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चौ. अजित सिंह ने दिल्ली-हापुड़ और दिल्ली-खुर्जा के बीच प्रस्तावित रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम की मंजूरी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजने के लिए आज उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा

RASTRIY LOK DAL

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रालोद सुप्रीमो और केन्द्रीय नागर विमानन् मंत्री चौ. अजित सिंह ने दिल्ली-हापुड़ और दिल्ली-खुर्जा के बीच प्रस्तावित रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम की मंजूरी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजने के लिए आज उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है |
श्री सिंह द्वारा एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड को उप्र के मथुरा सहित दिल्‍ली के नजदीकी जिलों को एनसीआर में सम्मिलित करने के लिए आवश्‍यक औपचारिक प्रस्‍ताव शीघ्र भेजने के लिए प्रदेश के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा गया है।
श्री अजित सिंह ने कहा है कि उत्‍तर प्रदेश सरकार द्वारा दिल्‍ली के नजदीकी जिलों को एनसीआर में सम्मिलित करने के लिए एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड को कोई औपचारिक प्रस्‍ताव नहीं भेजा गया था। जबकि उनका मानना है कि एनसीआर क्षेत्र में मथुरा से लगे अलीगढ़+ हाथरस+आगरा और मेरठ से लगे मुजफ्फरनगर + शामली जनपद एनसीआर में सम्मिलित किए जाने हेतु हर कसौटी पर खरे उतरते हैं।
रालोद प्रमुख श्री सिंह का दावा है कि उत्‍तर प्रदेश के इन जनपदों के एनसीआर क्षेत्र में सम्मिलित होने से इस क्षेत्र में संयोजकता में सुधार और विकास को गति मिलेगी। इन जनपदों के एनसीआर में सम्मिलित होने से रेपिड रेल ट्रांजिट सिस्‍टम (आरआरटीएस) परियोजनाओं को लागू करने के साथ एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड की अन्‍य विकास योजनाएं जैसे नगरीय क्षेत्र हेतु सीवेज, सौलिड वेस्‍ट मैनेजमेन्‍ट, ड्रेनेज, वाटर सप्‍लाई, पर्यटन संवर्धन, शिक्षा और चिकित्‍सा से जुड़ी विभिन्‍न योजनाओं को लागू किया जा सकेगा।
एनसीआर प्‍लानिंग बोर्ड ने अपनी 01 जुलाई 2013 की बैठक में एनसीआर का दिल्‍ली की सीमा से 150 किमी तक विस्‍तार करते हुए राजस्‍थान और हरियाणा के कुछ जिलों को एनसीआर में सम्मिलित किया था। उत्‍तर प्रदेश के किसी जिले/क्षेत्र को सम्मिलित नहीं किया गया। मथुरा को प्रतीक्षा सूची में रखा गया।क्षेत्र में संयोजकता में सुधार और विकास को गति देने के उद्देश्य से रालोद सुप्रीमो ने उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाब बनाना शुरू कर दिया है| बेशक सी बी आई ने शीर्ष समाजवादी नेताओं को अपनी पकड़ से मुक्ति दे दी है लेकिन रालोद सुप्रीमो अभी कोई छूट देने के मूड में नही दिख रहे|उन्होंने अपने प्रभाव वाले संसदीय छेत्रों में संयोजकता में सुधार और विकास को गति देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाब बनाना शुरू कर दिया है|