मोबाइल फोन की चोरी की एफआईआर दर्ज करना है लाजमी|
देशभर में 900 मिलियन से अधिक सिम/हैंडसेट प्रसार में हैं और यदि कोई संचालक संभावित रूप से इनका दुरुपयोग करता है तो इसे रोकने की जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से भी बनती है। इसके लिए व्यक्ति को मोबाइल हैंडसेट/सिम के खोने ++ इसके दुरुपयोग के मामले में एक एफआईआर दर्ज कराने का भी अधिकार है।राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2012 मोबाइल हैंडसेटों की री-प्रोग्रामिंग के साथ-साथ सुरक्षा+चोरी + छीने जाने के अन्य मामलों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय मोबाइल संपत्ति रजिस्ट्री के गठन की सुविधा प्रदान करती है।
गृह मंत्रालय के अनुसार मोबाइल हैंडसेट/सिम के चोरी के मामलों में पांच फरवरी 2014 को राज्यों और संघशासित प्रदेशों को एक सलाह जारी की गई थी, जिसके तहत इस मामले में एक एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है।
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो मोबाइल फोन की चोरी के मामले में पृथक रूप से आंकड़े इकट्ठा नहीं करता। भारत में अपराध आंकड़े के अनुसार पिछले वर्ष देशभर में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की चोरी के कुल 19,377 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 6,014 की रिकवरी कर ली गई।मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराये गए मामले इस प्रकार हैं –
[१]2011====1123
[२]2012====1205
[३]2013====3610
[४]2014===7159
(30 जून 2014 तक)
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