चिट फंड कंपनियों द्वारा की जा रही धोखा धडी के मामलों की जाँच की जिम्मेदारी आज केंद्र सरकार ने राज्यों पर डाल दी है| चिट फंड कंपनियों द्वारा की जा रही धोखा धडी [चिट फण्ड एक्ट १९८२ & १९७८ ] के मामलों की जाँच की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है और कंपनी एक्ट १९५६ के उल्लंघन की दोषी कंपनियों की जांच मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स की एजेंसीज द्वारा की जानी है यह जानकारी आज कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्टर सचिन पायलट ने लोक सभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में दी|
गौरतलब है क इ देश अनेकों भागों में दशकों से चिट फण्ड कम्पनियों द्वारा उपभोक्ताओं के साथ धोखा धडी की जा रही है और जाँच के नाम पर मामलों को लटका कर उपभोक्ताओं का उत्पीडन किया जा रहा है| साउथ]गरुडा चिट एंड फाइनेंस + [नार्थ]कुबेर आदि अनेकों ऐसे नाम गिनाये जा रहे हैं|स्थानीय पोलिस और सेबी [ Securities and Exchange Board of India (SEBI), ] द्वारा ऐसी ही ६३ कंपनियों के विरुद्ध चीटिंग और फ्रॉड की जांच की जा रही है |इसके आलावा एस ऍफ़ आई ओ द्वारा भी कम्पनी एक्ट १९५६ के अंतर्गत जांच की जा रही है|
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