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छिटकी”हजका”को कांग्रेस की”बी” टीम बता भाजपा अब हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ेगी

भारतीय जनता पार्टी[भाजपा] से हरियाणा जनहित कांग्रेस[ हजका ] छिटक गई है अब दोनों में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का सियासी खेल शुरू हो गया है| हजका के कुलदीप बिश्नोई पर कांग्रेस को बैक डोर से मदद पहुँचाने के आरोप भी लगाये गए हैं| जबकि बिश्नोई ने भाजपा को धोखेबाज पार्टी बताया |
लोक सभा चुनावों में मिली भारी सफलता से उत्साहित भाजपा ने अब हरियाणा विधान सभा के चुनाव अकेले चुनाव लड़ने की घोष्ाण कर दी है| तीन साल पुराने इस गठबंधन के टूटने पर शाहनवाज हुसैन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सफाई दी है|
श्री हुसैन ने बताया कि भाजपा ने हमेशा से गठबंधन दलों का सम्मान किया है साथ ही, गठबंधन की समर्थक रही है।
हरियाणा में जनभावना के अनुरूप व्यावहारिक समझौते का प्रयास किया।
वहां हम 8 सीटों पर चुनाव लड़े जिसमें 7 सीटों पर सफलता मिली। वहीं दूसरी ओर, हरियाणा जनहित कांग्रेस 2 सीटों पर चुनाव लड़ी और दोनों पर उन्हें शिकस्त मिली।
हरियाणा की जनता ने 8 में 7 सीटों पर हमें जनादेश दिया। और इसी जनादेश के अनुपात में हरियाणा के विकास के लिए हमारा प्रयास लगातार जारी रहा। लेकिन दुर्भाग्य से हजका प्रमुख कुलदीप बिश्नोई जी ने हरियाणा की जनभावनाओं का सम्मान न करते हुए हजका-भाजपा का गठबंधन तोड़ा दिया।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हरियाणा में परिवर्तन की जो लहर चल रही है, उसमें कहीं न कहीं सेंध लगाने की कोशिश कुलदीप बिश्नोई जी कर रहे हैं। भाजपा से गठबंधन तोड़कर बिश्नोई जी हरियाणा में कांग्रेस की ‘बी’ टीम के रूप में काम करेंगे और मुख्यमंत्री हुड्डा जी को फायदा पहुंचाने की कोशिश करेंगे। साथ ही, हरियाणा की जनता में वर्तमान कांग्रेस सरकार के खिलाफ जो आक्रोश है, आक्रोश के रूप में जो परिवर्तन का वोट है, उसे बांटने की कोशिश करेंगे। लेकिन हरियाणा की जनता बदलाव के लिए तैयार है। हरियाणा में वोट काटने का जो षडयंत्र चल रहा है, उसे हरियाण की जनता कभी सफल नहीं होने देगी।
उधर कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा से गठबंधन को तोड़ने की सूचना देते हुए भाजपा को धोखेबाज बताया उन्होंने बताया कि वर्तमान में कांग्रेस से आये पांच उम्मीदवारों को भाजपा ने शरण दी है
जानकारों का मानना है कि कुलदीप बिश्नोई हरयाणा में चीफ मिनिस्टर के रूप में प्रोजेक्ट होना चाहते थे और आधी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन अमित शाह कोई लिबर्टी देने को तैयार नहीं थे इसीलिए मीटिंग की रिक्वेस्ट को भी टालते रहे|इसीलिए तीन पुराना यह गठबंधन चुनावों से पहले ही टूट गया