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नरेंद्र मोदी का भूटान में आगमन पर भव्य स्वागत:अनेको कार्यक्रमों में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर आज सुबह भूटान के पारो अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। उनका स्‍वागत भूटान के प्रधानमंत्री श्री शेरिंग तोबगे ने बेहद गर्मजोशी से किया।
भारतीय प्रधान मंत्री ने सैनिक सलामी समारोह[गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया] का निरीक्षण किया और उसके बाद सड़क मार्ग से थिम्‍पु के लिए प्रस्‍थान किया।

नरेंद्र मोदी भूटान में

नरेंद्र मोदी भूटान में

पारो अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डे और थिम्‍पु के बीच सड़क के दोनों और खड़े हजारों पुरूषों, महिलाओं और बच्‍चों ने श्री नरेन्‍द्र मोदी के स्‍वागत में कतारबद्ध होकर झंडे हिलाए।पी एम ने बच्चों के सर पर हाथ रख कर उन्हें आशीर्वाद भी दिया|
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी आज रविवार को पहली विदेश यात्रा पर भूटान पहुंचे, जहां श्री मोदी इस पड़ोसी देश के साथ ज्यादा प्रभावी सहयोगात्मक संबंध बनाने पर जोर देंगे। प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज+ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल + विदेश सचिव श्रीमती सुजाता सिंह भी हैं। देश की सत्ता संभालने के एक महीने के अंदर ही भूटान की यात्रा करके मोदी ने एक बार फिर से यह सन्देश दिया है कि सार्क देशों से मजबूत सम्बन्ध बनाना उनकी प्राथमिकता होगी |इसीलिए उन्होंने भूटान से अपने विदेश दौरों की शुरुआत की है|
यात्रा पर जाने से पहले पी एम मोदी ने कहा कि भूटान उनकी पहली विदेश यात्रा के लिए स्वाभाविक स्थल था, क्योंकि उसके साथ भारत के अनोखे और विशिष्ट संबंध हैं।
भारतीय प्रधान मंत्री ने सैनिक सलामी समारोह[गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया] का निरीक्षण किया

भारतीय प्रधान मंत्री ने सैनिक सलामी समारोह[गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया] का निरीक्षण किया


अपनी यात्रा से पूर्व श्री मोदी ने कहा कि उनकी यात्रा विकास सहयोग को और भी अधिक प्रभावी बनाने पर केंद्रित होगी।
यात्रा पर रवाना होने से पूर्व मोदी ने अपने बयान में कहा कि भूटान के साथ संबंध उनकी सरकार की महत्वपूर्ण विदेश नीति की प्राथमिकता होगी।उनका यह दौरा भूटान नरेश और भूटानी प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर हो रहा है।
मोदी ने बताया कि उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में भूटान को ही इसीलिए चुना क्योंकि समान हितों और साझा समृद्धि से बंधे भारत और भूटान के बीच विशेष संबंध हैं, यह रिश्ते भूगोल, इतिहास और संस्कृति से बने हैं,
पहली विदेश यात्रा पर निकले पी एम ने कहा, “भूटान और भारत के बीच बेहद खास रिश्ता है, जो वक्त पर खरा उतरा है”
उन्होंने कहा कि भूटान का शांतिपूर्ण एवं सुगम तरीके से लोकतांत्रिक संवैधानिक राष्ट्र के रूप में बदलाव एक सफल कहानी रहा है। उसके गौरवों की बुद्धिमानी पूर्ण दूरदर्शिता के अनुरूप क्रमिक ढंग से इसका चुनाव आयोजन इसके लोकतंत्र के मजबूत होने का साक्ष्य है।श्री मोदी वहां अनेको कार्यक्रमों में भाग लेंगे
[१]भूटान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।
[२] भारत की सहायता वाली परियोजनाओं में से एक भूटान के सुप्रीम कोर्ट की इमारत का भी उद्घाटन करेंगे।
[३] 600 मेगावाट की खोलोंगचू पनबिजली परियोजना की आधारशिला रखेंगे।