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चंडीगढ़ के समीप बेशकीमती जमीन के राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी का पर्दाफाश

(चंडीगढ़)चंडीगढ़ के समीप बेशकीमती जमीन के राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी का पर्दाफाश
पंजाब विजीलैेंस ब्यूरो ने चंडीगढ़ के साथ लगते एस.ए.एस. नगर जिले के गाँवों की बेशकीमती जमीन पर लैंड माफिया के द्वारा राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत के द्वारा राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करके कब्जा करने या लाभ कमाने के लिए किये बड़े घपले का पर्दाफाश किया है। इस सम्बन्धी चार राजस्व अधिकारियों समेत सात प्राईवेट व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके चार दोषियों
इकबाल सिंह पटवारी समेत प्राईवेट व्यक्तियों में से
रवीन्द्र सिंह,
परमजीत सिंह और
हँसराज को गिरफ्तार करके तीन दिनों का पुलिस रिमांड ले लिया गया है जबकि बाकी दोषियों की तलाश जारी है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये विजीलैेंस ब्यूरो के मुख्य डायरैक्टर-कम-डी.जी.पी. श्री बी.के. उप्पल ने बताया कि प्रापर्टी डीलरों और भू माफियों के साथ जुड़े कुछ व्यक्तियों ने
गाँव माजरियां, सब तहसील माजरी, जिला एस.ए.एस नगर की जमीन के तक्सीम के इंतकाल मौके पर राजस्व अधिकारी के साथ मिलीभगत के द्वारा राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करके खेवट नंबर में मल्कीयत तबदील की गई और गलत मुखत्यारनामों के द्वारा आम लोग के नाम और तबदील कर दी गई जिससे बड़ा लाभ कमा जा सके। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी नवंबर 2020 में विजीलैेंस ब्यूरो ने इसी इलाके में स्थित गाँव करोरां की बेशकीमती जमीन को ऐसी मिलीभगत के द्वारा मल्कीयत तबदील करके आगे बेचे जाने का पर्दाफाश किया था।
अन्य विवरण देते हुये उन्होंने बताया कि गाँव माजरियां के राजस्व रिकार्ड की जांच के बाद भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7, और आई.पी.सी. की धाराओं 409, 420, 465, 467, 468, 471, 477 -ए, 201, 120-बी के अंतर्गत थाना विजीलैस ब्यूरो, उडऩ दस्ता -1, पंजाब में मुकदमा दर्ज किया गया है जिनमें दोषियों के तौर पर
वरिन्दरपाल सिंह धूत नायब तहसीलदार,
रुपिन्दर सिंह मणकू ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार,
दौलत राम और इकबाल सिंह (दोनों राजस्व पटवारी),
श्याम लाल और हंस राज दोनों वासी गाँव माजरियां (पत्ती गूड़ा) जिला एस.ए.एस. नगर, रब्बी सिंह वासी गाँव करोरां, जिला एस.ए.एस. नगर, धर्म पाल निवासी अमलोह जिला फहेतगढ़ साहिब, सुच्चा राम वासी गाँव कैम्बाला, यू.टी. चंडीगढ़, परमजीत सिंह वासी गाँव हरदासपुरा, जिला पटियाला, रवीन्द्र सिंह गाँव सौढा जिला फतेहगड़ साहिब शामिल हैं।
श्री उप्पल ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि गाँव माजरियां हसबसत नंबर 343 के राजस्व रिकार्ड की जमाबंदी साल 1983-1984 में गाँव माजरियां के कुल क्षेत्रफल में से तकरीबन 29,000 कनाल जमीन शामलात दिखाई गई थी। साल 1991 में यह जमीन चकबंदी अफसर के हुक्मों अनुसार इंतकाल नंबर 2026 तारीख 07.05.1991 के द्वारा इसकी मल्कीयत आम लोगों के नाम पर तबदील की गई। इस जमीन में से 7113 कनाल क्षेत्रफल की तक्सीम इंतकाल नंबर 3159, तारीख 21.05.2004 के द्वारा किया जाना पाया गया है। जांच के दौरान पाया गया है कि उक्त तक्सीम के इंतकाल नंबर 3159 में छेड़छाड़ करके 14 व्यक्तियों के नाम फर्जी दर्ज किये और उनके नामों पर तकरीबन 558 एकड़ जमीन लगाई गई है। आगे से इस जमीन को साल 2010-11 में प्रापर्टी डीलर और भू माफिया का काम करने वाले दोषी श्याम लाल और हँसराज दोनों निवासी गाँव माजरियां, जिला एस.ए.एस. नगर, सुच्चा राम निवासी कैम्बवाला (चंडीगड़), ईश्वरीय सिंह निवासी गाँव करोरां, एस.ए.एस नगर और धर्मपाल निवासी अमलोह के द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, जिनमें इकबाल सिंह पटवारी, नायब तहसीलदार रुपिन्दर मणकू आदि शामिल थे, की मदद से साल 2010 -2011 में अपने नामों परन्तु मुखत्यारे आम बनाऐ गए और इन मुखत्यारनामों के द्वारा उपरोक्त जमीन आम व्यक्तियों को बेच दी गई।
उन्होंने यह भी बताया कि इसके अलावा तारीख 18.06.2014 और तारीख 19.06.2014 को केवल 2 दिनों में ही तकरीबन 578 एकड़ जमीन के 10 तबादले फर्जी किये जाने पाये गए जिनके सह दस्तावेजों की पड़त पटवार और पड़त सरकार के साथ यह दस्तावेज, जिनके आधार पर यह तबादले किये गए थे, राजस्व विभाग के रिकार्ड में से खुर्द-बुर्द कर दिए गए। इन फर्जी तबादलों के इंतकाल पटवारी दौलत राम और उस वक्त के नायब तहसीलदार वरिन्दरपाल सिंह धूत के द्वारा तस्दीक किये गए हैं। इन तबादलों के द्वारा फर्जी मल्कीयतें बनाकर बनारसी पुत्र बाबू राम, रवीन्द्र सिंह पुत्र जरनैल सिंह, परमजीत सिंह पुत्र पाल सिंह, श्याम लाल पुत्र कालू राम आदि के द्वारा आम व्यक्तियों को यह जमीनें अलग-अलग वसीकों के द्वारा बेच दी गई।
विजीलैेंस ब्यूरो के प्रमुख ने बताया कि उपरोक्त के अलावा 43 व्यक्तियों का फर्जी तक्सीम केस तैयार करके उसका फैसला दौलत राम पटवारी, वरिन्दरपाल सिंह धूत, नायब तहसीलदार और प्रापर्टी डीलर और भू माफिया श्याम लाल निवासी गूड़ा माजरियां की मिलीभगत से तारीख 20.12.2017 को मंजूर किया जाना पाया गया है। इस फर्जी तक्सीम केस में किसी भी पटीशनर या रिसपोडैंट को कोई सूचना नहीं करवाई गई, न ही किसी वकील का वकालतनामा नत्थी किया गया और अखबार में तारीख 14.04.2014 को छपे एक फर्जी इश्तिहार का प्रयोग किया गया है। इसके बावजूद इस तक्सीम सम्बन्धी इंतकाल नंबर 4895 तारीख 21.12.2017 को फैसले के अगले दिन ही दौलत राम पटवारी के द्वारा दर्ज कर दिया गया है जिसको तारीख 27.12.2017 को नायब तहसीलदार वरिन्दरपाल सिंह धूत के द्वारा मंजूर किया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे जांच जारी है और दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बक्शा जायेगा।

Land Grabbers( Roshni ) in J&K Will be Booked:Dr Jitendra Singh

(Reasi/Samba,JK) All Roshni Scamsters in J&K Will be Booked:Dr Jitendra Singh
Union Minister Jitendra Singh on Monday said those who allegedly illegally occupied lands in Jammu and Kashmir under the so called Roshni scam will be brought to book.
Campaigning for BJP candidates contesting the District Development Council (DDC) elections, Singh cautioned farmers against alleged mischievous propaganda being spread by the opposition parties that the government will take away their agricultural and other land as a consequence of the action taken on the Roshni scam.
“In the coming days to come, all these land grabbers (Roshni scam) will be brought to book and the investigation has already got initiated in several cases,”
Singh said the Roshni scamsters and land grabbers are spreading lies about the newly framed land laws for Jammu and Kashmir and trying to save their illegally occupied land from being retrieved by raising a false alarm of poor man’s land being taken away as a result of the new law.
File Photo

BJP Hits Out Gupkar Leaders Over Roshni Scam in J-K

(New Delhi) BJP Hits Out Gupkar Leaders Over Roshni Scam in J-K
Accusing Congress and National Conference leaders of encroaching large tracts of government and forest land in Jammu and Kashmir, senior BJP leader and Union minister Ravi Shankar Prasad on Tuesday demanded a thorough probe into the alleged ‘Roshni scam’.
He said that names of several top politicians, including NC leader Farooq Abdullah and former state ministers from the Congress and the NC have come to the fore for allegedly benefiting from the Roshni Act, which has since been struck down by the Jammu and Kashmir High Court.
The Jammu and Kashmir State Land (Vesting of Ownership to the Occupants) Act, 2001 is also known as the Roshni Act.
“There was a conscious loot by powerful people of forest land and getting benefits under the Roshni Act, which has been declared unconstitutional by the high court,” Prasad told reporters.
The Union minister said it is the lowest ebb in a democratic polity. “We condemn it outright,”

Karnataka CM Kumaraswamy Gets Acquitted in Land Scam Case

[Bengaluru] Karnataka CM Kumaraswamy Gets Acquitted in Land Scam Case
A special Lokayukta court acquitted Karnataka Chief Minister H D Kumaraswamy today in a case of alleged illegal de-notification of a government land in 2007, when he headed the JD(S)-BJP coalition government.
In his order, judge D B Patil said he did not find any proof to establish Kumaraswamy’s guilt in the case.
Kumaraswamy, who now leads a Congress-Janata Dal (Secular) coalition government, had filed a petition seeking dismissal of the case contending that there was no proof to establish that he had de-notified the land.
Kumaraswamy as the chief minister in October 2007 de-notified 3.8 acres of land in Thanisandra village, which had been acquired by the Bangalore Development Authority for formation of residential sites in Arkavathy Layout.