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१९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

जस्टिस फार विक्टिम्स की प्रमुख बीबी निरप्रीत कौर ने आज १९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों के साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर धरना +प्रदर्शन किया और सरना का पुतला फूँका|

 १९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

१९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

पंजाबी बाग़ रिंग रोड पर सरना का पुतला फूंकते समय ट्रेफिक जाम की स्थिति रही|इस अवसर पर बीबी निरप्रीत कौर ने कहा कि १९८४ में सिखों ने संताप झेला है इसका न्याय नहीं मिला है २९ साल बाद इसके जख्म आज भी ज़िंदा हैं| उन्होंने बताया कि न्याय तो दूर रहा पीड़ितों की यादगार बनाने के लिए दिल्ली कि सरकार ने जमीन तक देने से इनकार का दिया|इस कारण अब गुरुद्वारा रकाब गंज परिसर में मेमोरियल बनाने का निर्णय लिया गया है तो पूर्व अध्यक्ष सरना अपने राजनीतिक फायदे के लिए ना केवल इसका विरोध कर रहे हैं वरन कांग्रेस सरकार के इशारों पर उच्च नयायालय में गलत हलफ नाम तक डाल रहे हैं| सरना ने कहा है कि १९८४ के दंगों को सिख भूल चुके हैं और सिखों को शहीद का दर्जा नही दिया गया है|
इस पर प्रति प्रश्न उठाते हुए कौर ने पूछा है कि अगर १९८४ के कत्लेआम में मारे गए सिख शहीद नही थे तो क्या सरना के दामाद[पोंटी चड्डा] शहीद हैं जो सारी उम्र शराब का व्यवसाय करते रहे और पारिवारिक संपत्ति के विवाद में मारे गए|