेश के [दो] संसदीय क्षेत्रों में 09 अप्रैल 2014 को मतदान होगा। चुनाव के लिए 2158 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। राज्य में 11 फरवरी 2014 तक 7,35,196 मतदाता पंजीकृत हैं। जिसमें से 17 % की आयु 18-25 साल के बीच है। महिला मतदाताओं की संख्या कुल 50.09 % है। राज्य में उम्मीदवार अधिकतम 54 लाख रुपये चुनाव प्रचार के लिए खर्च कर सकते हैं।
[3]मेघालय की [२] संसदीय सीटों के लिए मात्र एक दिन April 9, 2014. को पोलिंग कराई जायेगी| 2,562 पोलिंग स्टेशन हैं 2,165 पोलिंग स्टेशन लोकशंस होंगी . 15,53,028 मतदाता हैं और 28th जनुअरी 2014, तक 22.62% 18–25 वर्ष आयु के मतदाता हैं जबकि महिलाओं का प्रतिशत 50.43%. है २००९ में यहाँ =64.३८% मत डाले गए थे |
[४]त्रिपुरा चुनाव से जुड़े तथ्य
आगामी लोकसभा (16वीं) के आम चुनाव में त्रिपुरा की दो लोकसभा सीटों के लिए मतदान 07 और 12 अप्रैल 2014 को होगा। इनके लिए मतदान क्रमश: 3,095 और 2,283 मतदान केंद्रों पर कराया जाएगा।
07 फरवरी 2014 तक राज्य के कुल 23,79,541 मतदाताओं में से 17.9 प्रतिशत 18-25 आयु वर्ग के हैं और महिलाओं की संख्या 49.04 प्रतिशत है। राज्य में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में प्रति उम्मीदवार चुनावी खर्च की सीमा अधिकतम 70 लाख रुपये है।२००९ के आम चुनावों में ८४.४५% वोट डाले गए थे